मीराबाई चनू लगातार दूसरी बार बनीं बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर

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DMT : मणिपुर  : (05 मार्च 2023) : – वेटलिफ़्टर मीराबाई चनू ने 2022 का बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड जीत लिया है. चनू को पब्लिक वोटिंग के नतीजे आने के बाद विजेता घोषित किया गया.

2021 का बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड भी उन्होंने ही जीता था.

मणिपुर में पैदा हुईं चनू ने बचपन में जलावन के लिए लकड़ी इकट्ठा करते हुए वेटलिफ़्टिंग के गुर सीखने शुरू कर दिए थे.

साल 2020 में उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में वेटलिफ़्टिंग का सिल्वर मेडल जीता था. ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं.

इसके बाद 2022 में इंग्लैंड के बर्मिंघम में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने वेटलिफ़्टिंग का गोल्ड मेडल जीता. इसी साल आयोजित वर्ल्ड वेटलिफ़्टिंग चैंपियनशिप में भी उन्होंने सिल्वर मेडल जीता.

नई दिल्ली में आयोजित अवॉर्ड समारोह में पुरस्कार लेने के बाद मीराबाई चनू ने कहा, “शुक्रिया बीबीसी, एक बार फिर से ये अवॉर्ड देने के लिए. इस अवॉर्ड के लिए मैं अपने कोच, परिवार, फेडरेशन और सभी को धन्यवाद कहना चाहती हूं.”

उन्होंने कहा, “मई में मेरा कंपटीशन है इसलिए मैं नहीं आ पाई, लेकिन मैं एक चीज़ कहना चाहती हूं कि एशियन गेम्स आने वाले हैं और इंडिया के लिए एक और मेडल लाने के लिए मैं पूरी कोशिश करूंगी.”लड़कियों के खेल में जाने और वेटलिफ़्टिंग करने की चुनौतियों को लेकर उन्होंने कहा, “कुछ लोग कहते हैं कि वेटलिफ़्टिंग में जाने से लड़कियों की बॉडी ख़राब होती है लेकिन मैं पहले भी ऐसी थी और अब भी ऐसी हूं. हमें इस सोच को बदलना होगा. जब से लड़कियां मेडल लाई हैं काफ़ी बदलाव आया है. परिवार भी बहुत चिंतित होता था लेकिन अब काफ़ी बदलाव आए हैं.”

बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड 2022 के लिए जिन महिला खिलाड़ियों के नाम शॉर्टलिस्ट किए गए थे उनमें रेसलर विनेश फोगाट और साक्षी मलिक, बॉक्सर निख़त ज़रीन और बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु शामिल थीं.

पैरा स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर बनीं भाविना पटेल

बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड में पहली बार शामिल बीबीसी इंडियन पैरा स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर कैटेगरी में पुरस्कार जीता भाविना पटेल ने.

पैरा टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविना पटेल ने 2020 में टोक्यो में आयोजित पैरा ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता था. ऐसा करने वाली वह भारत की पहली पैरा टेबल टेनिस खिलाड़ी थीं.

भाविना पटेल ने 2022 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भी गोल्ड मेडल जीता था.

भाविना पटेल ने कहा, “ये प्रतिष्ठित पुरस्कार महिलाओं और खिलाड़ियों को सशक्त बनाने की ज़बरदस्त पहल का हिस्सा है और इसे जीतना सच में सुकून देने वाला अहसास है. बीबीसी ने पैरा स्पोर्ट्स और भारत को और समावेशी बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है, ये काबिले तारीफ़ है.”

उन्होंने कहा, “मैं गुज़ारिश करती हूं कि ज़मीनी स्तर पर खिलाड़ियों की मदद की जाए, क्योंकि एक बार आप मेडल जीत लेते हैं तो सुविधाएं मिलने लगती हैं लेकिन शुरुआत में ऐसे लोगों की मदद करना बहुत ज़रूरी है जो देश के लिए कुछ करना चाहते हैं.”

अवॉर्ड समारोह में भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान प्रीतम सिवाच को बीबीसी लाइफ़टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिया गया.

उन्हें भारतीय खेलों में उनके योगदान और नई पीढ़ी के खिलाड़ियों को प्रेरित करने के लिए ये अवॉर्ड दिया गया.

अवॉर्ड जीतने पर उन्होंने कहा, “सबसे पहले मैं बीबीसी को धन्यवाद करती हूं कि इस अवॉर्ड से महिलाओं को नवाज़ा जा रहा है. जब मैं गांव में थी तो मुझे ज़्यादा सुविधाएं नहीं थीं. हरियाणा में आज भी बहुत सारे गांव ऐसे हैं, जहां पर लड़कियां खेलना चाहती हैं लेकिन अभी भी नहीं खेल पाती हैं.”

सिवाच ने कहा, “हॉकी खेलने के बाद मैंने सोचा कि मैं एकेडमी बनाऊं, ताकि जो मुश्किलें मुझे आई हैं वो दूसरी लड़कियों को न आएं. आज सोनीपत में जो मैं एकेडमी चलाती हूं, उसमें 200 लड़कियां हैं. बीस साल पहले जब मैंने शुरू किया तो मेरे पास कुछ भी नहीं था, लेकिन मेरी एक ही सोच थी कि मैं यहां से प्लेयर तैयार करूं.”

सिवाच देश की पहली महिला हॉकी कोच हैं जिन्हें द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. द्रोणाचार्य पुरस्कार खेल कोच को दिया जाता है.

बॉक्सर नीतू घनघस को बीबीसी इमर्जिंग प्लेयर ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड के लिए चुना गया है.

अवॉर्ड जीतने पर नीतू घनघस ने कहा, “मुझे बहुत खुशी है कि इस साल मुझे बीबीसी ने इमर्जिंग प्लेयर ऑफ़ द ईयर का अवॉर्ड दिया है. ऐसे अवॉर्ड हम महिला खिलाड़ियों को और भी अच्छा प्रदर्शन करने के लिए हौसला देते हैं.”

“पिछले साल मैं इस कार्यक्रम में गेस्ट बनकर आई थी और इस साल बीबीसी ने मुझे सम्मानित किया है. ये बहुत ही अच्छा अनुभव है. अब सारा ज़ोर अगले साल होने वाले ओलंपिक की तैयारी पर है, जिसके लिए आपकी शुभकामनाओं की ज़रूरत है.”

वो दो बार यूथ वर्ल्ड चैंपियन रह चुकी हैं और कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीत चुकी हैं. 2022 के कॉमनवेल्थ गेम्स के मिनिमम वेट कैटेगरी में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता था.

इन्होंने 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में लॉन बॉल्स वुमेन टीम इवेंट में गोल्ड मेडल जीता था. ये इस खेल में भारत का पहला मेडल था.

फ़ाइनल में भारतीय महिला खिलाड़ियों ने दक्षिण अफ़्रीका को 17-10 से मात दी थी. लॉन बॉल एक तरह का बॉलिंग गेम है. इसकी शुरुआत इंग्लैंड में तेरहवीं शताब्दी में हुई और इसके औपचारिक नियम और क़ानून 18वीं सदी के अंत में बने.

हालांकि 1966 को छोड़कर हर कॉमनवेल्थ गेम्स में इस खेल को शामिल किया गया है.

  • 2022 में फिनलैंड के शहर टेंपेरे में आयोजित वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप के 100 मीटर स्प्रिंट में भगवानी देवी ने गोल्ड मेडल जीता था.
  • 35 साल की अधिक उम्र वाले एथलीटों के लिए आयोजित इस प्रतियोगिता में भगवानी देवी ने शॉट पुट में भी कांस्य पदक जीता था.
  • वहीं रामबाई ने 2022 में वडोदरा में आयोजित नेशनल ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 100 मीटर और 200 मीटर दौड़ में गोल्ड मेडल जीता था.
  • ‘मीराबाई चनू को बधाई’
  • बीबीसी न्यूज़ के डिप्टी सीईओ और डायरेक्टर ऑफ़ जर्नलिज़्म जोनाथन मुनरो ने इस अवॉर्ड समारोह में शामिल होने पर खुशी जताई. उन्होंने लगातार दूसरी बार बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड जीतने पर मीराबाई चनू को बधाई दी.
  • उन्होंने कहा, “मैं इस साल के अवॉर्ड में बीबीसी इंडियन पैरा स्पोर्ट्सवुमन कैटेगरी को शामिल किए जाने को लेकर ख़ास तौर पर खुश हूं.”लिलियन लैंडोर कहती हैं, “मुझे उनकी उपलब्धियों का जश्न मनाने में गर्व महसूस हो रहा है. उन्होंने बेहतरीन प्रतिभा, दमखम और खेल के लिए अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया है. भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के खेल जगत के लिए उन्होंने शानदार उदाहरण पेश किया है.”
  • इस साल फरवरी में बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड के लिए पांच दावेदारों के नामों की घोषणा की गई थी, जिसके बाद पॉपुलर वोट से विजेता का फ़ैसला हुआ.
  • पाँच दावेदारों का चुनाव एक ज्यूरी के ज़रिए किया गया था जिसमें जाने-माने खेल पत्रकार, लेखक और एक्सपर्ट शामिल थे.
  • इसके बाद वे वर्ल्ड वेटलिफ़्टिंग चैंपियनशिप 2022 में सिल्वर और बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में गोल्ड मेडल जीतीं.
  • 2016 के रियो ओलंपिक खेलों में भार नहीं उठा सकने के बाद खेलों को लगभग अलविदा कर चुकीं मीराबाई ने वहाँ से एक लंबा सफ़र तय किया है.
  • उन्होंने वर्ल्ड वेटलिफ़्टिंग चैंपियनशिप 2017 में गोल्ड मेडल जीत कर अपनी योग्यता साबित की.
  • देश के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में चाय बेचने वाले पिता के घर में पैदा हुईं मीराबाई चनू को अपने खेल करियर के शुरुआती चरण में बहुत अधिक आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा.
  • लेकिन वे सभी बाधाओं को सफलतापूर्वक पार करती हुई चैंपियन बनीं.
  • साक्षी मलिक
  • साक्षी मलिक ओलंपिक में मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला कुश्ती खिलाड़ी हैं.
  • उन्होंने 2016 के रियो ओलंपिक में 58 किलो भार वर्ग में कांस्य पदक हासिल करके यह इतिहास रचा था. वे ओलंपिक मेडल जीतने वालीं चौथी भारतीय महिला खिलाड़ीं बनी थीं.

रियो ओलंपिक में लाजवाब प्रदर्शन करने के बाद साक्षी का करियर एकदम से औंधेमुंह नीचे की ओर चला गया लेकिन उन्होंने 2022 के बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतकर चौंका देने वाली वापसी की.

साक्षी मलिक पहले भी कॉमनवेल्थ गेम्स में रजत और कांस्य पदक जीत चुकी हैं.

वे कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स दोनों में गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान भी हैं.

विनेश कॉमनवेल्थ गेम्स में लगातार तीन गोल्ड मेडल हासिल कर चुकी हैं, हालांकि ये मेडल अलग-अलग भार वर्ग में आए थे. कॉमनवेल्थ गेम्स में वे बीते वर्ष 2022 में 53 किलो भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीती थीं.

विनेश महिला पहलवानों के उस परिवार से आती हैं जहाँ उनकी चचेरी बहनें गीता और बबीता फोगाट ने भी कई अंतरराष्ट्रीय मेडल जीते हैं.

पीवी सिंधु

बैडमिंटन खिलाड़ी पुसरला वेंकट सिंधु (पीवी सिंधु) ओलंपिक खेलों में दो मेडल हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं.

टोक्यो में मिला कांस्य उनका दूसरा ओलंपिक मेडल था- वे रियो ओलंपिक 2016 में सिल्वर जीती थीं.

सिंधु ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में गोल्ड मेडल जीता था. इससे पहले सिंधु ने बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (बीडब्ल्यूएफ़) वर्ल्ड टूर फ़ाइनल्स 2021 में सिल्वर मेडल जीता था.

सिंधु ने 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय बनने का ऐतिहासिक कारनामा किया था. वे सितंबर 2012 को 17 साल की उम्र में ही बीडब्ल्यूएफ़ वर्ल्ड रैंकिंग के टॉप-20 खिलाड़ियों में पहुँच गईं थीं.

2019 में उन्होंने सर्वाधिक वोट हासिल कर पहला बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड जीता था.

निख़त ज़रीन

2011 में जूनियर वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप जीत चुकीं निख़त ज़रीन महिलाओं की वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2022 में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं.

निख़त बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के फ़्लाइवेट वर्ग मुक्केबाज़ी में भी गोल्ड जीतीं.

उन्होंने 2022 का अंत भारत में नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल करने के साथ किया. ज़रीन को उनके पिता ने इस खेल में डाला क्योंकि वे अपनी ऊर्जावान बेटी की ताक़त को दिशा देना चाहते थे.

12 साल की उम्र में बॉक्सिंग के कारण आंखों के चारों ओर हुए काले धब्बों पर रिश्तेदारों के व्यंग्य से उनकी मां चिंतित नहीं हुईं.

निख़त के पिता ने उन्हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया. तब से निख़त ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

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