प्रतिभा थपलियाल: बीमारी के बावजूद सोलह महीनों में बनी चैंपियन बॉडी बिल्डर

Hindi Uttarakhand

DMT : देहरादून  : (13 मार्च 2023) : –

देहरादून के एक होटल में रविवार को भाजपा महानगर महिला मोर्चा ने ‘सुषमा स्वराज अवॉर्ड’ नाम का एक कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें अलग-अलग क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 26 महिलाओं को सम्मानित किया गया.

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अलावा बीजेपी की कई महिला नेता शामिल हुईं, लेकिन फ़ोटो खिंचवाने की होड़ रही इस कार्यक्रम में सम्मानित एक महिला ख़िलाड़ी के साथ.

इस महिला खिलाड़ी का नाम है प्रतिभा थपलियाल. पौड़ी के यमकेश्वर ब्लॉक की मूल निवासी प्रतिभा ने इसी महीने मध्य प्रदेश में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में सीनियर वीमेन कैटेगिरी में गोल्ड जीता है.

यह उपलब्धि हासिल करने वाली वो उत्तराखंड की पहली महिला हैं. ख़ास बात यह भी है कि प्रतिभा को बॉडी बिल्डिंग शुरू किए कुल 16 महीने ही हुए हैं.

पिछले साल सिर्फ़ साढ़े तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद प्रतिभा ने अपनी ज़िंदगी में पहली बार किसी बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था. सिक्किम में आयोजित नेशनल चैम्पियनशिप में वह चौथे स्थान पर रही थीं.

बीमारी से फ़िटनेस की ओर

महिला बॉडी बिल्डिंग के फ़ील्ड में प्रतिभा की चमक धूमकेतु की तरह हुई है, लेकिन इस राह पर उनके चलने की वजह उनकी बीमारी बनी थी.

दरअसल 2008 में दूसरा बेटा पैदा होने के बाद प्रतिभा में एक अंतर आया. वह बहुत थकी-थकी रहने लगीं और उनका ब्लड प्रेशर भी कम रहने लगा.

प्रतिभा को लगा कि दो छोटे बच्चों की देखरेख और फिर काम की वजह से ऐसा हो रहा है, लेकिन यह समस्या बढ़ती गई.

प्रतिभा के पति भूपेश थपलियाल देहरादून में कपड़ों का कारोबार करते हैं. उनकी दो दुकानें हैं.

शादी के साथ प्रतिभा भी उनके व्यवसाय में हाथ बंटाने लगी थी. महिलाओं के कपड़ों की दुकान प्रतिभा ही संभालती थीं.

2014 तक प्रतिभा लगातार घर, व्यवसाय, बच्चों की ज़िम्मेदारी निभाने के साथ ही थकान और लो बीपी से जूझती रहीं. जब बर्दाश्त के बाहर हो गया तो वह डॉक्टर के पास गईं और तब पता चला कि उनका थायरॉइड ख़तरनाक स्तर तक बढ़ा हुआ है.

प्रतिभा बताती हैं कि थायरॉइड का जो स्तर 5 पॉइंट से ऊपर नहीं जाना चाहिए, वह उनका 50 पॉइंट तक पहुंच गया था. तत्काल दवाओं की हेवी डोज़ के साथ उनका इलाज शुरू किया गया.

उन्होंने माना कि दवाओं से थायरॉइड को कंट्रोल किया जा सकता है, लेकिन वज़न पर वह नियंत्रण नहीं कर पा रही थीं. 2014 से 2018 के बीच उनका वज़न 60 किलो से बढ़कर 85 किलो हो गया था.

इसके बाद डॉक्टर की सलाह पर उन्होंने जिम जॉइन किया. उनके पति भूपेश ने भी उनके साथ जिम जॉइन कर लिया.

वॉलीबॉल और क्रिकेट की नेशनल प्लेयर

प्रतिभा की पढ़ाई-लिखाई और परवरिश ऋषिकेश में हुई है. उन्होंने हिंदी में एम ए किया है और पढ़ाई के दौरान वह खेलों में पूरी तरह सक्रिय रही थीं.

वह वॉलीबॉल में बतौर कप्तान उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं और पांच बार नॉर्थ ज़ोन खेला है. इसके अलावा वह चार बार क्रिकेट में भी ऑल इंडिया स्तर पर खेल चुकी हैं.

इसलिए जिम में पसीना बहाना उनके लिए नई बात नहीं थी. हालांकि इसके ऐसे असर की उम्मीद उन्हें भी नहीं थी. सिर्फ़ 3-4 महीने में ही उनका वज़न 85 किलो से घटकर 60 किलो हो गया.

कोरोना के बाद जब जून 2021 में थपलियाल दंपति ने फिर से जिम जॉइन किया तो भूपेश ने महसूस किया कि प्रतिभा का शरीर बॉडी बिल्डिंग के अनुकूल हो सकता है.

कैसे दिखी बॉडी बिल्डिंग की संभावना

वह कहते हैं, “इनके शरीर में बॉडी बिल्डर बनने की संभावनाएं दिखीं. इन्होंने जब वेट ट्रेनिंग शुरू की तो तुरंत मसल्स पर रिज़ल्ट दिखने लगा. इनको बस थोड़ा तैयार करने की ज़रूरत थी.”

इसके बाद बॉडी बिल्डिंग के उद्देश्य से नवंबर में भूपेश ने प्रतिभा को एक जिम जॉइन कराया जिसके मालिक उत्तराखंड बॉडी बिल्डर्स के संगठन में पदाधिकारी थे.

लेकिन बाद में उन्हें अहसास हुआ कि उनके कोच का ज़ोर मार्च, 2022 में होने वाली नेशनल चैंपियनशिप के लिए प्रतिभा को तैयार करने के बजाय अपने बनाए सप्लीमेंट्स बेचने पर था.

एक महीने बाद ही जब प्रतिभा-भूपेश को लगने लगा कि प्रतिभा के शरीर में फ़र्क दिखने लगा है और वह कंपीटीशन के लिए तैयार होने लगी हैं. लेकिन उनके तब के कोच ने उन्हें बुरी तरह हतोत्साहित किया.

प्रतिभा बताती हैं कि उन्हें कहा गया, “तुम्हें या तो थायरॉयड हो गया है या तुम्हारी उम्र हो गई है. शरीर में तो कोई फ़र्क नज़र नहीं आ रहा.”

इस घटन के बाद प्रतिभा की पूरी ट्रेनिंग का ज़िम्मा भूपेश ने ले लिया. उनकी डाइट, ट्रेनिंग, सप्लीमेंट सब कुछ भूपेश की निगरानी में होना लगा.

-पीस बिकिनी और स्पॉन्सरशिप

भूपेश की निगरानी में प्रतिभा चैंपियनशिप के लिए तैयारी तो कर रही थीं लेकिन उनमें एक झिझक भी थी और यह थी ड्रेस को लेकर. दरअसल बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में टू-पीस बिकनी में परफॉर्म करना होता है और प्रतिभा टीशर्ट-शॉर्टस में तो सहज थीं लेकिन टू-पीस बिकिनी में नहीं…

लेकिन उनके पति भूपेश ने उन्हें भरोसा दिलाया कि ये कोई मुद्दा नहीं है. पति के लगातार प्रोत्सहान के बाद उनकी ये झिझक जाती रही.

इसके बाद मार्च, 2022 में सिक्किम में हुई चैंपियनशिप में प्रतिभा को चौथा स्थान मिला.

भूपेश कहते हैं कि बॉडी बिल्डिंग के साढ़े तीन महीनों के करियर में प्रतिभा ने कई सालों से प्रैक्टिस कर रही महिलाओं को पछाड़कर चौथे स्थान पर आना कोई छोटी उपलब्धि नहीं थी.

इस उपलब्धि का उन्हें फ़ायदा भी मिला.

एक स्थानीय होटल ने प्रतिभा की एक समय की डाइट स्पान्सर कर दी और एक जिम के मालिक ने उन्हें अपनी सुविधानुसार जिम का इस्तेमाल करने की सुविधा दे दी.

इस साल 4-5 मार्च को मध्य प्रदेश के रतलाम में हुई नेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर प्रतिभा ने देश भर का ध्यान अपनी ओर खींचा.

नाश्ता बनाने लगे बच्चे, ताकि मां फ्री रहे

लेकिन यह उपलब्धि आसान नहीं रही. इस जीत के लिए प्रतिभा ने साल भर बेहद कड़े अनुशासन और कड़ी मेहनत तो की है उनके परिवार ने भी उनका पूरा साथ दिया.

पति भूपेश तो लगातार साल भर उनके साथ बतौर कोच, मेंटॉर मेहनत करते ही रहे, 12वीं और 9वीं (अब दसवीं) में पढ़ने वाले बेटों ने भी पूरा सहयोग किया.

प्रतिभा बताती हैं कि न सिर्फ़ बच्चों ने उन्हें किसी चीज़ के लिए शिकायत या फ़़रमाइश की, छोटा बेटा तो ऑमलेट और सेंडविच बनाना भी सीख गया ताकि मां को उनके नाश्ते के लिए परेशान न होना पड़े.

उधर चैंपियनशिप से एक महीना पहले भूपेश ने अपनी दुकान बंद ही कर दी थी ताकि पूरा समय प्रतिभा को दिया जा सके और उनकी शारीरिक, मानसिक मज़बूती का ख़्याल रखा जा सके.

यह इसके बावजूद कि बॉडी बिल्डिंग एक महंगा खेल है. बॉडी बिल्डर को डाइट का बहुत ख़्याल रखना होता है और पूरा समय देना होता है.

प्रतिभा कहती हैं कि इस सबसे एक समय आर्थिक स्थिति एक समय काफ़ी ख़राब हो गई थी और तब उनके दो भाइयों और एक बहन ने उनकी मदद की.

विश्वास और चुनौती

अब प्रतिभा एशियन और वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए तैयारी कर रही हैं. उन्हें खुद पर और अपने पति, कोच पर पूरा भरोसा है कि वह देश का नाम दुनिया में रोशन करेंगी लेकिन चुनौती पैसे के इंतज़ाम की है.

भूपेश कहते हैं कि उन्हें सरकार और समाज से मदद की उम्मीद है.

बहरहाल प्रतिभा के लिए अभी यह दौर सम्मान समारोहों, बधाई संदेशों और मीडिया को दिए जा रहे इंटरव्यूज़ का है लेकिन ज़ल्द ही उन्हें वापस जिम लौटना होगा ताकि वह आने वाली और बड़ी चुनौतियों के लिए खुद को तैयार कर सकें.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *