डर निकालो, आगे बढ़ो, सफलता कर रही इंतजार

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DMT : चंडीगढ़ : (21 मई 2023) : –

उपराष्ट्रपति और पंजाब यूनिवर्सिटी के चांसलर जगदीप धनखड़ ने यूनिवर्सिटी के 70वें दीक्षांत समारोह में कहा कि किससे डर रहे हो, डरो मत, डर बाहर निकालो, आगे बढ़ो, बेहतरीन जिंदगी और सफलता आपका इंतजार कर रही है। उन्होंने कहा कि ग्रेजुएट स्टूडेंट्स के लिए यह बेहतरीन पल है जिसे उन्होंने मेहनत से हासिल किया है। यूनिवर्सिटी प्रवास के दौरान कई स्किल्स सीखी। अब उन्हें दुनियाभर में बतौर पीयू एल्यूमनी अपना सिक्का जमाना होगा, आम इंसान की जिंदगी से जुड़ना है। सफलता के साथ-साथ अवसर मिलेंगे लेकिन चुनौतियां भी होंगी। नील आर्मस्ट्रांग का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि परिस्थितियां आपको बड़ा बनाती हैं लिहाजा असफल होने का डर दिमाग से निकाल दो। इसी से सीख कर आगे बढ़ोगे। तुम क्या हो, यह दिखाने का समय नहीं है बल्कि बोल्ड, क्रिएटिव, इनोवेटिव व मेहनत कर दिखाने का समय है। आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इंसान के सामने तकनीक चुनौती की तरह आ रही है। इसे रेगुलेट व कंट्रोल करना व सामंजस्य बिठाना हमारी जिममेदारी है। जगदीप धनखड़ ने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी को बनाने में एल्यूमनी का बड़ा योगदान है। अगर भविष्य में कुछ हासिल करना है व नई व्यवस्था लागू करनी है तो इसके विकास में मिलकर काम करना होगा। एल्यूमनी ही इस यूनिवर्सिटी के एंबेसडर हैं। यहां से पढ़े स्टूडेंट्स की जिम्मेदारी है कि वह समाज के लिए भी योगदान दें। हमेशा सही चीज के लिए खड़े हों। उन्होंने कहा कि जिंदगी शैक्षिक योग्यता तक सीमित नहीं है। इससे आगे भी बड़ी जिंदगी है। शिक्षा और नॉलेज दो अलग-अलग चीजें हैं। इन्हें मिक्स नहीं किया जा सकता।

सबसे पहले राष्ट्र…

जगदीप धनखड़ ने कहा कि सबसे पहले अपना राष्ट्र है, फिर उसके बाद कुछ ओर। अपने निजी स्वार्थों को छोड़कर राष्ट्रहित को पहले देखना होगा।

21वीं सदी का भारत अलग

21 वीं सदी का भारत एक बिलकुल नया भारत होगा। जो बदलाव अब हो रहा है,उसकी कुछ साल पहले हम कल्पना भी नहीं कर सकते थे। देश सही दिशा की ओर बढ़ रहा है। देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर ग्रोथ, स्टार्ट अप, वंदे भारत ट्रेन, रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर की मिसाल देते हुए उन्होंने बदलाव के पहलू गिनाये। अर्थव्यवस्था लगातार ऊपर की ओर ग्रोथ दर्ज कर रही है। हमारी कई ऐतिहासिक उपलब्धियां भी रही हैं। महिलाओं का इसमें बड़ा योगदान है। भारत में डिजिटल क्रांति जन्म ले रही है। 2022 में ही भारत में जो डिजिटल ट्रांजेक्शन रजिस्टर हुई हैं, वह 1.5 ट्रिलियन यूएस डॉलर की अप्रत्याशित राशि थी जो यूएसए, यूके, जर्मनी, फ्रांस की डिजिटल ट्रांजेक्शन से 4 गुणा ज्यादा थी। देश में आज वर्ल्ड क्लास डिजिटल ट्रांजेक्शन इनफ्रास्ट्रक्चर है। भारत में 700 मिलियन इंटरनेट यूजर्स हैं। प्रति कैपिटल मोबाइल डाटा कंजंप्शन भी चीन और यूएस से मिलाकर कहीं ज्यादा है। दुनिया की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में भारत का नाम है। वर्ष 2027 तक भारत की अर्थव्यवस्था तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी। अगले 25 साल में देश में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।

पीयू इतिहास में पहली महिला वीसी बनी रेनू विग

जगदीप धनखड़ ने कहा कि इस यूनिवर्सिटी की 140 साल पुरानी विरासत है। इस विश्वविद्यालय ने राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, चीफ इलेक्शन कमिशनर और अन्य क्षेत्रों में भी बड़े स्टेचर के लोग दिये। उन्होंने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी में पहली बार एक महिला वाइस चांसलर इसका संचालन कर रही है जो अपने आप में फख्र की बात है। धनखड़ ने कहा कि बतौर चांसलर वह यूनिवर्सिटी की हर छोटी डेवेलपमेंट पर नजर रखे हैं।

सुधा एन. मूर्ति, रंजन गोगोई को डॉक्टरेट की उपाधि

इन्फोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन, लेखिका एवं परोपकारी डॉ. सुधा एन. मूर्ति को डॉक्टरेट ऑफ लिटरेचर (डी.लिट.) की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। राज्यसभा सदस्य एवं पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई को भी डॉक्टरेट ऑफ लॉ की मानद उपाधि से नवाजा गया। समारोह में एफआरएस डॉ. गगनदीप कंग को डॉक्टर ऑफ साइंस (डीएससी) की मानद उपाधि से नवाजा जाना था लेकिन वह नहीं पहुंच पायीं। लोकसभा की पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन को डॉक्टरेट ऑफ लॉ की मानद उपाधि प्रदान की जानी थी लेकिन वो भी नहीं आई। इसके अलावा पंजाब यूनिवर्सिटी ने 6 लोगों को पीयू रत्न पुरस्कार प्रदान किये जिसमें ओलंपियन नीरज चोपड़ा को खेल रत्न मिला जो समारोह में नहीं आ पाये। इसी तरह से डॉ. रतन सिंह जग्गी को ज्ञान रत्न, डॉ. वीना टंडन को विज्ञान रत्न और डॉ. इरशाद कामिल को साहित्य रत्न, राकेश भारती मित्तल को उद्योग रत्न दिया गया जबकि अभिनेता आयुष्मान खुराना को कला रत्न दिया जाना था मगर उनके पिता पीके खुराना का निधन होने से वे भी समारोह में नहीं आ सके।

501 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि

पंजाब विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कुल 501 शोधार्थियों को पीएचडी की डिग्रियां प्रदान की गयीं। इन रिसर्च स्कॉलरों में 325 लड़कियां और 176 लडक़े हैं। पंजाब से सर्वाधिक 182 शोधार्थियों ने पीएचडी की उपाधि ली, जबकि हरियाणा के 115, हिमाचल के 73 एवं चंडीगढ़ के 70 छात्रों ने डाक्टरेट हासिल की। कुल 16 राज्यों के छात्रों और वियतनाम के दो व इथियोपिया के एक छात्र ने भी पीएचडी की। समारोह में 312 पोस्टग्रेजुएट को और 73 अंडरग्रेजुएट को भी डिग्रियां प्रदान की गयी। शिक्षण सहित विभिन्न गतिविधियों में अव्वल रहने वाले 244 छात्र-छात्राओं को मेडल प्रदान किये गये जबकि यूआईईटी के एक छात्र को एकेडमिक एक्सीलेंस के लिये अभिषेक सेठी मेमोरियल कैश प्राइज के तौर पर 30 हजार रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया।

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