अमेरिका और चीन के बीच क्यों सैंडविच बन गया है ये ख़ूबसूरत द्वीप?

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DMT : अमेरिका : (01 मई 2023) : –

अमेरिका और फ़िलीपींस के बीच अब तक का सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास पिछले दिनों हुआ. यह सैन्य अभ्यास चीन की सेना की ओर से ताइवान की नाकेबंदी के पूर्वाभ्यास के कुछ ही दिन बाद शुरू हुआ था.

अमेरिका ने नाकेबंदी के पूर्वाभ्यास को चीन का बढ़-चढ़ कर किया गया सैन्य प्रदर्शन बताया था.

दरअसल इस क्षेत्र में तनाव काफ़ी ज़्यादा है और इलाके के कुछ छोटे द्वीपों में रहने वाले लोगों की आबादी ख़ुद को दो महाशक्तियों के बीच सैंडविच की तरह फंसा हुआ पा रही है.

इतबायत द्वीप में जीवन की डोर बहुत नाजुक़ है.

फ़िलीपींस के उत्तरी किनारे पर इस छोटे-से द्वीप को बनाने वाली चूना पत्थर की ऊंची-ऊंची चट्टानें और घुमावदार पहाड़ियां लुज़ोन जलडमरूमध्य से निकलती हैं.

जब मौसम साफ़ होता है और दिन अच्छा होता है, उस दिन भी नीले समुद्र की लहरें द्वीप की पसंदीदा फ़्लाइंग फ़िश को पकड़ने की उम्मीद में निकले मछुआरों की छोटी-छोटी नावों को उछाल देती हैं.

इस द्वीप पर लगभग तीन हज़ार इवातानी लोग रहते हैं जिनमें मछुआरे और किसान भी शामिल हैं. ये लोग भूकंप, आंधी और सूखे का सामना लगातार करते रहते हैं. लेकिन इन दिनों उन्हें एक नए और अलग ख़तरे से दो चार होना पड़ा है.

दरअसल, दक्षिण चीन सागर में वर्चस्व के लिए अमेरिका और चीन में होड़ देखने को मिल रही है. दोनों सैन्य महाशक्तियों की इस होड़ ने इतबायत द्वीप समूह के लोगों को गंभीर संकट में डाल दिया है.

अमेरिका और चीन के बीच दक्षिण चीन सागर में बढ़ती तनातनी के केंद्र में ताइवान है. ताइवान पर चीन का दावा लगातार मुखर होता दिख रहा है जबकि अमेरिका ताइवान की रक्षा करने के लिए उतनी ही गंभीरता से प्रतिबद्ध दिख रहा है.

ऐसे में इतबायत और बास्को – बातानेस से दूर-दराज़ स्थित फ़िलीपींस के दोनों द्वीप पर संकट लगातार गहरा रहा है.

ये दोनों द्वीप वैसे तो बहुत छोटे हैं, लेकिन ताइवान से निकटता के चलते उनकी अहमियत काफ़ी बढ़ी हुई है. इतबायत द्वीप की ताइवान से दूरी केवल 156 किलोमीटर है.

विश्लेषक अक्सर दोनों सैन्य महाशक्तियों के बीच बढ़ते तनाव की बात करते हैं, लेकिन चीन और अमेरिका के बीच सबसे बड़े टकराव की आशंका वाले क्षेत्र में रहने का अनुभव कैसा है?

इतबायत का दुनिया से संपर्क हफ़्तों तक कटा रह सकता है. यह द्वीप निश्चित तौर पर अभेद्य दिखता है. छोटे बंदरगाहों को चट्टानों को काटकर बनाया गया है और नाव लेने के लिए सीढ़ियों से उतर कर आना होता है.

द्वीप को छूने वाली पानी का रंग फ़िरोज़ी है और यहां पानी इतना साफ़ है कि छोटी-छोटी मछलियां पानी के नीचे मूंगों के बीच अठखेलियां करती दिखाई देती हैं.

इस द्वीप का बाहरी लोगों से संपर्क ना के बराबर है, यहां के मूल निवासियों के अलावा दूसरे लोगों का कोई निशान नहीं दिखता है.

यहां रहने वाले कुछ लोगों के पास टेलीविज़न सेट हैं. अक्सर काम नहीं कर रहे नेटवर्क संकेतों के चलते फ़ोन की तुलना में लोग घर-घर जाकर या चर्च की सभा के ज़रिए संदेश प्रसारित करना अधिक विश्वसनीय मानते हैं.

यहां कुछ लोगों के पास ही टीवी सेट है. यहां फ़ोन सिग्नल कमज़ोर हैं, ऐसे में लोग चर्च के ज़रिए या घर-घर जाकर संदेश पहुंचाने में अधिक भरोसा रखते हैं.

लेकिन उन्हें अमेरिका और चीन के बीच बढ़ रहे तनाव के बारे में जानने के लिए टीवी न्यूज़ या सोशल मीडिया की ज़रूरत नहीं है.

यह ख़तरा पहले की तुलना में कहीं ज़्यादा क़रीब दिखता है.

दोनों तरफ़ से बढ़ता तनाव

बास्को द्वीप पर अमेरिकी सेना के 25वें इनफ़ैंट्री डिविज़न के सदस्य प्रशिक्षण ले रहे हैं. ख़ुद को सिर से पांव तक छिपाने वाली वेशभूषा में ये सैनिक झुक कर अपने हथियारों के व्यूफ़ाइंडर में आंखें गड़ाए हुए हैं.

ये सैनिक संभावित आक्रमणकारियों से द्वीप की रक्षा करने का अभ्यास कर रहे थे. यह अभ्यास अमेरिका और फ़िलीपींस के बीच हुए अब तक के सबसे बड़े सैन्य अभ्यास का हिस्सा था.

इस सैन्य अभ्यास को समुद्र में अमेरिकी नौसेना के जहाज़ यूएसएस मिगुएल कीथ से नियंत्रित किया जा रहा था जबकि द्वीप के आसमान में वी-22 ऑस्प्रे विमान मंडरा रहे थे.

यह स्थानीय लोगों के लिए कौतूहल का विषय भी था और लोग अपने मोबाइल फ़ोन से वीडियो भी बनाते नज़र आ रहे थे.

इस अभ्यास में रॉकेट लॉन्चरों की समुद्री तट पर उन विमानों से तैनाती की गई जो हवा के साथ-साथ पानी में भी लैंड कर सकते हैं.

25वीं इनफै़ंट्री डिविज़न के कमांडिंग जनरल मेजर जनरल जोसेफ़ रयान कहते हैं, “इस क्षेत्र में हमारे अभियान का लक्ष्य हमेशा किसी संघर्ष को रोकना है. हम चीन के साथ युद्ध नहीं चाहते हैं. हम ऐसा नहीं चाहते हैं, हम इसकी इच्छा भी नहीं रखते हैं और हम इसके लिए उकसा नहीं रहे हैं. चीन के साथ युद्ध किसी के लिए भी अच्छा नहीं है.”

लेकिन, वह मानते हैं कि दोनों देशों की सेनाएं एक संदेश भेज रही हैं.

अमेरिका की तैयारी

ये संदेश क्या है, पूछे जाने पर जनरल रयान के कहा, “हम ये संदेश दे रहे हैं कि हम सक्षम हैं और हमारी पूरी तैयारी है. हमें अपने उद्देश्य के लिहाज से एक शानदार साझीदार मिला है.”

दोनों ही पक्ष निश्चित रूप से अपने आप को हथियारों से लैस कर रहे हैं, जैसे की समूचा एशिया ये कर रहा है.

चीन इस इलाक़े में अभी भी सैन्य उपकरणों पर सबसे ज़्यादा ख़र्च कर रहा है. इस साल उसका रक्षा बजट, अब तक का सबसे ज़्यादा, लगभग 224 अरब डॉलर का रहा है.

वहीं दूसरी ओर अमेरिका इलाके के सहयोगी देशों, मसलन जापान, साउथ कोरिया और ऑस्ट्रेलिया के साथ सैन्य अभ्यान करके अपनी क्षमताओं को प्रदर्शित करने में दिलचस्पी ले रहा है.

अमेरिकी प्रशासन के लिए यह केवल नए हथियारों का प्रदर्शन भर नहीं है. बल्कि वह चीन का मुक़ाबला करने के लिए एक मज़बूत गठबंधन खड़ा करने में दिलचस्पी ले रहा है.

यही वजह है कि एशियाई देशों में उसके दूत कहीं ज़्यादा आ रहे हैं. इसमें अपनी भौगोलिक स्थिति के चलते अहम फ़िलीपींस भी शामिल है.

फ़िलीपींस के राष्ट्रपति फ़र्डिनेंड मार्कोस ने पिछले दिनों अपनी अमेरिका यात्रा से ठीक पहले एक स्थानीय रेडियो स्टेशन के साथ साक्षात्कार में स्वीकार किया कि, “स्थिति तनावपूर्ण हो रही है.”

उन्होंने अपने पूर्ववर्ती की तुलना में चीन के प्रति अधिक आक्रामक दृष्टिकोण अपनाने का फ़ैसला किया है और इसमें नौसेना और तटरक्षकों को सीमावर्ती इलाके में अधिक गश्त लगाने का आदेश देना शामिल है.

मछुआरों की परेशानी

लेकिन बड़े पैमाने पर गश्त से दक्षिण चीन सागर में संघर्ष बढ़ने की आशंका है. माना जा रहा है कि मछली पकड़ने के मुद्दे पर भी भू-राजनीतिक संकट पैदा हो सकता है.

चीनी प्रशासन पूरे साउथ चाइना सी में संप्रभुता का दावा करता रहा है. यह रणनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण जलमार्ग है, जिसके ज़रिए हर साल ख़रबों डॉलर का कारोबार होता है.

चीन इस समूचे क्षेत्र पर दावा ठोकता है, हालांकि एक अंतरराष्ट्रीय अदालत ने अपने फ़ैसले में कहा है कि चीन के दावे का कोई क़ानूनी आधार नहीं है.

59 साल के साइरस मलूपा, समुद्र में धातु के हुक के साथ तार डालते हुए कहते हैं, “चीन के मछुआरे हमें परेशान करते थे. जब हमने सरकार को इसकी सूचना दी तो उत्तर में मावुलिस द्वीप पर एक सैन्यअड्डा बना दिया गया. अब फ़िलीपींस के नौसैनिक ड्यूटी करते हैं.”

बीते मार्च महीने में नौसेना ने निर्जन द्वीप पर एक महीने का मिशन चलाया जिसे देश की रक्षा की पहली पंक्ति बताया गया और इसके उच्चतम शिखर पर फ़िलीपींस का राष्ट्रीय झंडा फ़हराया गया. यह देश की संप्रभुता को बताने के लिए छोटा, लेकिन साहसिक क़दम माना गया.

साइरस और अन्य मछुआरे टूना मछली पकड़ने की उम्मीद में कई दिनों तक छोटी नावों में रहते हैं ताकि स्थानीय बाज़ारों में उसकी बिक्री कर सकें. इन सबके लिए भू-राजनीतिक विवाद निजी संकट बन गया है, क्योंकि इससे उनकी आजीविका और परिवारों का भरण-पोषण प्रभावित हो रहा है.

फ़िलीपींस के सैकड़ों मछुआरों ने बीते एक दशक के दौरान साउथ चाइना सी में अपने पारंपरिक मछली पकड़ने के इलाक़े से खदेड़े जाने की घटनाओं की सूचना दी है, ख़ासकर साउथ चाइना सी में फैले स्प्रेटली द्वीप समूहों के इलाक़े में.

साइरस ने अपनी छोटी डगमगाती नाव में बताया, “अब हम ज़्यादा मछली नहीं पकड़ पाते हैं क्योंकि दूसरे शिकारियों के पास अब उन्नत तकनीकें हैं. हम स्थानीय मछुआरे, मछली पकड़ने के पुराने तरीके जैसे तार और छोटे जाल का उपयोग करते हैं. लेकिन शिकारियों के पास अधिक उन्नत तकनीक है, वे जितना चाहें, उतनी मछली पकड़ सकते हैं.”

स्थानीय लोगों की चिंता

साउथ चाइना सी में चीनी प्रशासन की कार्रवाई को लेकर मनीला में 200 से ज़्यादा राजनयिक विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं. इस क्षेत्र में वियतनाम, मलेशिया, ताइवान और ब्रुनेई के भी सीमाक्षेत्र के दावे एक-दूसरे के साथ ओवरलैप कर रहे हैं.

51 साल के विक्टर गोंज़ालेस कहते हैं, “हमारा चिंतित होना स्वभाविक ही है क्योंकि किसी भी तरह का संघर्ष हमारे जीवन को प्रभावित करेगा. हमें अपनी जान का डर तो ही है साथ में संसाधनों के खोने का भी डर है. ताइवान से लोग यहां पलायन करके आ सकते हैं जबकि हमारे पास सीमित संसाधन ही मौजूद हैं.”

इतबायत के अधिकांश लोगों की तरह ही विक्टर समुद्र में तूफ़ान की स्थिति होने पर खेती करते हैं और जब मौसम साफ़ होता है तो मछली पकड़ने के काम पर जाते हैं.

इस द्वीप में लोग खेती अभी भी प्राकृतिक तौर तरीक़ों से ही करते हैं. मशीन और उर्वरकों का इस्तेमाल नहीं होता है. किसान अपने खेतों में बारी-बारी से शकरकंद, चावल, मक्का, लहसुन और प्याज़ की खेती करते हैं. एक खेत से क़रीब 25 परिवारों का पेट भर सकता है.

विक्टर बताते हैं, “हमें अपने संसाधनों की रक्षा करने की आवश्यकता है क्योंकि हम इसी तरह जीते हैं, और हमारे पास कोई विकल्प नहीं है. हम अगली पीढ़ी को कुछ देना चाहते हैं.”

यह चिंता काफ़ी गहरी है क्योंकि बातेंस द्वीप समूह में स्थानीय शासन के नेताओं ने पिछले दिसंबर में मीडिया के सामने घोषणा की कि वे संभावित संघर्ष की तैयारी के लिए खाद्य आपूर्ति सुरक्षित करेंगे.

सांता एना के समुद्र तटों पर कैमिलो ओसियास नौसैनिक अड्डे के आसपास प्रतिबंधित संकेत हाथ से पेंट किए गए हैं और उन्हें समझना मुश्किल है.

रेत के किनारे दर्जनों मछली पकड़ने वाली हरी नौकाएं मौजूद हैं. रविवार का दिन है और कुछ लोग दिखाई देते हैं, लेकिन वे स्थानीय फ़िलीपीनो ब्रांड की शराब के नशे में हैं.

तट पर पानी में मौजूद भैंसें अपनी पीठ पर आराम करने आए पक्षियों को पूंछ से उड़ा दे रही हैं. वहीं आस-पास, महिलाएं बड़े-बड़े टबों में धुलाई कर रही हैं – किनारों पर डिटर्जेंट का झाग फैला हुआ है.

सांता एना लुज़ोन के मुख्य द्वीप के उत्तरी सिरे पर एक उनींदा-सा शहर है. छोटे से नौसैनिक अड्डे के आसपास बहुत कम गतिविधि है, वह भी समुद्र तट के एक कोने पर इतनी दूर है कि आपको मुश्किल से पता चलेगा कि वहां कुछ गतिविधियां हो रही हैं, जब तक कि आप प्रतिबंधित संकेतों को नहीं देखते हैं.

यहां एक एक हवाई पट्टी भी है जो अमेरिका को ताइवान स्ट्रेट तक पहुंच प्रदान करने में सक्षम है.

कागायन के गवर्नर मैन्यूल मांबा ने कहा, “यह वास्तव में सैन्य ठिकाना नहीं है. मैं कहूंगा कि यह लड़कों के स्काउट कैंप जैसा है.”

इलाके में अमेरिका की उपस्थिति का असर

यह फ़िलीपींस के उन चार नए ठिकानों में से एक है जहां अमेरिकी सैनिक पहुंच सकते हैं क्योंकि दोनों देश अपने सैन्य गठबंधन को बढ़ावा दे रहे हैं. दो नए स्थान कागायन के उत्तरी प्रांत में हैं और ताइवान के सामने हैं.

मांबा कहते हैं, “यह मेरा या हमारे लोगों का फ़ैसला नहीं है. यह हमारे राष्ट्रीय नेताओं का फ़ैसला है. हम इसका पालन करेंगे. हम इससे असहमत हो सकते हैं, लेकिन वास्तव में यह सब इसलिए है क्योंकि हम युद्ध नहीं चाहते हैं.”

उन्होंने यह भी कहा, “हम ग़रीब हैं और हमारी स्थानीय समस्याएं भी हैं. इसलिए अनिश्चितता की कोई भी स्थिति हम सभी के लिए एक बड़ी समस्या होगी.”

मांबा चिंतित हैं कि उनके प्रांत में दो अमेरिकी ठिकाने होने के कारण चीनी इसे निशाना बना लेंगे.

एक समय था जब उन्हें चीनी पर्यटकों को इस क्षेत्र में लाने की उम्मीद ज़ाहिर की थी और उन्होंने एक नया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की उम्मीद की थी.

अब उन्हें डर है कि जब फ़िलीपींस को चीन के साथ कारोबार की पहले से कहीं ज़्यादा ज़रूरत होगी, तो चीन उसकी उपेक्षा कर सकता है.

उन्होंने कहा, “हमारे लिए दोनों देशों के बीच किसी एक का चुनाव कठिन है. एक ऐसा पड़ोसी है जो कभी हमारा दुश्मन नहीं रहा और एक सहयोगी जो इतनी सारी कठिनाइयों में हमारे साथ खड़ा रहा. काश अगर वो साथ होते, अगर वो बात कर पाते, कोई ऐसी मध्यस्थ जगह होती जहां वो मिल पाते.”

गवर्नर मांबा की टिप्पणियां एशिया के कुछ हिस्सों में बढ़ती चिंता को दर्शाती हैं. सवाल यही है कि क्या वे पुराने सहयोगी अमेरिका और अपने सबसे बड़े कोराबारी साझीदार चीन के बीच किसी एक का चुनाव करने पर मजबूर होंगे?

वहीं छोटे से द्वीप बातानेस प्रांत की राजधानी बास्को में 21 साल की एवे मैरी गार्सिया यात्रियों को अपने द्वीप इतबायत से आने-जाने में मदद कर रही हैं.

वह ख़बरों पर नज़र नहीं रखतीं – लेकिन नवीनतम सैन्य अभ्यासों पर उनका भी ध्यान गया है.

वह कहती हैं, “मुझे नहीं लगता कि इन सैन्य अभ्यासों के चलते अमेरिका युद्ध का कारण बनने जा रहा है. अमेरिका इस द्वीप की रक्षा के लिए फ़िलीपींस सेना की मदद करने की कोशिश कर रहा है और चीनियों को यह बताने की कोशिश कर रहा है कि यह क्षेत्र सुरक्षित है.”

ये कहते हुए एवे कूदकर स्कूटर पर बैठ जाती हैं और हमें द्वीप के अपने पसंदीदा बीच की तरफ़ ले जाती हैं.

एवे 11 भाई बहनों में एक हैं और फ़िलीपींस में कई बच्चों की तरह, उनकी मां विदेश में काम करके परिवार के भरण पोषण के लिए पैसे भेजती हैं.

एवे का पैतृक घर, एक पारंपरिक तौर पर पत्थर से बना कॉटेज है जो सदियों से अस्तित्व में था, लेकिन 2019 में आए भूकंप के बाद खंडहर हो गया- यह याद दिलाता है कि यहां जीवन क्षण भंगुर है.

एवे और उसके भाई-बहनों को उनकी सख़्त दादी ने पाला-पोसा है. हालांकि एवे का विद्रोही स्वभाव रहा है. उनके काले बाल अंत में सफ़ेद रंग से रंगे दिखते हैं.

इन सबके बाद भी एवे दिल से यहां की मूल निवासी ही हैं. उन्हें उम्मीद है कि वह अपने पूर्वजों के जीवन के तौर तरीक़ों को संरक्षित रखेंगी, भले इसके लिए अमेरिका को ना कहना पड़े. उनका मानना है कि हर चीज़ की एक सीमा होनी चाहिए.

एवे बताती हैं, “मैं भविष्य के बारे में चिंतित हूं. मुझे आशा है कि वे यहां अमेरिकी सेना के लिए संरचनाओं का निर्माण नहीं करेंगे, मैं इसे ऐसे ही देखना चाहती हूं. उन्हें इस जगह पर जाने की अनुमति है, लेकिन उन्हें निर्माण करने की अनुमति नहीं है. अगर वे निर्माण करेंगे तो यह अतिक्रमण जैसा होगा, मेरे लिए यह डरावना है.”

यहां के लोग ख़ुद को राजनीति और बयानबाज़ी से मीलों दूर महसूस करते हैं, और वे कोशिश करते हैं कि जो हो सकता है उस पर ध्यान न दें और जो उनके पास मौजूद है, उसका आनंद लें.

एवे कहती हैं, “द्वीप पर जीवन एक साधारण जीवन है.”

प्रत्येक दिन वह और उनका परिवार प्रार्थना करते हैं कि यह जीवन इसी तरह बना रहे.

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