बृजभूषण के आरोपों पर बोले पहलवान- ‘राजनीति से पहले बेटियों का सम्मान’

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DMT : नई दिल्ली : (29 अप्रैल 2023) : –

दिल्ली के जंतर-मंतर पर पिछले सात दिनों से ओलंपिक चैंपियन पहलवान, भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

बृजभूषण सिंह पर महिला पहलवानों के साथ कथित तौर पर यौन उत्पीड़न का आरोप है.

पहलवानों का कहना है कि सिर्फ़ एफ़आईआर दर्ज होने से वे प्रदर्शन बंद नहीं करेंगे.

उनका कहना है कि जब तक बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक वे घर नहीं जाएंगे.

इसी बीच ओलंपिक मेडलिस्ट बजरंग पुनिया ने आरोप लगाया कि पहलवानों पर प्रदर्शन रोकने के लिए दबाव बनाया जा रहा है.

शुक्रवार रात उन्होंने इंस्टाग्राम पर लाइव करते दिखाया कि कैसे खिलाड़ी अंधेरे में बैठे हैं.

लाइव में उन्होंने कहा, “यह है पुलिस की हक़ीक़त. पुलिस ऐसा व्यवहार कर रही है, जैसे खिलाड़ी आतंकवादी हों. मेरी एसीपी से बात हुई है. वो कह रहा है कि जो करना है कर लो.”

“न खाना आने दे रहे हैं, न पानी आने दे रहे हैं, बिजली काट दी और गेट बंद कर दिए. ये दिल्ली पुलिस का व्यवहार है.”

छठे दिन दर्ज हुई एफ़आईआर

जंतर-मंतर पर पहलवानों के प्रदर्शन के छठे दिन दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण सिंह के ख़िलाफ़ दो एफ़आईआर दर्ज की.

दिल्ली के डीसीपी प्रणव तायल ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया है कि महिला पहलवानों की शिकायत पर बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में दो मामले दर्ज किए गए हैं.

उनके अनुसार, पहली एफ़आईआर एक नाबालिग़ पीड़िता की शिकायत पर दर्ज की गई है. इस मामले में उनके ख़िलाफ़ पॉक्सो क़ानून और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मुक़दमा हुआ है.

डीसीपी तायल के अनुसार, दूसरी एफ़आईआर वयस्क महिलाओं की शिकायत पर दर्ज की गई है.

उन्होंने कहा, “एक ही परिवार और एक ही अखाड़ा क्यों ये कर रहा है. हरियाणा के दूसरे खिलाड़ी क्यों नहीं कर रहे हैं. हिमाचल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, बंगाल, असम और देश के अन्य प्रांतों के खिलाड़ी क्यों नहीं प्रदर्शन कर रहे हैं.”

“12 साल से लगातार इनके साथ यौन उत्पीड़न होता है, केवल इनके साथ होता है. वो यौन उत्पीड़न देश के अन्य खिलाड़ियों के साथ क्यों नहीं होता है. एक अखाड़ा, एक परिवार यह कर रहा है, बाक़ी हरियाणा के 90 प्रतिशत खिलाड़ी, 90 प्रतिशत गार्जियन बृजभूषण के साथ हैं क्योंकि मैंने ईमानदारी के साथ काम किया है.”

बृजभूषण सिंह ने कहा कि खिलाड़ियों के पीछे एक उद्योगपति और कांग्रेस का हाथ है जो उन्हें और उनकी पार्टी को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, “जब इनकी मांग मान ली गई, एफआईआर दर्ज हो गई, उसके बाद भी क्यों नहीं जा रहे हैं. अब क्यों मोदी जी के ख़िलाफ़ बोल रहे हैं, क्यों खेल मंत्रालय के ख़िलाफ़ बोल रहे हैं.”

सत्यपाल मलिक और प्रियंका गांधी को बुलाने की क्या ज़रूरत है. ये खिलाड़ियों का धरना नहीं है. ये कुछ षड्यंत्रकारी लोग हैं. जो हमारी पार्टी को नुकसान पहुँचाना चाहते हैं, जिसके लिए मुझे मोहरा बना रहे हैं. हम बहाना हैं, निशाना कोई और है.”

राजनीति करने के आरोपों पर पलटवार करते हुए पहलवान साक्षी मलिक ने कहा कि हम खिलाड़ी हैं और हम किसी राजनीतिक पार्टी का समर्थन नहीं करते हैं.

समाचार एजेंसी एएनआई से उन्होंने कहा, “यहां आकर जो भी हमारे धरने को भटकाने की कोशिश कर रहा है, उसका ज़िम्मेदार वो ख़ुद होगा हम नहीं होंगे.”

धरना दे रहे खिलाड़ियों ने शनिवार दोपहर बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की और तमाम आरोपों का सिलसिलेवार जवाब दिया.

जंतर-मंतर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में विनेश फोगाट ने कहा, “कोई भी खिलाड़ी देश से बड़ा नहीं है. देश के खिलाड़ियों का सम्मान भी जरूरी है और वो सम्मान की लड़ाई हम लड़ रहे हैं. वो हर तरह से हमें ब्रेक करने की कोशिश कर रहे हैं.”

उन्होंने कहा, “मैं 2009 से खेल रही हूं आज तक सिर्फ़ चार नेशनल नहीं खेल पाई हूं, वो भी इंजरी की वजह से. आज तक बिना ट्रायल के कभी नहीं खेला. ऐसा कभी नहीं हुआ है कि मैंने हिंदुस्तान में पहले नहीं जीता और खेलने के लिए बाहर गई. बृजभूषण को बोलिए कि वो एक भी ऐसा मौका बता दें.”

ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया ने कहा, “कुछ लोग हमारे आंदोलन को एक अलग दिशा में ले जाने का प्रयास कर रहे हैं. हम यहां सिर्फ़ न्याय के लिए आए हैं. भारत की बेटियों की लड़ाई लड़ने के लिए आए हैं. राजनीति बाद में आती है. पहले बेटियों की इज्जत और सम्मान है. इस पर आप लोग राजनीति न करें तो अच्छा है. इस आंदोलन को राजनीति से न जोड़ें.”

उनके अनुसार, इन पहलवानों को अभी तक एफ़आईआर की कॉपी भी नहीं दी गई है, ऐसे में यह पता नहीं चल पा रहा है कि बृजभूषण शरण सिंह पर कौन-कौन सी धाराएं लगाई गई हैं.

उन्होंने कहा कि पुलिस को चाहिए कि वे पहलवानों को एफआईआर की कॉपी मुहैया कराएं.

प्रियंका गांधी ने पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में गांधी ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कोई उम्मीद नहीं है.

गांधी ने कहा कि सब जानते हैं कि कमेटी से क्या होता है. असल में यह सब मामले को टालने के लिए किया जाता है.

उन्होंने कहा कि इस मामले का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए.

न सिर्फ प्रियंका गांधी बल्कि कई राजनीतिक दलों के नेता पहलवानों को साथ देने के लिए जंतर मंतर पहुंच रहे हैं.

केजरीवाल ने कहा, “केंद्र सरकार से गुजारिश है कि इतने निर्दयी न बनो. इनका पानी रोक दिया. गद्दे रोक दिए. बिजली काट दी गई “

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार से ‘जो बन सकेगा, वो हम करेंगे.’

केजरीवाल ने आम लोगों से अपील की कि वो धरने पर बैठे पहलवानों का समर्थन करें.

उन्होंने कहा, “जो लोग भारत से प्यार करते हैं, उनसे मैं कहता हूं कि छुट्टी लेकर आओ.” और इन्हें समर्थन दो.

इससे पहले जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव, जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक और कई खापों के मुखिया पहलवानों का साथ देने के लिए पहुंचे थे.

उन्होंने कहा था, “पूरा देश क्रिकेट की पूजा करता है लेकिन एक भी क्रिकेटर ने कुछ नहीं बोला. हम यह नहीं कर रहे हैं कि आप हमारे पक्ष में बोलें, लेकिन कम से कम आकर ये तो कहना चाहिए कि न्याय हो. इससे मुझे बहुत दुख होता है. चाहे वह क्रिकेटर हों, बैडमिंटन खिलाड़ी हों, एथलेक्टिस हों या फिर मुक्केबाज.”

‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ आंदोलन का उदाहरण देते हुए विनेश फोगाट ने कहा, “ऐसा नहीं है कि हमारे देश में बड़े एथलीट नहीं हैं. अमेरिका में ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ आंदोलन के दौरान ऐसे क्रिकेटर हैं जिन्होंने अपना समर्थन दिखाया था. क्या हम इतने भी लायक नहीं हैं?”

विनेश फोगाट ने कहा, “जब हम कुछ जीतते हैं तो आप हमें बधाई देने के लिए आगे आते हैं. यहां तक कि क्रिकेटर भी ऐसा होने पर ट्वीट करते हैं. अभी क्या हो गया? क्या आप सिस्टम से इतना डरते हैं? या हो सकता है कि वहां भी कुछ गड़बड़ चल रहा हो?”

उनके इस इंटरव्यू के बाद कई बड़े खिलाड़ियों और बॉलीवुड सितारों ने पहलवानों के पक्ष में ट्वीट किए.

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