DMT : चंडीगढ़ : (27 अप्रैल 2023) : – पंजाब की राजनीति के पितामह माने जाने वाले प्रकाश सिंह बादल को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शहर के दौरे को राजनीतिक पंडित एक मजबूत संकेत के रूप में देख रहे हैं। माना जा रहा है कि ताजा घटनाक्रम के बीच नये समीकरणों की आहट सुनाई पड़ने लगी है। भाजपा और शिरोमणि अकाली दल अपने मतभेदों को भुलाकर फिर से ‘पुराने बंधन’ में बंध सकते हैं।
असल में कई कारण हैं जो इस चर्चा को बल देते हैं। बादल के निधन की औपचारिक घोषणा के तुरंत बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर अस्पताल पहुंचे। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी बृहस्पतिवार को बादल के अंतिम संस्कार कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उनके गांव पहुंच रहे हैं। दिवंगत पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल के एक विश्वासपात्र ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का श्रद्धांजलि देने यहां आना एक बड़ा संदेश देता है। उन्होंने कहा, ‘पीएम मोदी हमेशा वरिष्ठ बादल को उच्च सम्मान देते थे। मोदी सार्वजनिक रूप से प्रकाश सिंह बादल को भारतीय राजनीति का नेल्सन मंडेला कहते थे।’
इस संबंध में पंजाब भाजपा के अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने हालांकि कहा, ‘भारतीय राजनीति के सबसे बड़े नेताओं में से एक बादल के लिए हमारे सम्मान को भविष्य के किसी भी गठबंधन से जोड़ना गलत है। बादल अपने आप में एक संस्था थे। भले ही मैं उनकी आधी उम्र का था, लेकिन कुछ साल पहले, मैं जब उनसे मिलने गया तो वह मुलाकात के बाद मुझे गेट तक छोड़ने आए। मैं उनकी इस शालीनता से बेहद प्रभावित हुआ।’
उल्लेखनीय है कि बादल ने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के कड़े विरोध के बावजूद 1996 में भाजपा को बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा की थी। जब कृषि विधेयकों के खिलाफ आवाज बुलंद हो रही थी तब भी बादल ने कहा था कि केंद्र गेहूं और चावल पर एमएसपी देना कभी बंद नहीं करेगा। बादल के सलाहकार हरचरण बैंस ने कहा, ‘पार्टी लाइन से ऊपर उठकर, भारतीय राजनीति के सबसे बड़े नेताओं में से एक को श्रद्धांजलि देने के लिए पीएम का आना बादल के प्रति उनके सम्मान को दर्शाता है।’