DMT : चंडीगढ़ : (17 मार्च 2023) : – बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ योजना में अग्रणी बनने वाले राज्य हरियाणा में अभी भी लड़कियों के लिए शिक्षा की डगर कठिन है। प्रदेश में लड़कियां पांचवी कक्षा के बाद से ही पढ़ाई से दूरी बनाना शुरू कर देती हैं। आठवीं कक्षा तक पहंुचते-पहुंचते ड्रापआउट की दर में वृद्धि हो रही है।शुक्रवार को हरियाणा विधानसभा में बजट सत्र के दौरान यमुनानगर के विधायक घनश्याम दास ने यह मुद्दा उठाते हुए सरकार से प्रदेश में लड़कियों की ड्रापआउट दर के बारे में सवाल पूछा। जिसके जवाब में शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने वर्ष 2021-2022 की रिपोर्ट सदन में पेश करते हुए कहा कि इस अवधि के दौरान पहली से लेकर पाचवीं कक्षा तक लड़कियों की ड्रापआउट दर शून्य प्रतिशत रही। इसके बाद छठी से लेकर आठवीं कक्षा तक की ड्रापआउट दर जहां 0.2 प्रतिशत थी वहीं नौवीं से दसवीं कक्षा तक की ड्रापआउट दर 4.9 प्रतिशत रही है। शिक्षा मंत्री ने बताया कि स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों को पीपीपी डाटा के साथ मैप किया गया है। इस डाटा के अनुसार जो बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं, उनकी पहचान करके विशेष प्रशिक्षण के माध्यम से औपचारिक स्कूलों में नामांकित किया जाएगा।