पंजाब-हरियाणा के कर्मियों की चंडीगढ़ में ‘नो एंट्री’

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DMT : चंडीगढ़ : (17 मार्च 2023) : – अपनी ही राजधानी यानी चंडीगढ़ में अब पंजाब व हरियाणा के कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर नहीं आ सकेंगे। केंद्रीय सेवा नियमों का हवाला देते हुए यूटी प्रशासन के हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट ने तो ऐसा ड्रॉफ्ट जारी कर दिया है। अहम बात यह है कि एक ही साल में दो बड़े बदलाव चंडीगढ़ प्रशासन ने किए हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के कर्मचारियों पर पंजाब की जगह केंद्र के सेवा नियम लागू करने का ऐलान किया था। ये नियम पहली अप्रैल, 2022 से लागू हुए। इन नियमों के बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने यहां कार्यरत सभी कर्मचारियों पर केंद्र के नियम लागू करने का फैसला लिया। इसके तहत पिछले साल यूटी प्रशासन ने नोटिफिकेशन जारी करके कहा कि हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट में कॉलेज लेक्चरर के 85 प्रतिशत पद यूटी कैडर के लिए होंगे। इससे पहले ये 80 प्रतिशत थे। यानी यूटी कैडर के कर्मियों के लिए कोटा पांच प्रतिशत बढ़ा दिया गया। ऐसा होने से दोनों राज्यों– पंजाब व हरियाणा से प्रतिनियुक्ति पर आने वाले कर्मचारियों का कोटा 20 प्रतिशत से घटकर पंद्रह प्रतिशत रह गया। पंद्रह प्रतिशत के तहत बचने वाले कुल पदों में से साठ प्रतिशत पंजाब और बाकी चालीस प्रतिशत हरियाणा के कर्मचारियों से भरे जाने थे। पिछले साल कोटा घटाया गया और दोनों ही राज्यों की ओर से इस पर किसी तरह की आपत्ति दर्ज नहीं करवाई गई।

अब यूटी प्रशासन ने नया ड्रॉफ्ट जारी करके पंद्रह प्रतिशत कोटे को भी खत्म कर दिया है। यूटी प्रशासन ने अप्रैल-2023 से सहायक प्रोफेसर की भर्ती के नियमों को संशोधन करने के लिए भर्ती नियम ड्रॉफ्ट तैयार किया है। इस ड्राफ्ट को यूटी प्रशासन ने चंडीगढ़ शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर अपलोड भी किया हुआ है। इसमें यूटी ने पंजाब और हरियाणा का कोटा खत्म करने का प्रावधान किया है और सभी पद यूटी कैडर के लिए होंगे।

यूटी में डेपुटेशन का मामला उठेगा

केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में हरियाणा व पंजाब से डेपुटेशन पर आने वाले कर्मचारियों का टेन्योर फिक्स किए जाने का मुद्दा भी विधानसभा में गरमाने के आसार हैं। चंडीगढ़ में कार्यरत दोनों राज्यों के कर्मचारियों द्वारा इस बाबत पंजाब के सीएम भगवंत मान, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के अलावा पंजाब में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा, हरियाणा के पूर्व सीएम व विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के अलावा दोनों राज्यों के मुख्य सचिव को भी ज्ञापन दे चुके हैं। माना जा रहा है कि विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को सदन में घेर सकता है।

हो रहा है विरोध

यूटी में पंजाब व हरियाणा के कर्मचारियों का प्रतिनियुक्ति टेन्योर (समय सीमा) तय किए जाने का विरोध दोनों राज्य कर रहे हैं। रोचक बात यह है कि हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट में कोटा खत्म करने की चल रही तैयारी की भनक तक दोनों राज्यों को नहीं है। इससे पहले भी पिछले साल कोटा घटनाने पर भी दोनों राज्यों में से किसी ने आपत्ति नहीं जताई।

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