भारत-मलेशिया के बीच अब डॉलर नहीं, भारतीय मुद्रा में भी हो सकेगा व्यापार

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DMT : मलेशिया  : (02 अप्रैल 2023) : – भारत और मलेशिया के बीच होने वाले व्यापार पर वैश्विक हलचल का असर न पड़े, इसके लिए दोनों के बीच व्यापार अब अमेरिकी डॉलर की बजाय भारतीय मुद्रा में भी हो सकेगा.

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत और मलेशिया के बीच भारतीय मुद्रा में व्यापार करने को लेकर अहम सहमति बन गई है.

अख़बार लिखता है कि ये घोषणा ऐसे वक्त की गई है जब अधिकारी कोशिश कर रहे हैं कि रूस यूक्रेन युद्ध का असर दोनों मुल्कों के व्यापार पर न पड़े.

वैश्विक व्यापार के लिए रिज़र्व करेंसी के रूप में अधिकतर अमेरिकी डॉलर का इस्तेमाल किया जाता है. डॉलर छोड़ कर अपनी मुद्रा में व्यापार करने के भारत के इस कदम को अंतरराष्ट्रीय व्यापार में डॉलर का इस्तेमाल कम करने के कदम के तौर पर देखा जा रहा है.

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि भारत और मलेशिया के बीच व्यापार दूसरी मुद्रा में तो हो ही रहा है और अब ये भारतीय मुद्रा में भी हो सकेगा. जुलाई 2022 में रिज़र्व बैंक ने फ़ैसला लिया था कि वैश्विक व्यापार अब भारतीर मुद्रा में भी किया जा सकेगा, जिसके बाद ही ये कदम उठाया गया है.

यूनियन बैंक ने एक बयान जारी कर कहा है कि उसने इस काम के लिए मलेशिया में मौजूद इंडिया इंटरनेशनल बैंक ऑफ़ मलेशिया में एक ख़ास बैंक खाता भी खोला है और ऐसा करने वाला वो देश का पहला बैंक बन गया है.

रूस के यूक्रेन के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ने के बाद पश्चिमी देशों ने उस पर कई प्रतिबंध लगा दिए थे जिसके बाद रूस के साथ अमेरिकी डॉलर में व्यापार करना बेहद मुश्किल हो गया था.

इसी के मद्देनज़र बीते साल रिज़र्व बैंक ने 18 देशों के बैंकों को ख़ास वोस्त्रो अकाउंट खोलने की इजाज़त दी थी, ताकि वैश्विक व्यापार डॉलर की बजाय दूसरी मुद्रा में किया जा सके.

सरकार ने बीते साल 14 मार्च को राज्य सभा में बताया था कि जिन 18 देशों के नाम इस लिस्ट में थे मलेशिया उन्हीं में से एक है.

पेगासस के बजाय एक नया स्पाईवेयर खरीदेगी सरकार, 12 करोड़ डॉलर का बजट

भारत सरकार एक नया स्पाईवेयर सिस्टम खरीदने की तैयारी में है जिसके लिए बातचीत आगे के स्तर तक पहुंच गई है.

भारत सरकार विवादित पेगासस स्पाईवेयर की बजाय अब एक हल्के प्रोफ़ाइल वाला स्पाईवेयर सिस्टम खरीदना चाहती है. इसके लिए 12 करोड़ डॉलर (करीब नौ अरब 86 करोड़) तक का बजट रखा गया है.

एफ़टी के हवाले से अख़बार ने लिखा है कि सरकारी अधिकारी ऐसा स्पाईवेयर सिस्टम खरीदना चाहते हैं जिसका इस्तेमाल अन्य जगहों पर पेगासस के मुक़ाबले कम हुआ हो. पेगासस इसराइल के एनएसओ ग्रुप का स्पाईवेयर सिस्टम है.

पेगासस पिछले साल कई सप्ताह तक विवादों में रहा था. रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि कई राजनेताओं, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और पत्रकारों के ख़िलाफ़ इसका इस्तेमाल किया गया है.

भारत सरकार ने इन रिपोर्ट्स को लेकर कहा था कि ये ‘सनसनी’ फैलाने वाली ख़बरे हैं और इनसे भारतीय लोकतंत्र की छवि ख़राब करने की कोशिश हो रही है.

भारतीय रक्षा मंत्रालय ने भी कहा था कि उसका एनएसओ ग्रुप से कोई लेन-देन नहीं हुआ है.

नए स्पाईवेयर सिस्टर को लेकर भारत की बातचीत आगे के स्तर तक पहुंच चुकी है.

इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि भारतीय अधिकारियों ने पेगासस के कई प्रतिस्पर्धियों से संपर्क किया है. इसमें यूनान में विकसित प्रीडेटर स्पाईवेयर शामिल है.

मध्य प्रदेश के इंदौर में मंदिर के अंदर बनी बावड़ी में गुरुवार को कई लोग गिर गए जिसमें करीब 36 लोगों की मौत हो गई है.

अख़बार ने इन हादसे की वजहों के पीछे कई स्तर पर हुई लापरवाही को ज़िम्मेदार बताया है.

अख़बार के मुताबिक़ ये बावड़ी एक अवैध निर्माण था जिस पर प्रशासन की नज़र नहीं गई और इससे जुड़ी चेतावनियों पर ध्यान नहीं दिया गया. वहीं, मंदिर ट्रस्ट ने नियमों का उल्लंघन करने के पीछे श्रद्धालुओं की भावनाओं को कारण बताया है.

चार साल पहले इंदौर नगर निगम ने शहर में कुल कुओं या बावड़ियों की संख्या पता करने के लिए सर्वे किया था. लेकिन, बालेश्वर माधव झूलेलाल मंदिर के अंदर बनी बावड़ी उस सूची में नहीं थी.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ”शहर में करीब 600 कुएं मिले थे लेकिन ये बावड़ी उस सूची में नहीं थी. हालांकि, नगर निगम के अधिकारियों को इस बावड़ी की जानकारी थी और मंदिर ट्रस्ट को इसकी छत हटाने के लिए भी कहा गया था लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया.”

गुरुवार की घटना को देखते हुए नगर निगम शहर के सभी कुंओं का फिर से सर्वे कर रहा है और ये भी पता लगा रहा है कि कहां अतिक्रमण किया गया है.

एक अधिकारी ने बताया, ”हम ऐसे ढांचे ढहा देंगे या इनकी मरम्मत करेंगे या उन्हें भर देंगे. क्या तरीक़ा अपनाया जाएगा, ये तकनीकी रिपोर्ट पर निर्भर करेगा.”

दिल्ली के सुल्तानपुरी में 1 जनवरी 2022 की रात कार सवार युवकों ने 20 साल की स्कूटी सवार युवती को टक्कर मार दी थी.

उसके बाद उन्हें कार से 13 किमी. तक घसीटा था. अंजलि को घसीटती हुई कार 13 किलोमीटर दूर कंझावाला ले गई थी.

इस मामले के तीन महीने बाद चार्जशीट दाखिल की गई है. पुलिस का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद सात लोगों को गिरफ़्तार किया गया था.

पुलिस ने इस मामले में दीपक खन्ना, अमित खन्ना, कृष्णा, मिथुन और मनोज मित्तल को गिरफ़्तार किया था. दो अन्य अभियुक्त आशुतोष भारद्वाज और अंकुश को अदालत जमानत दे चुकी है.

पुलिस ने 117 गवाहों के आधार पर 800 पन्नों की चार्जशीट तैयार की है.

मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सान्या दलाल ने इस मामले की फाइनल रिपोर्ट पर विचार करने के लिए 13 अप्रैल की तारीख तय की है. उन्होंने कहा, ”ये बहुत भारी फ़ाइल है और इसे देखने के लिए मुझे कुछ वक़्त चाहिए.”

हावड़ा में 30 मार्च को रामनवमी की शोभा यात्रा के दौरान हिंसा हो गई थी. फॉरेंसिक विशेषज्ञों की एक टीम ने इलाक़े की जांच करके सबूत इकट्ठा किए हैं.

वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में अभी तक 38 लोगों गिरफ़्तार किया गया है. इलाक़े में स्थिति नियंत्रण में है और यातायात सामान्य हो गया है.

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने शुक्रवार शाम को पुलिस को निष्पक्षता और मजबूती से काम करने के निर्देश दिए थे.

राज्यपाल और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की स्थिति की समीक्षा को लेकर गोपनीय चर्चा भी हुई थी. अख़बारों ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि इसी चर्चा के बाद मामले को सीआईडी को देने का फ़ैसला किया गया है.

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