जॉर्डन के युवराज हुसैन की सऊदी अरब की महिला से शादी की दुनिया भर में चर्चा

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DMT : जॉर्डन  : (26 मई 2023) : –

जॉर्डन के युवराज (क्राउन प्रिंस) की एक सऊदी महिला से शादी की तैयारियों, इसके लिए होने वाले समारोहों और दोनों की ज़िंदगी के बारे में मध्य-पूर्व ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में बहुत दिलचस्पी देखी जा रही है.

तो बात यह है कि जॉर्डन के युवराज शहज़ादा हुसैन बिन अब्दुल्लाह द्वितीय और सऊदी आर्किटेक्ट रजवा अल सैफ़ की शादी की तारीख़ तो एक जून है, मगर इससे पहले पारंपरिक समारोहों की झलकियां सोशल मीडिया पर आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं.

इस जोड़े की मंगनी की औपचारिक सरकारी घोषणा पिछले साल 10 अगस्त को की गई थी और अब इस साल मई और जून में उनकी शादी से संबंधित शाही समारोहों की तैयारियां ज़ोर-शोर से जारी हैं.

शाही जोड़े की शादी के दिन जॉर्डन में सरकारी छुट्टी होगी, समारोह में पूरी दुनिया भर से नामी लोग शामिल होंगे. और तो और, राजधानी में अरब गायकों का एक मुफ़्त कंसर्ट भी होगा.

जॉर्डन के युवराज शहज़ादा हुसैन ने पिछले दिनों एक समारोह में पूछे गए सवाल के जवाब में बताया था कि रजवा अल सैफ़ से उनकी जान पहचान की कहानी मोहब्बत की दूसरी कहानियों से अलग नहीं थी और उनकी मुलाक़ात में एक साझे दोस्त का हाथ था.

पिछले दिनों जॉर्डन की महारानी रानया ने शादी से पहले पारंपरिक मेहंदी पार्टी की मेज़बानी की. मेहंदी के इस समारोह में पारंपरिक जॉर्डनी और सऊदी गाने व गीत गाए गए और ख़ुशी ज़ाहिर करने के लिए पारंपरिक नृत्य भी किया गया.

इस अवसर पर महारानी रानया का कहना था, “हुसैन मेरे बड़े बेटे हैं. वह एक (हाशमी कुल के) नौजवान हैं. किसी भी दूसरी मां की तरह मैंने उसे दूल्हा के रूप में देखने का सपना देखा था. हुसैन आपका बेटा है, आप उसका परिवार हैं और यह समारोह आपका है.”

उन्होंने कहा, “आख़िरकार मुझे एक बहू मिली है लेकिन यह कोई आम बहू नहीं. ख़ुदा रजवा को सलामत रखे. मेरे लिए वह मेरी बेटियों (ईमान और सलमा) की तरह क़ीमती है.”

युवराज हुसैन बिन अब्दुल्लाह कौन हैं?

राजकुमार हुसैन 28 जून 1994 को जॉर्डन की राजधानी अम्मान में मैं पैदा हुए. वह शाह अब्दुल्लाह द्वितीय और महारानी रानया के बड़े बेटे हैं. उनके एक भाई शहज़ादा हाशिम और दो बहनें, ईमान और सलमा, हैं.

राजकुमार हुसैन ने सन 2012 में जॉर्डन में किंग्स एकेडमी से अपनी शुरुआती शिक्षा पूरी की, जिसके बाद उन्होंने 2016 में अमेरिका की जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी से अंतरराष्ट्रीय इतिहास में अपनी डिग्री हासिल की.

सन 2017 में उन्होंने रॉयल मिलिट्री एकेडमी से ग्रेजुएशन किया, वही एकेडमी जहां से उनके पिता शाह अब्दुल्ला द्वितीय और उनके दादा शाह हुसैन बिन तलाल ने ग्रेजुएशन किया था. अब वह जॉर्डन की सशस्त्र सेना में कप्तान के पद पर हैं.

राजकुमार हुसैन को दो जुलाई 2009 को युवराज घोषित किया गया था.

पिछले कुछ सालों में राजकुमार हुसैन अपने पिता के साथ जॉर्डन के घरेलू और विदेशी दौरों पर आते-जाते रहे हैं. सच्चाई यह है कि वह छोटी उम्र से ही अपने पिता के साथ कई सरकारी और सैनिक गतिविधियों में नज़र आते थे.

जॉर्डन के संविधान के अनुसार युवराज के पद की भूमिका राजनीतिक नहीं है. सन 2009 में युवराज घोषित होने के बाद जून 2010 में राजकुमार हुसैन पहली बार सरकारी तौर पर उस समय सामने आए जब उन्होंने जॉर्डन में महान अरब विद्रोह और सशस्त्र सेना की वर्षगांठ के दिन आयोजित समारोह में अपने पिता का प्रतिनिधित्व किया.

उसके बाद राजकुमार हुसैन लगातार जॉर्डन के सरकारी और व्यापारिक दौरों में राजा का प्रतिनिधित्व करते नज़र आए.

22 सितंबर 2017 को राजकुमार हुसैन ने लगभग 20 साल की उम्र में संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद की बैठक की अध्यक्षता की जिसके बाद सुरक्षा परिषद की किसी बैठक की अध्यक्षता करने वाले अब तक के सबसे कम उम्र के व्यक्ति बन गए.

सन 2015 में राजकुमार हुसैन ने क्रॉउन प्रिंस फ़ाउंडेशन की बुनियाद रखी जिसके ज़रिए उन्होंने बहुत से क़दम उठाए. इसका मक़सद जॉर्डन के युवाओं को इनफ़ॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, पर्यटन और दूसरे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विकास के लिए मदद देना है.

इस फ़ाउंडेशन की सबसे महत्वपूर्ण पहल वह थी जिसके तहत जॉर्डन के युवाओं को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ‘नासा’ में ट्रेनिंग के अवसर उपलब्ध कराया गया था. उसी ट्रेनिंग और मदद के बाद जॉर्डन ने सन 2018 में अपना पहला उपग्रह (JY1-SAT) अंतरिक्ष में भेजा.

रजवा अल सैफ़ कौन हैं?

प्रसिद्ध लाइफ़स्टाइल मैगज़ीन ‘वोग’ के अरबी एडिशन और ब्रिटिश समाचार माध्यमों की ख़बरों के अनुसार, 28 साल की रजवा अल सैफ़ के पिता ख़ालिद अल सैफ़ एक प्रसिद्ध कारोबारी और अल सैफ़ ग्रुप के प्रमुख हैं. इस कंपनी का स्वास्थ्य, निर्माण और सुरक्षा के क्षेत्रों में बहुत नाम है.

रजवा का जन्म 28 अप्रैल 1994 को सऊदी अरब की राजधानी रियाद में हुआ और वह चार बहन भाइयों में सबसे छोटी हैं. शुरुआती शिक्षा सऊदी अरब में प्राप्त करने के बाद उन्होंने अमेरिका में न्यूयॉर्क की सीराक्यूज़ यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ़ आर्किटेक्चर से ग्रेजुएशन किया.

रजवा ने अपनी शिक्षा के दौरान 2016 में दुबई का नौ दिवसीय दौरा किया और अपनी यूनिवर्सिटी की वेबसाइट को बताया, “यह दौर मेरे लिए यादगार था क्योंकि विद्यार्थियों ने पहली बार अरब कल्चर और निर्माण कला को देखा.”

उन्होंने कहा, “दुबई बहुत आकर्षक शहर है, जिसमें आधुनिक आर्किटेक्चर है, मगर अरब संस्कृति और इतिहास के पारंपरिक सौंदर्य को सुरक्षित रखा गया है.”

उनकी मंगनी से पहले राजकुमार हुसैन की छोटी बहन राजकुमारी ईमान बिन्त अब्दुल्लाह की मंगनी जमील एलेग्ज़ेन्डर थर्म्यूतीस से पिछले साल जुलाई के दौरान हुई थी.

रजवा के पास लॉस एंजल्स के फ़ैशन इंस्टीट्यूट ऑफ़ डिज़ाइन एंड मर्चेंडाइसिंग से विज़ुअल कम्युनिकेशन की डिग्री भी है.

उन्होंने लॉस एंजलिस में आर्किटेक्चर कंपनी के साथ काम किया और बाद में रियाद के एक डिज़ाइन स्टूडियो के साथ जुड़ी रहीं.

दोनों की मंगनी पर सऊदी युवराज शहज़ादा मोहम्मद बिन सलमान ने भी शुभकामनाएं दी थीं.

चूंकि राजकुमार हुसैन जॉर्डन के युवराज हैं इसलिए यह समझा जा रहा है कि शादी के तुरंत बाद रजवा को भी शाही ज़िम्मेदारियां दी जाएंगी.

उनके पहनावे और फ़ैशन सेंस की तुलना कभी-कभी ब्रिटेन की शहज़ादी प्रिंसेस ऑफ वेल्स केट मिडिलटन से की जाती है.

उनकी होने वाली सास यानी महारानी रानया ने काहिरा की अमेरिकन यूनिवर्सिटी से बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन की शिक्षा ली है और शादी से पहले उन्होंने सिटी बैंक और एप्पल कंप्यूटर जैसी कंपनियों में काम किया था.

मेहंदी पार्टी के मौक़े पर महारानी रानया ने बताया, “बादशाह और मैं बहुत ख़ुश हुए जब अल हुसैन ने बताया कि वह रजवा से शादी करना चाहते हैं. वह मेरी दुआओं का बेहतरीन जवाब हैं.”

महारानी रानया ने कहा कि रजवा अपनी मां और युवराज की होने वाली सास इज़्ज़ा बिन्त अल सदीरी की तरह एक हीरा हैं. “मैं और अल हुसैन रजवा का ध्यान रखेंगे. यह उनका भी देश है, वह अपने परिवार और अपने लोगों के बीच रहेंगी.”

एक जून को होने वाली इस शाही शादी के बारे में हम क्या जानते हैं?

जॉर्डन में अधिकारियों की ओर से अब तक दी गई जानकारी के अनुसार शादी का यह समारोह अम्मान के ज़हरान पैलेस में एक जून को होगा.

ज़हरान पैलेस 1950 के दशक के मध्य में बनाया गया था और इसके बाद होने वाली शाही शादियों के समारोह यहीं आयोजित होते रहे हैं. शाह अब्दुल्लाह द्वितीय और उनके पिता शाह हुसैन बिन तलाल की शादी भी इसी महल में हुई थी.

शादी के समारोह के बाद क़ाफ़िला ज़हरान पहले से अल हुसैनिया पैलेस की तरफ़ जाएगा जहां उस मौक़े पर स्वागत और रात्रि भोज की व्यवस्था की जाएगी.

जॉर्डन के समाचार माध्यमों के अनुसार अम्मान में कुछ अरब गायक उस दिन मुफ़्त कंसर्ट करेंगे और कुछ समारोहों में शामिल होने के लिए मुफ़्त ट्रांसपोर्ट सर्विस मिलेगी. इसके अलावा सभी राज्यों में समारोहों का आयोजन किया जाएगा.

उस दिन सभी सरकारी विभागों में आम छुट्टी की घोषणा की गई है. जॉर्डन की सरकारी समाचार एजेंसी ‘पितरा’ के अनुसार 31 मई यानी शादी से एक दिन पहले सभी मंत्रालयों और विभागों में काम दोपहर 1:00 बजे तक होगा.

‘पितरा’ के अनुसार विदेशी मीडिया में यह ख़बरें चल रही हैं कि कुछ समारोह इटली के द्वीप सारदीनिया में आयोजित किए जा रहे हैं जो झूठी हैं क्योंकि सभी समारोह अम्मान में ही होंगे.

जॉर्डन के शाही जोड़े की शादी में अरब और अंतरराष्ट्रीय दुनिया के नेता, राष्ट्राध्यक्ष और महत्वपूर्ण लोगों के शामिल होने की उम्मीद है. उम्मीद है कि डेनमार्क और स्वीडन के शाही परिवारों के सदस्य इस समारोह में शामिल होंगे.

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