अदानी मामला: वित्त मंत्री ने निवेशकों को दिलाया भरोसा, कहा- अच्छी स्थिति में है बैंकिंग सेक्टर

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DMT : New Delhi : (04 फ़रवरी 2023) : – अदानी मामले पर पहली बार बोलते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निवेशकों को भरोसा दिलाने की कोशिश की है. उन्होंने कहा है कि बैंकिंग सेक्टर अच्छी स्थिति में है और वित्तीय बाज़ार नियमों के साथ काम कर रहे हैं.

एक टेलीविज़न चैनल को दिए वित्त मंत्री के साक्षात्कार के हवाले से लिखा है, “एसबीआई और एलआईसी ने विस्तार से बयान जारी किया है. इनके प्रमुखों ने खुद कहा है कि उन्होंने सीमा से ज़्यादा कर्ज नहीं दिया है. वो बहुत स्पष्ट थे कि उनका कर्ज़ सीमा के भीतर है.”

अदानी समूह की कंपनियों के शेयरों में लगातार गिरावट से निवेशकों में डर का माहौल है. निवेशकों में घबराहट को लेकर सीतारमण ने कहा कि मार्केट का ऊपर चढ़ना जारी रखेगा.

उन्होंने कहा, “मार्केट पर बजट के तत्काल प्रभाव और अन्य कारणों से थोड़ा नीचे आया है. लेकिन, अगले कुछ दिनों में बजट के कारण बाज़ार ऊपर जाना जारी रखेगा.”

“भारत में स्थिर सरकार है और यहां वित्तीय बाज़ार नियमों के तहत काम कर रहे हैं. इसके कारण निवेशकों का भरोसा कायम रहेगा. हमारे नियामक आमतौर पर नियमों को लेकर बहुत सख़्त रहते हैं और एक घटना इस बात का फ़ैसला नहीं कर सकती कि वित्तीय बाज़ार किस तरह चलाया जा रहा है. दशकों में कई सीख ली गई हैं और हमारे नियामकों ने बाज़ार को अच्छी स्थिति में रखा है.”

अमेरिका की रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी को एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें दावा किया गया कि अदानी समूह के शेयर ओवरवैल्यूड हैं, साथ ही अनियमितताओं के कई आरोप समूह पर लगाए गए, जिसके बाद से ही अदानी समूह को लगातार बाज़ार में नुक़सान हो रहा है.

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में सामने आया है कि देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने अकेले अदानी समूह को 21,000 करोड़ रुपये का क़र्ज़ दिया है. इसमें से 20 करोड़ का क़र्ज़ बैंक की ओवरसीज़ ब्रांच से दिया गया है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ एक अन्य सरकारी बैंक, पंजाब नेशनल बैंक ने अदानी समूह को 7000 करोड़ का क़र्ज़ दिया है.

अदानी समूह के शेयरों की गिरती क़ीमत के बीच भारतीय बैंकों से मिले भारी-भरकम क़र्ज़ को लेकर चिंता जताई जा रही है.

ऐसे में रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने व्यवसायिक बैंकों को संभावित जोख़िम से बचाने के लिए अदानी ग्रुप को दिए गए क़र्ज़ की जानकारी मांगी थी.

हालांकि, शुक्रवार को आरबीआई ने बयान जारी कर कहा है कि देश की बैंकिंग प्रणाली मज़बूत और स्थिर बनी हुई है.

आरबीआई ने कहा, “नियामक और पर्यवेक्षक के तौर पर आरबीआई बैंकिंग सेक्टर और हर एक बैंक पर लगातार नज़र बनाए रखता है ताकि वित्तीय स्थिरता बनी रहे. आरबीआई का बड़े कर्ज़ों को लेकर एक डेटाबेस सिस्टम है जिसमें बैंक पांच करोड़ और उससे ज़्यादा के कर्ज़ की जानकारी देते हैं. इसका इस्तेमाल निगरानी रखने के लिए किया जाता है.”

जजों की नियुक्ति और तबादले से जुड़े सवाल पर क़ानूनी मंत्री का जवाब

क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में शुक्रवार को जजों की नियुक्ति और तबादले से जुड़े सवालों के जवाब दिए हैं. उनसे कॉलेजियम में सुधार को लेकर भी सवाल पूछा गया था.

क़ानून मंत्री ने बताया कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को लिखे एक पत्र में प्रक्रिया ज्ञापन को अंतिम रूप देने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया है.

प्रक्रिया ज्ञापन के तहत ऐसे दस्तावेज आते हैं जिसमें सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों की नियुक्ति और तबादले को लेकर निर्देश होते हैं.

किरेन रिजिजू ने बताया, “ये मसला अब भी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. सुप्रीम कोर्ट की न्यायिक घोषणाओं और सलाहों को देखते हुए सरकार ने मुख्य न्यायाधीश से छह जनवरी 2023 को हुए संचार में प्रक्रिया ज्ञापन को अंतिम रूप देने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया था.”

क़ानून मंत्री ने ये जवाब कांग्रेस सांसद के मुरलीधरण के पूछे गए एक सवाल पर दिया था. मुरलीधरण ने पूछा था कि प्रक्रिया ज्ञापन को अंतिम रूप दे दिया गया है या नहीं.

वहीं, कॉलेजियम सिस्टम में सुधार की ज़रूरत को लेकर टीएमएसी सांसद सौगत रे और कांग्रेस सांसद दीपक बैज़ ने सवाल पूछा था.

इसके लिखित जवाब में किरेन रिजिजू ने बताया कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों और हाईकोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट को सर्च-कम-इवैल्यूएशन कमिटी की सलाह दी है.

मनरेगा के बजट को लेकर सरकार की सफ़ाई

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को साफ़ किया कि केंद्रीय बजट 2023-24 में मनरेगा के लिए बजट कम नहीं किया गया है. अंग्रेज़ी अख़बार द स्टेट्समैन में ये ख़बर दी गई है. मनरेगा योजना के तहत अकुशल कामगारों को एक साल में कम से कम 100 दिनों का रोजगार दिया जाता है.

ग्रामीण विकास मंत्रालय ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि मीडिया रिपोर्ट्स में मनरेगा के लिए बजट में 60 हज़ार करोड़ आवंटित करने को लेकर चिंता जताई गई थी. इसे पिछले साल के 73 हज़ार करोड़ के आवंटन के मुक़ाबले 18 प्रतिशत कम बताया गया था. साथ ही मज़दूरों के रोजगार पर असर को लेकर चिंता जताई गई थी.

मंत्रालय ने कहा, “ये सच्चाई से परे है. ये योजना मांग आधारित है. जब भी अतिरिक्त फंड की ज़रूरत होती है तो वित्त मंत्रालय से फंड का अनुरोध किया जाता है. भारत सरकार मजदूरी और सामग्री से जुड़े भुगतान के लिए फंड जारी करने को लेकर प्रतिबद्ध है ताकि योजना को पूरी तरह से लागू किया जा सके.”

भारतीय वायुसेना में शामिल होगा स्वदेशी मीडिय ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ़्ट

भारतीय वायुसेना एक मीडियम ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ़्ट (एमटीए) प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. ये विमान देश में ही ‘मेक इन इंडिया’ के तहत बनाया गया है.भारत ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत रक्षा क्षेत्र में कई बड़े बदलाव किए हैं. इसके तहत मिसाइल, फ़ील्ड गन्स, टैंक्स, एयरक्राफ्ट कैरियर्स, ड्रोन्स, लड़ाकू विमान, टैंक और हेलिकॉप्टर्स के निर्माण से जुड़े कई प्रोजेक्ट्स चलाए जा रहे हैं.

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