DMT : New Delhi : (18 फ़रवरी 2023) : –
आयकर विभाग ने एक बयान जारी करके दावा किया है कि ‘एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मीडिया कंपनी के दफ़्तरों’ में सर्वे के बाद टैक्स का भुगतान करने में अनियमितताएँ पाई गई हैं.
केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधीन काम करने वाले सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ डायरेक्ट टैक्सेस की ओर से जारी एक पन्ने के बयान में बीबीसी का नाम कहीं नहीं लिखा गया है.
बीबीसी ने कहा है कि ऐसे किसी भी आधिकारिक संदेश का उचित उत्तर दिया जाएगा जो उसे आयकर विभाग से प्रत्यक्ष रूप से प्राप्त होगा.
आयकर विभाग के इस दावे को केंद्रीय पत्र सूचना कार्यालय पीआईबी ने भी जारी किया था, इस बयान के बारे में माना जा रहा है कि यह बीबीसी में हुई जाँच के बारे में है.
आयकर विभाग के अधिकारियों ने तीन दिनों तक बीबीसी के दिल्ली-मुंबई स्थित दफ़्तरों में दस्तावेज़ों की पड़ताल की थी और बीबीसी के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ की थी.
आयकर विभाग की इस कार्रवाई की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफ़ी आलोचना हुई थी, भारत में संसद में विपक्षी दलों के नेताओं ने इस कार्रवाई को ‘प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला’ बताया था.
‘सर्वे’ के दौरान क्या हुआ
आयकर विभाग ने बयान में कहा है कि ‘सर्वे’ अभियान इस तरीक़े से किया गया ताकि लगातार चलने वाली मीडिया/चैनल की गतिविधि को सुगम बनाया जा सके.
हालाँकि इस दौरान कई घंटे बीबीसी के पत्रकारों को काम नहीं करने दिया गया. कई पत्रकारों के साथ आयकर विभाग के कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों ने दुर्व्यवहार भी किया.
पत्रकारों के कंप्यूटरों की छान-बीन की गयी, उनके फ़ोन रखवा दिए गए और उनसे उनके काम के तरीक़ों के बारे में जानकारी ली गयी. साथ ही दिल्ली दफ़्तर में कार्यरत पत्रकारों को इस सर्वे के बारे में कुछ भी लिखने से रोका गया.
सीनियर एडिटर्स के लगातार कहने के बाद जब काम शुरू करने दिया गया तब भी हिन्दी और अंग्रेज़ी के पत्रकारों को काम करने से और देर तक रोका गया. इन दोनों भाषाओं के पत्रकारों को इस तरह तब काम करने दिया गया जब वे प्रसारण समय के नज़दीक पहुँच चुके थे.