कृषि उत्पादों के निर्यात में पंजाब पीछे, हरियाणा आगे

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DMT : चंडीगढ़ : (06 अप्रैल 2023) : –

पंजाब अब कृषि उत्पादों के निर्यात में पिछड़ गया है, जबकि पड़ोसी राज्य हरियाणा इस मामले में काफी आगे निकल चुका है। पंजाब से कृषि उत्पादों का निर्यात हर साल घट रहा है। राज्य में गेहूं और धान का चक्र निर्यात के अवसर घटा रहा है। प्रोसेसिंग सेक्टर भी कमजोर है, इसलिए पंजाब के लिए निर्यात की राह मुश्किल हो रही है। पंजाब के कृषि प्रधान राज्य होने के बावजूद किसी भी सरकार ने निर्यात की दृष्टि से ध्यान नहीं दिया।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के विवरण के अनुसार, वर्ष 2018-19 में 1402 मिलियन डॉलर के कृषि उत्पादों के निर्यात के साथ पंजाब पूरे देश में नौवें स्थान पर था, जबकि वर्ष 2021-22 में यह आंकड़ा 978 मिलियन डॉलर रहा और राज्य 13वें स्थान पर खिसक गया। वहीं, हरियाणा ने वर्ष 2021-22 में 2746 मिलियन डॉलर के कृषि उत्पादों का निर्यात किया है, जो 2017-18 में 2678 मिलियन डॉलर था।

पंजाब में एक बड़ा क्षेत्र गेहूं और धान के अधीन है। अतीत में, सरकारों ने फलों और सब्जियों या अन्य फसल विविधता पर अधिक ध्यान नहीं दिया। पंजाब के अलग-अलग इलाकों की पहचान खास फलों और सब्जियों से जुड़ी है, लेकिन प्रोसेसिंग का अभाव उन्हें पीछे धकेल देता है। पंजाब की सहकारी संस्थाओं में कृषि उत्पादों को मार्कफेड, मिल्कफेड और पंजाब एग्रो एक्सपोर्ट काॅर्पोरेशन आदि द्वारा विदेश भेजा जाता है।

बठिंडा जिले के प्रगतिशील किसान हरचरण सिंह ढिल्लों (कराड़वाला) ने कहा कि अगर केंद्र सरकार वाघा बॉर्डर खोल दे तो पंजाब देश के नक्शे पर चमक उठेगा। उन्होंने कहा कि पंजाब को निर्यात के लिए महंगा किराया चुकाना पड़ता है, जिसके चलते यह घाटे का सौदा है।

गौरतलब है कि सरकारों ने पंजाब में कई एग्री जोन बनाए थे, लेकिन हकीकत में ज्यादा काम नहीं हो पाया। किसानों का कहना है कि वाघा बॉर्डर खुलने से पंजाब की खेती को काफी बढ़ावा मिलेगा। उनका कहना है कि दुबई के रास्ते कृषि उत्पाद भेजने वाली मुंबई की लॉबी ऐसा नहीं होने दे रही है।

पहली पायदान पर गुजरात

वर्ष 2021-22 के आंकड़ों के अनुसार गुजरात ने देश से सर्वाधिक 9228 मिलियन डॉलर के कृषि उत्पादों का निर्यात किया। दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है, जहां से 8370 करोड़ डॉलर के कृषि उत्पाद विदेश भेजे गए। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल कृषि उत्पादों के निर्यात में अग्रणी राज्यों में से हैं।

नयी कृषि नीति पर करेंगे फोकस : अध्यक्ष

राज्य के किसान एवं मजदूर कल्याण कृषि आयोग के अध्यक्ष डॉ. सुखपाल सिंह ने कहा कि समुद्री तट से दूर होने के कारण पंजाब को नुकसान उठाना पड़ रहा है। पंजाब कच्चे कृषि उत्पादों की आपूर्ति तो करता है, लेकिन प्रसंस्करण की कमी है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा बनाई जा रही नयी कृषि नीति में प्रोसेसिंग सेक्टर पर भी फोकस किया जा रहा है।

रोजगार के अवसरों पर भी चोट

भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद के डॉ. सुखपाल सिंह ने कहा कि पंजाब में प्रोसेसिंग और मार्केटिंग कभी भी प्राथमिकता नहीं रही। उच्च मूल्य वाले उत्पादों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि इससे जहां विदेशी पूंजी नहीं आ सकी, वहीं रोजगार के अवसर भी कम हुए हैं। पंजाब बंदरगाह से काफी दूर है, जिस कारण अन्य राज्यों की तरह मौके नहीं मिल पाते हैं।

लगातार गिरावट

वर्ष निर्यात

(मिलियन डॉलर)

2017-18 1545

2018-19 1402

2019-20 1267

2020-21 1161

2021-22 978

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