DMT : करनाल : (11 मई 2023) : –
अत्याधिक दोहन के चलते भूजल स्तर नीचे गिरता जा रहा है। हालाल इतने गंभीर है कि आने वाले दिनों में पानी की किल्लत विकराल रूप धारण कर सकती है। पानी का बचाने के लिए सरकार कई प्रयास कर रही है। इसी के तहत हरियाणा राज्य प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने जिले में पेस्टीसाइड, डिस्ट्रलरी, कंबल ओर टैक्साइल की 83 फैक्टरियों में जीरो लिक्विड डिस्चार्ज प्लांट (जेडएलडी) लगवाने में सफलता हासिल की है। इनकी क्षमता 5 हजार केएलडी (किलोलीटर पर डे) है।
जीरो लिक्विड डिस्चार्ज प्लांट से 50 लाख लीटर पानी प्रतिदिन बच सकेगा। ये वो पानी होगा, जिसे ट्रीट करके दोबारा प्रयोग किया जा सकेगा यानि फैक्टरियों को अपने काम के लिए दोबारा से जमीन से मीठा पानी निकालने की आवश्यकता नहीं पड़ेंगी। इसके अलावा फैक्टरियों से निकलने वाली गंदगी पर काफी हद तक अंकुश लगेगा। जिससे पर्यावरण को नुकसान की संभावना काफी हद तक कम हो जाएगी। फैक्ट्रियों से निकलने वाले गंदे पानी की बदबू से भी आसपास के ग्रामीणों को राहत मिलेगी।
50 करोड़ लीटर पानी की खपत
एक अनुमान के अनुसार जिले में शहरी, ग्रामीण, उद्योग सहित खेती में 50 करोड़ लीटर मीठा पानी प्रयोग किया जा रहा है। इतना पानी तो जमीन से निकाल रहे हैं। जल विशेषज्ञों ने बताया 75 साल में भूजल 50 फूट से अधिक नीचे जा चुका है।
राइस उद्योग, सर्विस स्टेशनों पर भी लगेेंगे प्लांट
हरियाणा राज्य प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के एक्सईएन शैलेंद्र अरोड़ा ने बताया कि एक अनुमान के अनुसार एक प्लांट लगाने पर 10 लाख से लेकर 2 करोड़ तक लागत आती है। आने वाले दिनों में पानी का उपयोग वाले राइस उद्योग, सर्विस स्टेशनों में जेडएलडी लगाए जाएंगे।