DMT : चीन : (08 मार्च 2023) : –चीन के नए विदेश मंत्री चिन गांग ने बीते मंगलवार अमेरिका पर आरोप लगाया है कि वह अपनी हिन्द-प्रशांत रणनीति से चीन को घेरने की कोशिश कर रहा है.
चिन गांग ने ये बात चीनी विदेश मंत्रालय की वार्षिक प्रेसवार्ता के दौरान कही है.
गांग ने कहा है कि ‘अमेरिका की हिन्द-प्रशांत रणनीति नए गुट तैयार करके तनाव बढ़ाने और क्षेत्रीय एकीकरण को कमज़ोर करना चाहती है.’
उन्होंने कहा, “हिन्द-प्रशांत रणनीति क्षेत्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने का दावा करती है लेकिन असल में ये टकराव पैदा करके नेटो का एशिया प्रशांत वर्ज़न तैयार करना चाहती है.”
नेटो यूरोपीय देशों और अमेरिका का सैन्य संगठन है जिसे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद साल 1949 में बनाया गया था.
चीन को घेरना चाहता है अमेरिका
चीनी विदेश मंत्री चिन गांग ने कहा है कि अमेरिकी नीति का असल मक़सद चीन को घेरना है. गांग से पहले दूसरे चीनी नेता भी क्वॉड और ऑकस को इस नीति का हिस्सा बता चुके हैं.
क्वॉड के सदस्य भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका हैं. वहीं, ऑकस समझौता ब्रिटेन, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुआ रक्षा क्षेत्र से जुड़ा समझौता है.
चिन गांग की ओर से की गई इस मुखर आलोचना से ठीक पहले चीन के सर्वोच्च नेता शी जिनपिंग ने अमेरिका की तीखी आलोचना की है.
चीनी संसद के वार्षिक अधिवेशन के दौरान एक डेलिगेशन को संबोधित करते हुए शी जिनपिंग ने कहा, “अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देशों ने चीन को रोकने और दबाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. इसकी वजह से चीन के विकास में अभूतपूर्व गंभीर चुनौतियां पैदा हुई हैं.”
शी जिनपिंग ने अपने संबोधन में कुछ ख़ास क्षेत्रों में आत्म-निर्भरता हासिल करने पर ज़ोर दिया है. चीनी संसद का ये सत्र आगामी 13 मार्च तक चलेगा.
इस दौरान कुछ नए क़ानून पास होने की संभावना है. इनका मक़सद शी जिनपिंग के नेतृत्व में शुरू हुई केंद्रीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना है.
शी जिनपिंग के सत्ता में आने के बाद से चीन में केंद्रीय नेतृत्व का दखल बढ़ता देखा गया है.
इन नए क़ानूनों का मक़सद पार्टी और राज्य की संस्थाओं पर केंद्रीय नेतृत्व का नियंत्रण बढ़ाने के साथ-साथ सरकारी संस्थाओं को पार्टी की निगरानी में लाना है.
बीते मंगलवार इस सत्र में कई प्रस्तावों को सहमति मिली है जिनमें एक नए राष्ट्रीय वित्तीय नियमन आयोग का गठन शामिल है.
ये आयोग चीन की साठ ट्रिलियन डॉलर की बैंकिंग संपत्तियों की देखभाल करेगी.
चीनी विदेश मंत्री चिन गांग ने अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिगड़ते चीन-अमेरिकी रिश्तों पर भी बात की.
हालांकि, दो घंटे से ज़्यादा समय तक चली इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में चिन गांग ने भारत के साथ चीन के रिश्तों पर कुछ भी नहीं कहा.
भारत उसी क्वॉड का सदस्य है जिसे चीन अमेरिका की हिन्द-प्रशांत रणनीति का हिस्सा बताता आया है. लेकिन इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीधे तौर पर भारत का ज़िक्र नहीं किया गया है.
चिन गांग पिछले साल दिसंबर में चीन के विदेश मंत्री बनने से पहले तक अमेरिका में चीन के राजदूत की ज़िम्मेदारी निभा रहे थे.
गांग ने अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ‘अमेरिका दावा करता है कि वह चीन को प्रतिस्पर्धा में पीछे छोड़ना चाहता है लेकिन कोई टकराव नहीं चाहता. हालांकि अमेरिका की तथाकथित प्रतिस्पर्धा का मतलब चीन को हर तरह से रोकना और दबाना है.’
उन्होंने ये भी कहा कि ‘अमेरिका ने जिस ग़लत रास्ते पर चलना शुरू किया है, उस पर चलना बंद नहीं किया और इस रास्ते पर अपनी रफ़्तार बढ़ाता गया तो कोई भी चीज़ दोनों देशों के रिश्तों को पटरी से उतरने से नहीं रोक सकती और निश्चित रूप से संघर्ष और टकराव होगा.’
ताइवान को बताया लक्ष्मण रेखा
चिन गांग ने ताइवान को अमेरिका-चीन रिश्तों की लक्ष्मण रेखा बताया.
उन्होंने कहा कि अमेरिका को ताइवान की लक्ष्मण रेखा पार नहीं करनी चाहिए और चीन शांतिपूर्ण ढंग से ताइवान को अपने साथ मिलाने की पूरी कोशिश करेगा.
हालांकि, उन्होंने ज़रूरत पड़ने पर सभी ज़रूरी क़दम उठाने का अधिकार सुरक्षित रखने की बात कही है.
यूक्रेन और रूस के बीच पिछले एक साल से जारी संघर्ष का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि एशिया में यूक्रेन जैसा संकट नहीं पैदा होना चाहिए और इसे भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा में चेसबोर्ड की तरह इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, “चीनी लोगों को ये सवाल पूछने का पूरा अधिकार है कि जब अमेरिका यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करने की बात करता है तो वह ताइवान के मुद्दे पर चीनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का असम्मान क्यों करता है.”
इसके साथ ही उन्होंने कहा, “अमेरिका चीन से रूस को हथियार नहीं देने की बात क्यों कहता है जब वह ताइवान को लगातार हथियार बेच रहा है.”
इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में चिन गांग ने रूस और चीन के रिश्तों को रणनीतिक भरोसे और अच्छे पड़ोसियों के बीच रिश्तों का मॉडल बताया.
पीएम मोदी 2024 चुनाव के लिए करेंगे 100 रैलियां
बीजेपी ने साल 2024 के आम चुनावों के लिए अपनी तैयारियों को सार्वजनिक करना शुरू कर दिया है.
बीजेपी सूत्रों ने बताया है कि पीएम मोदी आम चुनाव को ध्यान में रखते हुए इस साल कम से कम 100 रैलियों को संबोधित करेंगे.
बीजेपी महिलाओं और अल्पसंख्यक समुदायों को अपनी ओर लाने की कोशिश करेगी.
इसके साथ ही ओडिशा, पश्चिम बंगाल और दक्षिण भारतीय राज्यों की 160 सीटों पर तेज चुनाव अभियान चलाया जाएगा.
सूत्रों ने बताया है कि पीएम मोदी इस साल के अंत तक नए कार्यक्रमों की घोषणा करेंगे और परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे.
सूत्रों ने बताया है कि बीजेपी का चुनाव अभियान सितंबर से गति पकड़ेगा. और केंद्र सरकार उन राज्यों में बड़ी परियोजनाओं की घोषणा करेगी जहां बीजेपी को अपने पैर फैलाने में दिक्कत हो रही है.
मुंबई में तापमान पहुंचा चालीस के पास
मार्च के पहले हफ़्ते में ही मुंबई में तापमान चालीस डिग्री सेल्सियस के क़रीब पहुंचता दिख रहा है.
मुंबई की सांताक्रुज़ ऑब्ज़र्वेटरी ने सोमवार को अधिकतम तापमान 39.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया है.
इस स्टेशन ने सोमवार को भारत में सबसे ज़्यादा तापमान दर्ज करने का रिकॉर्ड बनाया है.
इसके बाद मंगलवार को इसी स्टेशन ने 35 डिग्री सेल्सियस से ज़्यादा तापमान रिकॉर्ड किया है.
भारतीय मौसम विभाग की वैज्ञानिक सुषमा नायर ने बताया है कि तापमान में अचानक बढ़त होने की वजह मजबूत पूर्वी हवाएं हैं.
हालांकि, सोमवार के बाद मुंबई में हल्की फुल्की बारिश भी दर्ज की गयी है.