DMT : श्रीहरिकोटा : (03 सितंबर 2023) : – भारत के पहले सौर मिशन ‘आदित्य एल1’ के प्रक्षेपण की उल्टी गिनती शुरू हो गई है जिसे ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) से छोड़ा जाएगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने यह जानकारी दी। सौर वेधशाला मिशन शनिवार को पूर्वाह्न 11 बजकर 50 मिनट पर प्रक्षेपित किये जाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। सौर मिशन पर ऐसे समय में अमल किया जा रहा है जब कुछ ही दिनों पहले भारत का चंद्रयान-3 मिशन सफलतापूर्वक अपने लक्ष्य तक पहुंचा।
इसरो ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘पीएसएलवी-सी57/आदित्य एल1 मिशन : भारतीय समय के अनुसार दो सितंबर 2023 को पूर्वाह्न 11 बजकर 50 मिनट पर प्रक्षेपित करने के लिए उल्टी गिनती शुरू।’ इसमें कहा गया है कि 23 घंटे 40 मिनट की उल्टी गिनती 12 बजकर 10 मिनट पर शुरू हुई। इसरो के प्रमुख एस सोमनाथ ने यहां पत्रकारों से कहा था, ‘हम प्रक्षेपण के लिए तैयारी कर रहे हैं। रॉकेट और सैटेलाइट तैयार हैं। हमने प्रक्षेपण के लिए अभ्यास पूरा कर लिया है। नियत स्थान पर पहुंचने में 125 दिन लगेंगे।’ आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान को सूर्य के परिमंडल के दूरस्थ अवलोकन और एल1 (सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु) पर सौर हवा का वास्तविक अध्ययन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर है। यह सूर्य के अध्ययन के लिए भारत का पहला समर्पित मिशन है जिसे इसरो ऐसे समय अंजाम देने जा रहा है जब हाल ही में इसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कराकर एक नया इतिहास रचते हुए देश को गौरवान्वित किया है।
इसरो प्रमुख ने की चेंगलम्मा मंदिर में पूजा-अर्चना
तिरुपति : इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ शुक्रवार को सुलुरुपेटा में श्री चेंगलम्मा परमेश्वरी मंदिर गए और मिशन की सफलता के लिए पूजा-अर्चना की। इसरो प्रमुख ने बताया कि अंतरिक्ष एजेंसी सूर्य वेधशाला मिशन के बाद आने वाले दिनों में एलवी-डी3 और पीएसएलवी सहित कई अन्य उपग्रहों का प्रक्षेपण करेगी। चेंगलम्मा परमेश्वरी मंदिर के कार्यकारी अधिकारी श्रीनिवास रेड्डी ने बताया कि बीते करीब 15 साल से, रॉकेट के प्रक्षेपण से पहले इसरो के अधिकारियों का इस मंदिर में आना एक परंपरा बन गई है। चंद्रयान-3 मिशन की पूर्वसंध्या पर भी सोमनाथ मंदिर आए थे।