विपक्षी दलों का ईडी केंद्र की ओर एकजुट कदमताल

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DMT : नयी दिल्ली : (16 मार्च 2023) : – कांग्रेस समेत 16 विपक्षी दलों के नेताओं ने अडाणी समूह के खिलाफ लगे आरोपों की जांच की मांग करते हुए बुधवार को संसद भवन से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुख्यालय की ओर मार्च निकाला। हालांकि पुलिस ने उन्हें विजय चौक पर ही रोक लिया। प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक एसके मिश्रा को ईमेल किए गए पत्र में विपक्षी नेताओं ने कहा कि यह संस्था अपने अधिकार क्षेत्र का त्याग नहीं कर सकती और उसे जांच करनी चाहिए।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कई विपक्षी नेता जब ईडी मुख्यालय के लिए संसद भवन से निकले तो पुलिस ने विजय चौक पर उन्हें रोका। पुलिस ने वहां अवरोधक लगा रखे थे। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने संवाददाताओं से कहा, ‘लाखों करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। एलआईसी, स्टेट बैंक और दूसरे कई बैंक बर्बाद हो गए हैं। लोगों के बैंकों में रखे पैसे एक व्यक्ति को दे दिए गए। एक व्यक्ति अचानक से इतना अमीर हो गया। आज इस व्यक्ति की संपत्ति 13 लाख करोड़ रुपये हो गई है। इसकी जांच होनी चाहिए कि अडाणी और मोदी जी का रिश्ता क्या है।’

राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने आरोप लगाया कि यह तानाशाही सरकार है और यह विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है। कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड), शिवसेना (यूबीटी), राष्ट्रीय जनता दल, झारखंड मुक्ति मोर्चा, आम आदमी पार्टी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, और कई अन्य दलों के नेताओं ने इस पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।

तृणमूल नहीं थी मार्च का हिस्सा

तृणमूल कांग्रेस विपक्षी दलों के इस मार्च का हिस्सा नहीं थी। उसके सांसदों ने घरेलू रसोई गैस (एलपीजी) की कीमतों में वृद्धि को लेकर संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया। अमेरिकी वित्तीय शोध संस्था ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की रिपोर्ट आने के बाद से ही अडाणी समूह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार हमलावर विपक्षी दलों के सदस्यों की मांग है कि इस मुद्दे की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया जाए।

राहुल के कारण कांग्रेस ‘राजनीतिक तबाही’ की ओर : ईरानी

नयी दिल्ली :केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ब्रिटेन में की गई उनकी हालिया टिप्पणी की आलोचना की और कहा कि भारत का लोकतंत्र खतरे में नहीं है, लेकिन विदेशों में उन्होंने (राहुल ने) जिस तरह का ‘व्यवहार’ किया, उससे उन्होंने विपक्षी पार्टी को ‘राजनीतिक तबाही’ की ओर धकेल दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए उनका द्वेष भारत के प्रति द्वेष में बदल चुका है। हाल ही में लंदन में एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि भारतीय लोकतंत्र के ढांचे पर ‘बर्बर हमला’ हो रहा है। उन्होंने अफसोस जताया कि अमेरिका और यूरोप समेत दुनिया के लोकतांत्रिक हिस्से इस पर ध्यान देने में नाकाम रहे हैं। राहुल ने व्याख्यान में यह आरोप भी लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट कर रहे हैं। ईरानी ने संवाददाताओं से कहा कि यह सब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की मजबूत विकास गाथा को रोकने के लिए है। ‘हालांकि, जम्मू एवं कश्मीर में इसी सज्जन ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान कहा था कि भारत में सब ठीक है।’ उन्होंने पूछा, ‘मिस्टर गांधी, आपकी कौन सी बात झूठी थी? भारत में आपका बयान या इंगलैंड में आपका बयान? ‘ उन्होंने मांग की कि संसद से भागने के बजाय गांधी को देश के लोगों, संविधान और मतदाताओं का अपमान करने के लिए माफी मांगनी चाहिए।

हंगामे के चलते संसद लगातार तीसरे दिन ठप

नयी दिल्ली (एजेंसी) :संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में लगातार तीसरे दिन बुधवार को लोकसभा में सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा भारतीय लोकतंत्र को लेकर लंदन में दिए गए बयान पर और विपक्षी सदस्यों ने अडाणी समूह से जुड़े मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग को लेकर भारी हंगामा किया। सदस्यों के शोर-शराबे के कारण निचले सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 2 बजकर करीब 12 मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी। सदन की बैठक शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल चलाने का निर्देश दिया। लेकिन सत्ता पक्ष के सदस्यों ने राहुल गांधी के लंदन में दिए गए बयान पर और विपक्षी सदस्यों ने अडाणी समूह से जुड़े मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा नहीं थमने पर अध्यक्ष बिरला ने सदन की कार्यवाही दोपहर बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी। राज्यसभा में भी कमोबेश यही स्थिति रही। उच्च सदन में सत्तापक्ष एवं विपक्ष के सदस्यों के हंगामे के कारण शून्यकाल एवं प्रश्नकाल आज भी नहीं हो सका तथा बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजकर करीब पांच मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी।

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