रूस को चीनी हथियार मिले तो अमेरिका उठाएगा ये क़दम, चीन ने किया पलटवार

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DMT : रूस  : (20 फ़रवरी 2023) : –

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बीते रविवार दावा किया है कि चीन यूक्रेन के साथ जारी युद्ध में रूस को हथियार और गोला-बारूद देने पर विचार कर रहा है.

ब्लिंकन ने अमेरिकी मीडिया समूह सीबीएस न्यूज़ को बताया है कि चीनी कंपनियां पहले ही रूस को नॉन-लीथल सपोर्ट उपलब्ध करा रही हैं.

उन्होंने कहा है कि नयी जानकारी के मुताबिक़ चीन रूस को लीथल सपोर्ट देने पर भी विचार कर रहा है.

यहां लीथल सपोर्ट से आशय हानि पहुंचाने वाले साजो-सामान जैसे गोला-बारूद और नॉन-लीथल सपोर्ट से आशय हानि न पहुंचाने वाले सामान से है.

एंटनी ब्लिंकन ने ये जानकारी देने के साथ ही चेतावनी दी है कि अगर ऐसा होता है तो चीन को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.

चीन का पलटवार

चीन ने अब तक उन ख़बरों का खंडन किया है जिनमें ये दावा किया गया है कि रूस ने चीन से सैन्य साजो-सामान मांगा है.

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनविन ने कहा है, “अमेरिका को दूसरों पर आरोप मढ़ने और झूठी सूचनाएं फैलाने जैसे कार्यकलापों पर मंथन करना चाहिए. अमेरिका स्वयं लगातार हथियारों की सप्लाई कर रहा है.”

प्रवक्ता ने कहा कि चीन यूक्रेन और रूस के बीच शांति वार्ताओं के समर्थन के लिए प्रतिबद्ध है.

एक प्रेसवार्ता में चीनी प्रवक्ता ने कहा है कि चीन नहीं बल्कि अमेरिका युद्ध में हथियार भेज रहा है और वो चीन-रूस संबंधों में किसी के हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करेगा.

प्रवक्ता ने कहा, “संघर्ष को हवा कौन दे रहा है, लड़ाई में उकसाने के लिए चाकू कौन भेज रहा है.”

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सहयोगी हैं. और उन्होंने अब तक यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की निंदा नहीं की है.

हालांकि, शी ने इस मामले में तटस्थ रहने की कोशिश करते हुए शांति व्यवस्था कायम करने की अपील की है.

चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह अमेरिका की ओर से रूस के साथ संबंधों को लेकर दबाव और आरोप स्वीकार नहीं करेगा.

ब्लिंकन का ये बयान शनिवार को म्युनिख़ सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में चीनी राजनयिक वांग यी के साथ मुलाक़ात के बाद आया है.

उन्होंने कहा है कि ‘इस मुलाक़ात के दौरान उन्होंने चीन की ओर से रूस को हथियार आदि उपलब्ध कराए जाने की संभावनाओं पर गहरी चिंता ज़ाहिर की है.’

क्यों परेशान है अमेरिका?

ब्लिंकन ने कहा, “आज तक हमने देखा है कि चीनी कंपनियां यूक्रेन के साथ युद्ध में रूस को नॉन-लीथल सपोर्ट उपलब्ध करा रही हैं. हमारी मौजूदा चिंता की वजह हमारे पास उपलब्ध जानकारी है जिसके मुताबिक़ चीनी कंपनियां लीथल सपोर्ट देने पर विचार कर रही हैं.”

हालांकि, उन्होंने ये नहीं बताया है कि अमेरिका को चीन की संभावित योजनाओं के बारे में क्या जानकारी मिली है.

ब्लिंकन ने इतना ज़रूर बताया है कि चीन रूस को हथियार और गोला-बारूद दे सकता है.

अमेरिका ने यूक्रेन युद्ध में हज़ारों लड़ाके देने वाले वाग्नर समूह को कथित रूप से यूक्रेन की सैटेलाइट तस्वीरें देने वाली चीनी कंपनी पर प्रतिबंध लगाए हैं.

ब्लिंकन ने सीबीएस के साथ बातचीत में कहा कि ‘चीन में निजी कंपनियों और राज्य के बीच किसी तरह का भेद नहीं किया जा सकता.’

उन्होंने कहा है कि अगर रूस चीन को हथियार देता है तो ये हमारे लिए और हमारे संबंधों के लिए बड़ी समस्या होगी.

इस महीने की शुरुआत में अमेरिका की ओर से कथित चीनी जासूसी गुब्बारा गिराए जाने के बाद दोनों देशों के पहले से ख़राब चल रहे संबंधों में नयी तल्खी देखने को मिली है.

दोनों ही पक्ष इस मामले को लेकर काफ़ी शर्मिंदा दिखे हैं और इससे आगे बढ़ने की कोशिश करते दिख रहे हैं.

चीन ने हथियार दिए तो क्या होगा?

लेकिन अगर चीन यूक्रेन में युद्ध लड़ रही रूसी सेना को हथियार देती है तो अमेरिका और चीन के आपसी संबंधों में भारी तल्ख़ी देखने को मिलेगी.

ब्लिंकन ने ये भी कहा कि अमेरिका इस बात को लेकर चिंतित था कि चीन रूसी अर्थव्यवस्था को कमजोर करने के लिए लगाए गए पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों से बचने में रूस की मदद कर रहा है. चीन के साथ रूस के व्यापार में वृद्धि होती देखी गयी है. और चीन रूसी तेल, गैस और कोयले के लिए एक बड़ा बाज़ार है.

अमेरिका समेत नेटो के सदस्य देश तमाम तरह के हथियार, गोला-बारूद और उपकरण यूक्रेन को भेज रहे हैं जिनमें टैंक भी शामिल हैं.

उनकी ओर से लड़ाकू विमान भेजा जाना शेष है.

लेकिन अमेरिकी विदेश मंत्री ने इस बात का स्पष्ट जवाब नहीं दिया है कि क्या अमेरिका यूक्रेन को लड़ाकू विमान भेजने में दूसरे देशों की मदद करेगा या नहीं.

ब्लिंकन ने कहा है कि ‘हम इस बात को लेकर बहुत स्पष्ट रहे हैं कि हमें किसी ख़ास हथियार प्रणाली पर ध्यान केंद्रित नहीं करना चाहिए.’

हालांकि, उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों को सुनिश्चित करना चाहिए कि यूक्रेन आने वाले महीनों में संभावित रूसी आक्रमण से निबटने में सक्षम रहे.

रूस फिलहाल यूक्रेन के पूर्वी क्षेत्रों में आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा है जहां इस युद्ध के दौरान सबसे भीषण संघर्ष देखने को मिली है.

अमेरिकी राजनयिक की ओर से ये टिप्पणी चीनी राजनयिक वांग की प्रस्तावित रूस दौरे से ठीक पहले आया है.

कौन नहीं चाहता युद्ध रुकना?

वांग इस समय चीनी विदेश नीति के मुखिया के रूप में यूरोप का दौरा कर रहे हैं.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़, वांग ने शनिवार को म्युनिख़ में कहा है कि चीन यूक्रेन युद्ध को लेकर न तो हाथ पर हाथ रखकर बैठा रहा और न ही उसने आग में घी डालने का काम किया.

वांग ने कहा है कि चीन इस संघर्ष को लेकर उसकी स्थिति के संदर्भ में एक दस्तावेज़ प्रकाशित करेगा. ये दस्तावेज़ कहेगा कि सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता का हमेशा सम्मान करना चाहिए.

वांग कहते हैं कि ‘मेरा यूरोप में हमारे मित्रों समेत सभी को सुझाव है कि वे ठंडे दिमाग़ से उन उपायों पर विचार करें जिनसे ये युद्ध रोका जा सके.’

उन्होंने ये भी कहा कि ‘कुछ ताक़तें चाहती हैं कि शांति वार्ता सफल न हो और ये युद्ध जल्द न रुके.’

हालांकि, उन्होंने ये नहीं बताया है कि उनका इशारा किसकी ओर है.

इटली के विदेश मंत्री अंतोनियो ताजानी ने बताया है कि ‘चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग 24 फरवरी को यूक्रेन युद्ध का एक वर्ष पूरा होने की तारीख़ पर ‘शांति भाषण’ देने वाले हैं.

रॉयटर्स के मुताबिक़, ताजानी ने इटली के रेडियो कार्यक्रम में बताया है कि शी जिनपिंग अपने भाषण में रूस की निंदा किए बग़ैर शांति का आह्वान करेंगे.

ब्लिंकन और वांग यी के बीच बैठक के दौरान हाल ही में अमेरिका की ओर से गिराए कथित चीनी स्पाई बैलून को लेकर तीख़ी बयानबाज़ी भी हुई.

ब्लिंकन ने इस बैठक के दौरान कहा कि अमेरिका कभी अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं करेगा और ऐसा ग़ैर ज़िम्मेदाराना कार्य कभी नहीं होना चाहिए.

ब्लिंकन ने सीबीएस को बताया है कि दूसरे देश भी पांच महाद्वीपों में पसरे चीनी स्पाई बैलून कार्यक्रम को लेकर चिंतित थे.

हालांकि, वांग ने इस घटना को अमेरिका की ओर से तैयार किया गया राजनीतिक तमाशा करार दिया है.

इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका पर चीन को नियंत्रित करने के लिए सभी तरह के प्रयास करने का आरोप लगाया है.

चीन ने स्पाई बैलून भेजने से इनकार किया है.

इसके साथ ही रविवार के बीजिंग ने कहा है कि अगर अमेरिका ने बैलून को लेकर बहस को आगे बढ़ाया तो उसके परिणामों के लिए वह स्वयं ही ज़िम्मेदार होगा.

रॉयटर्स के मुताबिक़, चीन ने कहा है कि अमेरिका ने अगर इस मामले का फायदा उठाने की कोशिश की तो चीन इसे अंतिम चरण तक ले जाएगा.

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