अदानी समूह में पैसा लगाने वाले राजीव जैन कौन हैं और क्या करती है उनकी अमेरिकी कंपनी

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DMT : हिंडनबर्ग  : (05 मार्च 2023) : –

अदानी समूह में निवेश करने के बाद अमेरिकी एसेट मैनेजमेंट फ़र्म जीक्यूजी पार्टनर्स चर्चा में आ गई है. जीक्यूजी पार्टनर्स ने अदानी समूह की चार कंपनियों में 1.87 अरब डॉलर (क़रीब एक खरब 52 अरब रुपये) का बड़ा निवेश किया है.

अमेरिकी फ़ॉरेंसिक फ़ाइनेंशियल कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद अदानी समूह पिछले एक महीने से गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहा है.

हिंडनबर्ग ने बीती 24 जनवरी को अदानी समूह पर वित्तीय अनियमितताएं बरतने का आरोप लगाया था. अदानी समूह ने इन आरोपों का खंडन किया था.

हालांकि, इसके बाद भी अदानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई और कुछ ही दिनों में कंपनी की बाज़ार पूंजी में 135 अरब डॉलर का नुक़सान दर्ज किया गया.

शनिवार को रेटिंग एजेंसी मूडीज़ की यूनिट आईसीआरए ने गौतम अदानी ग्रुप के पोर्ट्स और एनर्जी बिजनेस की रेटिंग में कमी की है. आईसीआरए ने अदानी समूह की रेटिंग को ‘स्थायी’ से ‘नकारात्मक’ में बदला है.

हालांकि, अदानी समूह के लिए इस निवेश के फायदे सिर्फ़ वित्तीय स्तर पर ही नहीं बल्कि कंपनी की छवि के स्तर पर भी देखे जा रहे हैं. कंपनी निवेशकों का भरोसा फिर से बढ़ाना चाहती है.

अदानी की किन कंपनियों में किया निवेश

बीबीसी हिंदी

जीक्यूजी पार्टनर्स ने अदानी समूह की चार कंपनियों में निवेश किया है. ये कंपनियां हैं-

अदानी एंटरप्राइज़ेज 66 करोड़ 20 लाख डॉलर (क़रीब 54 अरब रुपये) में 3.4 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी.

अदानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड – 64 करोड़ डॉलर (क़रीब 52 अरब रुपये) में 4.1 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी.

अदानी ट्रांसमिशन लिमिटेड – 23 करोड़ डॉलर (क़रीब 18 अरब रुपये) में 2.5 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी.

अदानी ग्रीन एनर्जी – 34 करोड़ डॉलर (क़रीब 27 अरब रुपये) में 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी.

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ये पहला मौक़ा है, जब हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद अदानी समूह ने किसी निवेश के बारे में जानकारी सार्वजनिक की हो.

इस जानकारी के सामने आने के बाद शुक्रवार को अदानी एंटरप्राइज़ेज के शेयरों में 17.5 प्रतिशत, अदानी पोर्ट्स के 10 प्रतिशत, अदानी ग्रीन एनर्जी और अदानी ट्रांसमिशन के शेयरों में 5 प्रतिशत इज़ाफ़ा हुआ है.

अदानी समूह के सीएफ़ओ जुगेशिंदर सिंह ने कहा है, “ये निवेश इस बात को बताता है कि वैश्विक निवेशक अभी भी अदानी समूह से जुड़ी कंपनियों की प्रगति, कामकाज और प्रबंधन पर यक़ीन बनाए हुए हैं.”

कंपनी का मुख्यालय अमेरिका के फ्लोरिडा में है. इसके दफ़्तर न्यूयॉर्क, लंदन, सिएटल और सिडनी में हैं. कंपनी में 51 से 200 कर्मचारी तक काम करते हैं.

जीक्यूजी पार्टनर्स ऑस्ट्रेलिया के सिक्योरिटीज़ एक्सचेंज में लिस्टेड है. यह कंपनी साल 2021 में ऑस्ट्रेलिया में सबसे बड़ा आईपीओ लाई थी.

राजीव जैन जीक्यूजी पार्टनर्स के चेयरमैन और चीफ़ इंवेस्टमेंट ऑफ़िसर हैं. साथ ही वो जीक्यूजी पार्टनर्स स्ट्रेटेजिज़ के सभी पोर्टफोलियो के मैनेजर भी हैं.

इसके बाद राजीव जैन स्विस बैंक कॉरपोरेशन में इंटरनेशनल इक्विटी एनालिस्ट के तौर पर काम करने लगे.

  • फिर उन्होंने 23 साल के निवेश अनुभव के बाद जून 2016 में जीक्यूजी पार्टनर्स की शुरुआत की थी.
  • जीक्यूजी दुनियाभर में एक हज़ार संस्थागत निवेशकों की संपत्ति का प्रबंधन करती है. साथ ही अपने क्लाइंट्स के वित्तीय सलाहकार के तौर पर भी काम करती है.
  • राजीव जैन ने अदानी समूह को लेकर कहा है कि वे मानते हैं कि इन कंपनियों में लंबे समय तक विस्तार होने की पर्याप्त संभावनाएं हैं.
  • गौतम अदानी की तारीफ़ करते हुए राजीव जैन ने कहा कि अदानी को ‘उनकी पीढ़ी के सबसे बेहतरीन उद्यमियों में गिना जाता है.’
  • उनसे पूछा गया था कि निवेश को लेकर आप चीन से ज़्यादा भारत का पक्ष ज़्यादा मजबूत बताते हैं और क्या अदानी मामले के बाद भी भारत को आप पहले जैसी स्थिति में देखते हैं.
  • इस पर राजीव जैन ने कहा था, “हमारी नज़र में कुछ नहीं बदला है. अदानी मामले के नज़रिए से देखें तो मेरी नज़र में कई मजबूत पक्ष हैं. सबसे पहले बैंकिंग सिस्टम अच्छा है क्योंकि बैंकिंग एक्सपोज़र एक प्रतिशत के क़रीब है. दूसरी बात ये है कि ये विनियमित एसेट हैं. सिस्टम के नज़रिए हमें चिंता नहीं है. अदानी एक अलग तरह का मामला है.”

निवेश को लेकर उठे सवाल

अदानी समूह की कंपनियों में निवेश करने के मामले में जीक्यूजी से उसके एक क्लाइंट ने पूछताछ की है.

जीक्यूजी के क्लाइंट ऑस्ट्रेलियन पेंशन फंड ने इस निवेश को लेकर सवाल पूछे हैं. जीक्यूजी ने कम से कम चार बड़े ऑस्ट्रेलियाई पेंशन फंड की ओर से पैसा जुटाया है.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़ जीक्यूजी पार्टनर्स के चेयरमैन और चीफ़ इंवेस्टमेंट ऑफ़िसर राजीव जैन ने जवाब दिया है कि कंपनी ने अदानी समूह को लेकर गहराई से पड़ताल की है और वो हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से सहमत नहीं हैं.

जीक्यूजी कवर करने वाले मॉर्निंगस्टार के विश्लेषक शॉन लेर ने रॉयटर्स से कहा, “राजीव जैन के इस फ़ैसले से हो सकता है कि कुछ लोग जीक्यूजी में निवेश करना पसंद ना करें लेकिन उनके अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए कुछ लोग उसमें निवेश करना भी चाहेंगे.”

अदानी समूह ने नियामक संस्थाओं की दी जानकारी में उन मीडिया रिपोर्ट्स का भी खंडन किया है, जिनमें ये दावा किया गया था अदानी समूह को एक सोवेरन वेल्थ फ़ंड से तीन अरब डॉलर का निवेश मिला है.

अदानी समूह की ओर से कहा गया है, “हम ये स्पष्ट करना चाहते हैं कि ये ख़बर सिर्फ़ एक अफ़वाह है और इस पर टिप्पणी करना अनुचित होगा.”

सुप्रीम कोर्ट ने बनाई समिति

इससे पहले मंगलवार को भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने अदानी समूह पर हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से लगाए आरोपों की जांच के लिए एक स्वतंत्र समिति का गठन किया है.

ये समिति पूर्व जस्टिस अभय मनोहर सप्रे की अध्यक्षता में अगले दो महीने में अपनी जांचरिपोर्ट अदालत को सौंपेगी.

इस समिति में जस्टिस जेपी देवधर, बैंकर केवी कामथ, इन्फोसिस के को-फाउंडर नंदन नीलेकणि, एसबीआई के पूर्व चेयरमैन ओपी भट्ट और सिक्योरिटी लॉ के विशेषज्ञ सोमशेखर सुंदरेशन को शामिल किया गया है.

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