DMT : नयी दिल्ली : (15 जनवरी 2024) : –
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख और पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल के खिलाफ 2021 में दर्ज एक प्राथमिकी को रद्द करने के पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली पंजाब सरकार की अपील शुक्रवार को खारिज कर दी।
सुखबीर के खिलाफ प्राथमिकी महामारी रोग अधिनियम, 1897 के तहत और लोकसेवक के आदेश की अवज्ञा करने, बाधा उत्पन्न करने, धमकी देने और गैरकानूनी गतिविधियों के आरोप में दर्ज की गई थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अमृतसर जिले के ब्यास शहर में एक निजी कंपनी के खनन कार्यों में बाधा डाली थी। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने आश्चर्य जताया कि मामले में शिकायतकर्ता ने शीर्ष अदालत का दरवाजा क्यों नहीं खटखटाया और केवल राज्य सरकार ने प्राथमिकी को रद्द करने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील क्यों की। यह उल्लेख करते हुए कि यह ‘निस्संदेह एक फर्जी मामला’ था, पीठ ने पंजाब सरकार के वकील से कहा, ‘सिर्फ इसलिए कि एक व्यक्ति, जो एक राजनीतिक नेता है, घटनास्थल का निरीक्षण करने या कुछ और करने के लिए वहां गया था, उस पर मामला दर्ज किया गया था। अपराध का कोई आरोप नहीं बनता है।’ वकील ने जब दलील दी कि हाईकोर्ट ने गलत तरीके से प्राथमिकी को रद्द कर दिया, तो पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट ने दस्तावेज़ का अध्ययन किया और पाया कि कोई भी अपराध नहीं बनता है।