डायबिटीज का ख़तरा कम करना है तो बिना खर्च के कीजिए ये काम

Hindi International

DMT : ब्रिटेन  : (25 अप्रैल 2023) : –

हर आधे घंटे पर तीन मिनट की चहलकदमी से ब्लड में शुगर का स्तर कम होता है.

ब्रिटेन में एक छोटे समूह पर हुए एक शोध में ये बात सामने आई है.

डायबिटीज़ चैरिटी कॉन्फ्रेंस में जारी किए गए इस शोध के मुताबिक़ सात घंटे के भीतर हर आधे घंटे के अंतराल पर तीन मिनट चहलकदमी करने से डायबिटीज़-1 के मरीज़ों के ब्लड शुगर स्तर में गिरावट देखी गई. ये शोध कुल 32 मरीज़ों पर किया गया है.

डायबिटीज़ यूके का कहना है कि ये ‘एक्टिविटी स्नैक’ बिना ख़र्च के व्यवहारिक बदलाव ला सकते हैं.

एक अनुमान के मुताबिक़ ब्रिटेन में क़रीब चार लाख लोग टाइप-1 डायबिटीज़ से प्रभावित हैं.

शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली जब अग्न्याशय के इंसुलिन बनाने वाले सेल पर हमला करती है तो इस स्थिति में अग्न्याशय इंसुलिन नहीं बना पाता है और शरीर डायबिटीज़ टाइप 1 से ग्रसित हो जाता है.

इंसुलिन रक्त में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करता है. इंसुलिन की कमी की वजह से रक्त में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है. डायबिटीज़ के मरीज़ों को इस स्थिति से बचने के लिए नियमित अंतराल पर कृत्रिम इंसुलिन लेना पड़ता है.

लंबे अंतराल तक अगर रक्त में शुगर की मात्रा कम रहती है तो कई गंभीर बीमारियां मरीज़ को हो सकती हैं. इससे किडनी का फेल हो जाना, आंखों की रोशनी चला जाना और हार्ट अटैक शामिल हैं.

डायबिटीज़ यूके में शोध की प्रमुख डॉ. एलिज़ाबेथ रॉबर्टसन कहती हैं कि टाइप-1 डायबिटीज़ से ग्रसित लोगों के लिए रोज़ाना अपने रक्त में शुगर के स्तर को नियंत्रित करते रहना एक थकाऊ काम हो जाता है.

रॉबर्टसन कहती हैं, “यह अविश्वस्नीय रूप से उत्साहजनक है कि इन निष्कर्षों से पता चलता है कि सरल और व्यवहारिक बदलाव करने से- जैसे की चलते हुए फोन पर बात करना या एक नियमित अंतराल पर सीट छोड़ने की याद दिलाने वाला रिमाइंडर सेट करने का ब्लड शुगर स्तर पर इतना व्यापक असर हो सकता है.”

“हम इसके दीर्घकालिक प्रभावों को समझने के लिए आगे और शोध करने के लिए उत्साहित हैं.”

यूनिवर्सिटी ऑफ़ संडरलैंड से जुड़े और इस शोध के प्रमुख रिसर्चर डॉ. मैथ्यू कैंपबेल कहते हैं कि इस निम्न स्तर की गतिविधि के ऐसे परिणाम से वो हैरान हैं.

वो कहते हैं कि टाइप 1 डायबिटीज़ से ग्रसित लोगों के लिए ‘एक्टिविटी स्नैकिंग’ एक बड़े बदलाव की शुरुआत हो सकती है और वो आगे ज़्यादा नियमित शारीरिक अभ्यास कर सकते हैं. अन्य लोगों के लिए ये ब्लड शुगर स्तर को नियमित रखने का एक आसान तरीक़ा हो सकता है.

शुरुआती चरण के इस ट्रायल में टाइप-1 डायबिटीज़ से ग्रसित 32 लोगों ने दो दिनों तक सात घंटे तक बैठने और आधे घंटे के नियमित अंतराल पर चहलकदमी का अभ्यास किया.

एक सत्र में उन्होंने नियमित अंतराल पर चहलकदमी ब्रेक लिया और दूसरे सत्र में वो लगातार बैठे रहे.

हर सत्र की शुरुआत से 48 घंटों तक उनके ब्लड शुगर स्तर की नियमित निगरानी की गई. इस दौरान सभी ने एक जैसा खाना खाया और अपने इंसुलिन लेने की मात्रा में भी कोई बदलाव नहीं किया.

48 घंटों तक चले इस शोध में पता चला कि नियमित अंतराल पर चहलकदमी करने से ब्लड शुगर स्तर नीचे रहा (6.9 एमएमओ प्रति लीटर) जबकि लगातार बैठे रहनेपर ये 8.2 एमएमओएल प्रति लीटर था.

डॉ. कैंपबेल कहते हैं कि वो लंबे अंतराल में इस दृष्टिकोण के फ़ायदों को समझने के लिए और बड़ा शोध करने की उम्मीद करती हैं.

वो कहते हैं, “वास्तविकता ये है कि लोगों को अधिक चहलक़दमी करने के लिए उत्साहित करने का ये सरल तरीका बहुत बड़ी आबादी को फ़ायदा पहुंचा सकता है.”

जब हमारा शरीर ख़ून में मौजूद शुगर की मात्रा को सोखने में असमर्थ हो जाता है तो ये स्थिति डायबिटीज़ को जन्म देती है.

दरअसल, हम जब भी कुछ खाते हैं तो हमारा शरीर कार्बोहाइड्रेट को तोड़कर ग्लूकोज़ में बदलता है.

इसके बाद पेंक्रियाज़ से इंसुलिन नाम का एक हार्मोन निकलता है जो कि हमारे शरीर की कोशिकाओं को ग्लूकोज़ को सोखने का निर्देश देता है.

इससे हमारे शरीर में ऊर्जा पैदा होती है.

लेकिन जब इंसुलिन का फ़्लो रुक जाता है तो हमारे शरीर में ग्लूकोज़ की मात्रा बढ़ना शुरू हो जाती है.

डायबिटीज़ के कई प्रकार होते हैं लेकिन टाइप 1, टाइप 2 और गेस्टेशनल डायबिटीज़ से जुड़े मामले अधिक पाए जाते हैं.

टाइप 1 डायबिटीज़ में आपके पेंक्रियाज़ में हार्मोन इंसुलिन बनना बंद हो जाता है. इससे हमारे खून में ग्लूकोज़ की मात्रा बढ़ने लगती है.

अब तक वैज्ञानिक ये पता लगाने में सफल नहीं हुए हैं कि ऐसा क्यों होता है. लेकिन इसे आनुवंशिकता और वायरल इन्फेक्शन से जोड़कर देखा जाता है.

इससे पीड़ित लोगों में से लगभग दस फीसदी लोग टाइप 1 डाटबिटीज़ से पीड़ित होते हैं.

वहीं, टाइप 2 डायबिटीज़ में पेंक्रियाज़ में ज़रूरत के हिसाब से इंसुलिन नहीं बनता है या हार्मोन ठीक से काम नहीं करता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *