“अगले कुछ घंटे चिंताजनक..”, यूक्रेन में एक बड़े बांध के टूटने से आयी बाढ़ से भारी तबाही

Hindi International
  • रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध की वजह से दक्षिणी यूक्रेन में कखोव्का जलविद्युत संयंत्र का एक बांध टूट गया. दोनों देशों ने एक-दूसरे पर हमले का आरोप लगाया है. बांध के टूटने से उस इलाके में बाढ़ आ गई है. इससे भारी नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है.

DMT : रूस  : (06 जून 2023) : – रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध की वजह से दक्षिणी यूक्रेन में कखोव्का जलविद्युत संयंत्र का एक बांध टूट गया. दोनों देशों ने एक-दूसरे पर हमले का आरोप लगाया है. बांध के टूटने से उस इलाके में बाढ़ आ गई है. इससे भारी नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है.

मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :

  1. यूक्रेन के राष्ट्रपति प्रशासन के प्रमुख ने मंगलवार को विस्फोट को रूसी बलों द्वारा किया गया एक “इकोसाइड” बताया. वहीं रूस ने इस घटना के लिए यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराया है.
  2. यूक्रेन के अधिकारियों ने कहा है कि अगले पांच घंटों में पानी गंभीर स्तर तक पहुंच सकता है. क्षेत्रीय गवर्नर ऑलेक्ज़ेंडर प्रोकुडिन ने अपने टेलीग्राम चैनल पर एक वीडियो में कहा, “पांच घंटे में पानी इलाके में व्यापक रूप फैल जाएगा.”
  3. निप्रो के पश्चिमी तट पर दस गांव और खेरसॉन शहर का एक हिस्सा बाढ़ के खतरे का सामना कर रहा है और लोगों से निकासी की तैयारी करने का आग्रह किया गया है.
  4. सोशल मीडिया पर असत्यापित वीडियो में बांध के अवशेषों के माध्यम से पानी के बहाव को दिखाया गया है. साथ ही आसपास खड़े लोगों ने कड़ी भाषा में अपना विरोध व्यक्त किया. कुछ ही घंटों में जलस्तर कई मीटर तक बढ़ गया.
  5. राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने हमले पर एक तत्काल बैठक के लिए यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा परिषद को तलब किया है.
  6. कखोवका बांध, यूक्रेन में रूसी आक्रमण की शुरुआत में जब्त किया गया, विशेष रूप से 2014 में मास्को द्वारा कब्जा किए गए क्रीमिया प्रायद्वीप को पानी की आपूर्ति करता है.
  7. जलाशय Zaporizhzhia परमाणु संयंत्र को ठंडा पानी भी देता है. अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने कहा कि बांध की विफलता के कारण संयंत्र में तत्काल परमाणु सुरक्षा जोखिम नहीं था, लेकिन यह स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा था.
  8. शहर के मास्को समर्थित प्रशासन के प्रमुख व्लादिमीर लियोन्टीव ने नोवा कखोवका में रात भर में “कखोवका बांध को निशाना बनाकर कई हमले किए”. लियोन्टीव ने दावा किया कि उन्होंने बांध के गेट वाल्व को नष्ट कर दिया था और वो पानी के “बेकाबू” प्रवाह का कारण बना.
  9. यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि बाढ़ का पानी यूक्रेन के दक्षिणी और पूर्वी यूक्रेन में खोदे गए रूसी बलों के खिलाफ लंबे समय से नियोजित प्रति-आक्रमण को कैसे प्रभावित करेगा.
  10. 1956 में सोवियत काल के दौरान निप्रो नदी पर निर्मित, संरचना आंशिक रूप से कंक्रीट और आंशिक रूप से मिट्टी से बनी है. यह यूक्रेन में अपनी तरह के बुनियादी ढांचे के सबसे बड़े उदाहरण में से एक है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *