DMT : Mumbai : (23 फ़रवरी 2023) : –
भारतीय कारोबारी गौतम अदानी की कंपनियों से जुड़ी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के सामने आने के बाद भारत में उनकी कंपनियों के शेयर्स तो लगातार गिर ही रहे हैं, इसका असर ऑस्ट्रेलिया में भी दिख रहा है.
यूके के एक अख़बार ने दावा किया है कि जिन ऑस्ट्रेलियाई निवेशकों ने अदानी की कंपनियों में ये सोचकर निवेश किया था कि वो भारत की ग्रोथ स्टोरी में निवेश कर रहे हैं, उन्हें अब भारी नुक़सान का सामना करना पड़ रहा है.
द गार्डियन के ऑस्ट्रेलियाई संस्करण में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया में रिटायरमेन्ट के लिए रखे सरकारी फ़ंड्स का निवेश अदानी की कंपनियों में किया गया था, जिस पर अभी ख़तरा मंडरा रहा है.
टेलिग्राफ़ लिखता है कि माइकल बैरेट की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि क्वींसलैंड के सरकारी कर्मचारियों और कॉमनवेल्थ बैंक के कर्मचारियों के पेशन फ़ंड जैसे कई सुपरएन्युएशन फ़ंड्स को बढ़ाने की उम्मीद में अदानी की कंपनियों में लगाया गया था.
सुपरएन्युएशन फ़ंड्स एक तरह का पेन्शन फ़ंड होता है जिसमें व्यक्ति की कमाई का एक हिस्सा कंपनी इसमें जमा करती है. इस पैसे को बाज़ार में लगाया जाता है ताकि इसमें इज़ाफ़ा होता रहे.
रिपोर्ट के अनुसार, देश का 243 अरब डॉलर का फ़्यूचर फ़ंड का बड़ा पैसा अदानी की दो कंपनियों में लगा है और इनकी क़ीमत अब मूलधन से भी कम हो गई है. स्वास्थ्य और कम्युनिटी सेवा में लगे कर्मचारियों से जुड़ा 70 अरब डॉलर का हेस्टा फ़ंड भी परेशानी से गुज़र रहा है.
इसी साल 24 जनवरी को अमेरिकी रिसर्च एजेंसी हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी कर अदानी समूह पर धोखाधड़ी और स्टॉक मैनिप्यूलेशन के आरोप लगाए हैं. ये रिपोर्ट आने के बाद अदानी ग्रुप के निवेशकों में खलबली मच गई और शेयरों में भारी गिरावट आई है. अदानी समूह को बैंकों से मिले क़र्ज़ को लेकर भी चिंता जताई जा रही है.
बुधवार को अदानी की संपत्ति में 45 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की गई है जिसके बाद अरबपतियों की फ़ोर्ब्स और ब्लूमबर्ग की सूची के अनुसार अदानी 26वें और 29वें पायदान पर पहुंच गए हैं.
फ़ोर्ब्स की रियल-टाइम अरबपतियों की लिस्ट के अनुसार, अदानी की कुल संपत्ति 43.4 अरब डॉलर हो गई है, वहीं ब्लूमबर्ग की अरबपतियों की लिस्ट में उनकी संपत्ति 42.7 अरब डॉलर हो गई है.
अख़बार लिखता है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के सामने आने के बाद से अदानी की कुल संपत्ति में क़रीब 75 अरब डॉलर की गिरावट आई है.
विश्लेषकों का कहना है कि इसके बाद अब निवेशक इस बात पर चिंता ज़ाहिर कर रहे हैं कि क्या ये कंपनी फिर से विकास की राह पर लौट सकेगी.
वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की भूमिका अहम – आईएमएफ़
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशिका क्रिस्टलीना जॉर्जिएवा के अनुसार, वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत अभी भी अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति में है और साल 2023 में वैश्विक विकास में इसकी भागीदारी क़रीब 15 फ़ीसदी रहेगी.
समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में जॉर्जिएवा ने कहा कि ‘भारत का प्रदर्शन काफ़ी हद तक ठीक रहा है, इस साल मार्च में ख़त्म होने वाले वित्त वर्ष के लिए भारत की विकास दर 6.8 फ़ीसदी रहने का अनुमान है.’
उन्होंने अगले वित्त वर्ष में भारत की विकास दर का अनुमान इस साल के मुक़ाबले थोड़ा कम यानी 6.1 फ़ीसदी बताया और कहा कि पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था के विकास की दर कम रहेगी ऐसे में भारत का प्रदर्शन वैश्विक औसत विकास दर से बेहतर रहने की उम्मीद है.
उन्होंने कहा कि कई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में ये सबसे बेहतर है.
कोविड से डर, महिला ने ख़ुद को तीन साल रखा क़ैद
राजधानी दिल्ली से सटे गुरुग्राम में कोविड महामारी के डर से एक महिला के ख़ुद को और अपने बेटे को तीन साल तक घर में क़ैद रखने का एक मामला सामने आया है.
गुरुग्राम चाइल्ड वेलफ़ेयर कमिटी की एक सदस्य ने बताया कि एक महिला के पति ने इस संबंध में पुलिस को बताया था.
महिला के पति का कहना था कि ‘उनकी पत्नी ने 11 साल के बच्चे समेत ख़ुद को बीते तीन साल से घर में क़ैद कर रखा है और चूंकि उन्हें काम के लिए घर से बाहर जाना पड़ता था, इसलिए महिला ने उनसे दूसरा फ़्लैट लेकर उसमें रहने को कहा था.’
रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने इस महिला और बच्चे को बचा लिया है जिसके बाद महिला की मानसिक स्थिति की जांच की जा रही है.सोशल मीडिया को लेकर बैंकों के सामने नई मुश्किल पेश आ रही है, इस तरह के कई मामले दर्ज किए गए हैं जहां फ़र्ज़ी प्रोफ़ाइल के ज़रिए उपभोक्ताओं से पैसों की ठगी की जा रही है.
इन हैंडल्स के ज़रिए ठग उन उपभोक्ताओं तक पहुंचने की कोशिश करते हैं जो बैंक के किसी काम की वजह से परेशान हैं, वो उन्हें फ़र्ज़ी कस्टमर केयर नंबर देते हैं. इस नंबर पर फ़ोन करने पर उन उपभोक्ताओं को रिमोट ऐक्सेस ऐप डाउनलोग करने को कहा जाता है जिसके बाद ठग उपभोक्ता के फ़ोन से क्रेडिट और डेबिट कार्ड की जानकारी समेत दूसरी संवेदनशील जानकारियां चुरा लेते हैं.
अख़बार लिखता है कि आईसीआईसीआई और एचडीएफ़सी जैसे निजी क्षेत्र के बैंकों के नाम पर ट्विटर पर इस तरह के कई फ़र्ज़ी कस्टमर केयर हैंडल बने हुए हैं.
अख़बार लिखता है कि ये हैंडल ट्विटर वेरिफ़ाइड नहीं होते और इनमें ‘कस्टमर केयर’ की जगह ‘कस्टमर केयर्स’ लिखा होता है. बैंक इस तरह के फ़र्ज़ी अकाउंट को हटाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जिस तेज़ी से ऐसे अकाउंट को सोशल मीडिया से हटाया जा रहा है उतनी ही तेज़ी से इस तरह के नए अकाउंट अस्तित्व में आ रहे हैं.