DMT : अजनाला : (23 फ़रवरी 2023) : –
‘वारिस पंजाब दे’ नामक संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह और उनके समर्थक अमृतसर के अजनाला के थाने के भीतर अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
वहां से आ रही तस्वीरों में सैकड़ों समर्थकों को देखा जा सकता है. इनमें कुछ के पास बंदूकें और तलवारें भी हैं. अमृतपाल सिंह अपने सहयोगी तूफान सिंह की रिहाई की मांग कर रहे हैं.
इसके अलावा वे अपने पांच साथियों के ख़िलाफ़ दर्ज शिकायतों को भी रद्द करने की बात की है.
अमृतसर के पुलिस कमिशनर ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया है कि प्रदर्शनकारियों से बात हो गई है और अब ये लोग शांतिपूर्वक यहां से चले जाएंगे.”उन्होंने ने हमें पर्याप्त सबूत दिए हैं कि अभियुक्त लवप्रीत तूफ़ान बेगुनाह हैं. एसआईटी ने इसका संज्ञान लिया है. अब ये लोग शांति से यहां से चले जाएंगे और क़ानून अपना काम करेगा.”
अमृतसर के एसएसपी ने भी मीडिया को बताया है कि तूफ़ान सिंह को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा.
अमृतपाल सिंह ने भी कहा है कि पुलिस केस खत्म कर रही है.
अब से थोड़ी देर पहले उन्होंने मीडिया को बताया है कि वे अपने साथी को रिहा करवाकर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर लेकर जाएंगे. उन्होंने कहा पंजाब पुलिस ने कम से कम 15 हज़ार लोगों को उनके पास पहुँचने से रोका है.
इससे पहले आज यानी 23 फरवरी को अमृतपाल सिंह ने अपने समर्थकों के साथ गांव जल्लूपुर खेड़ा से अजनाला थाने की ओर पदयात्रा शुरू की. उनके समर्थक कई जगहों पर बैरिकेड्स तोड़ते हुए आगे बढ़ते रहे. कई बार पर पुलिस और समर्थकों के बीच झड़प भी हुई.
अमृतपाल सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमारे साथी के ख़िलाफ़ राजनीतिक मंशा के साथ एफ़आईआर दर्ज की गई है. इनको लगता है कि हम कुछ करने लायक़ नहीं है. अगर वो एक घंटे के भीतर केस को रद्द नहीं करते हैं तो जो कुछ यहां होगा उसके लिए प्रशासन ज़िम्मेदार होगा.”
उनका दावा है कि जिस व्यक्ति की शिकायत पर उनके साथी को गिरफ़्तार किया गया है उसका दिमागी संतुलन ठीक नहीं है.
अमृतपाल सिंह ने कहा, “इन्होंने छह व्यक्तियों को नामज़द किया और 20 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ पर्चा लिखा…ये सब एक ऐसे व्यक्ति के बयान पर जो मानसिक रूप से बीमार है.”
आपको बता दें कि 15 फरवरी को एक शख्स की पिटाई का वीडियो वायरल हुआ था. इसके बाद वरिंदर सिंह नाम के एक व्यक्ति ने दावा किया कि अमृतपाल सिंह और उसके साथियों ने उनके साथ मारपीट की थी.
वरिंदर सिंह की तहरीर पर अजनाला पुलिस ने अमृतपाल सिंह और उसके कुछ साथियों के ख़िलाफ़ मारपीट और लूट का मामला दर्ज किया था.
शिकायतकर्ता वरिंदर सिंह चमकौर साहिब के गांव सलेमपुर के रहने वाले हैं. वे धर्म प्रचार करते हैं.
डीएसपी संजीव कुमार ने कहा था, ‘वरिंदर सिंह ने सोशल मीडिया पर लाइव जाकर अमृतपाल के खिलाफ अपनी बात रखी, जिसके बाद दोनों में अनबन बढ़ गई.’
‘वारिस पंजाब दे’ संगठन की स्थापना दीप सिद्धू ने की थी.
अभिनेता और किसान कार्यकर्ता संदीप सिंह उर्फ दीप सिद्धू की 15 फरवरी, 2022 को हरियाणा के सोनीपत में दिल्ली से पंजाब जाते समय एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी
किसान आंदोलन के दौरान 26 जनवरी 2021 को दिल्ली हिंसा में दीप सिद्धू मुख्य अभियुक्त थे.
26 जनवरी को भारत के गणतंत्र दिवस के मौके पर शांतिपूर्ण ट्रैक्टर परेड के दावों के विपरीत, प्रदर्शनकारियों ने लाल किले में जो कुछ किया था, उसकी तस्वीरें पूरी दुनिया ने देखीं.
दिल्ली पुलिस ने कुछ दिनों बाद उन्हें करनाल से गिरफ्तार कर लिया था. दीप सिद्धू की मृत्यु के बाद अमृतपाल सिंह ने इस संगठन की कमान संभाल ली थी.
22 फरवरी को अमृतपाल सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा था कि अगर तूफान सिंह को रिहा नहीं किया गया तो वह 23 फरवरी को अजनाला थाने पहुंचकर उसे रिहा करवा लेंगे.
अमृतपाल सिंह ख़ालिस्तान के समर्थक हैं और इसपर आए दिन बयान देते रहते हैं. हाल ही में वे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बारे में दिए गए बयान के बाद ख़बरों में आए थे.
“मेरा सवाल है कि आजतक अमित शाह ने हिंदू राष्ट्र के बारे में ऐसा बयान क्यों नहीं दिया है. ये असमानता क्यों है? मुझे मतांतर से दिक्कत नहीं है, आलोचना से कोई प्रॉब्लम नहीं लेकिन मेरे आयडिया का अपराधीकरण कर देना…इस बात पर सबको दिक्कत होनी चाहिए.”
उन्होंने कहा था कि वे हिंदू राष्ट्र के ख़िलाफ़ नहीं हैं और ख़ालिस्तान हासिल करना सिखों के लिए गुनाह नहीं सम्मान की बात है.
अमृतपाल सिंह के बयानों की विवेचना कुछ यूं करते हैं, “1978 में दल ख़ालसा ने भी ख़ालिस्तान की मांग की थी. उससे पहले जगजती सिंह चौहान ने भी यही मांग की थी. ये कोई नई बात नहीं है. ये नारा लगातार चलता आ रहा है. इससे बढ़कर इसमें कुछ नहीं है, फ़िलहाल.”
पंजाब के मौजूदा माहौल पर जगतार सिंह कहते हैं, “भारत के बाहर मौजूद सिख खालिस्तान की बात कर रहे हैं लेकिन पंजाब के भीतर नहीं कर रहे. लेकिन मुझे नहीं लगता कि कोई चिंता वाली बात है.”
“चिंता की बात है कि इस बार अलगाववाद का एक नया रूप देखने को मिल रहा है. एजेंसियां इसे गैंगस्टर आतंकवाद कह रही हैं. ये एक नया रूप है.”