रियलिटी शो की दुनिया में हारने-जीतने, हँसने-रोने और लड़ने-झगड़ने के पीछे की कहानी

Hindi Mumbai

DMT : मुंबई  : (01 मई 2023) : –

एक रियलिटी शो चल रहा है. मंच पर एक लड़का माइक लिए खड़ा है. इस रियलिटी शो में लड़के का ये अंतिम दिन है.

सबको लग रहा था कि ये लड़का जीतेगा. लेकिन शो में कहा गया कि दूसरों की तुलना में इस लड़के को लोगों ने वोटिंग में कम पसंद किया. लिहाज़ा- बाहर!

कुछ साल बीतते हैं. यही लड़का एक बार फिर मंच पर आता है. माइक पर जैसे ही ये लड़का गाता है- ”मुझको इतना बताए कोई, कैसे तुझसे दिल ना लगाए कोई…”

ये सुनते ही मंच से बाहर मौजूद इस लड़के को पसंद करते हज़ारों, लाख लोगों को भीड़ चिल्लाने लगती है- अरिजीत, अरिजीत, लव यू अरिजीत…

यही अरिजीत सिंह 2005 में रियलिटी शो ‘फ़ेम गुरुकुल’ से हारकर बाहर हुए थे.

तब से लेकर अब तक जब-जब कोई रियलिटी शो हुआ है और कोई कलाकार या प्रतियोगी जीता या हारा है, एक सवाल कुछ लोगों ने ज़रूर पूछा है.

रियलिटी शो के पीछे की कहानी क्या है?

रियलिटी शो पर सवाल उठाने वालों में शो में हिस्सा ले चुके प्रतियोगी भी शामिल रहे हैं. जैसे-

  • एक बार बिग बॉस में पारस छाबड़ा ने सलमान ख़ान से ये तक कह दिया था -”सर, ये प्लीज क्रिएटिव्स को बोलिए कि बेकार की बातें ना ही करें पीछे से.”
  • लॉकअप शो में करनवीर ने अंजलि से फ़ेक अफे़यर करने की बात कही थी ताकि शो में सफ़लता मिल सके. करनवीर ने इस पर कहा था- आपको मालूम है आप कुछ स्टोरी दिखाते हैं और कुछ फेकनेस.

तो रियलिटी शो की दुनिया में जो दिखता है, वही सच है या फिर सच कुछ और ही है?

इस सवाल का जवाब जानने के लिए हम उसी मुंबई पहुँचे, जहाँ होने वाले किसी रियलिटी शो के लिए जब किसी को चुना जाता है तो कहा जाता है- ”तू मुंबई आ रहा है.”

रियलिटी शो की इस कहानी में हम जानेंगे कि रियलिटी शो भारत में कब आए, कैसे छाए और आप रियलिटी शो में जो देखते हैं, वो सच के कितने क़रीब?

फिर चाहे नेहा कक्कड़ के आँसू हों या सलमान ख़ान का ग़ुस्सा. अनु मलिक का ‘तू आग लगा देगा’ कहना हो या फिर रियलिटी शो में राजनीतिक एजेंडा फैलाने के आरोप.

मुंबई की फ़िल्म सिटी. कॉमेडी का ‘द कपिल शर्मा शो’ शूट हो रहा है. शो देखने जिन आम लोगों को जाना है, उनको फ़ोन साइलेंट पर करने के लिए कहा जा रहा है.

ये शो ज़्यादातर शाम से रात तक शूट होता है और चार-पाँच घंटे की दो शिफ़्ट में शूट पूरा हो पाता है.

स्टूडियो से बाहर कई वैनिटी वैन खड़ी हैं. शो में हिस्सा लेने आई हस्तियों को क्रिएटिव टीम के लोग हाथ में कागज लिए कुछ-कुछ समझा रहे हैं.

ये समझा रहे लोग ही तय करते हैं कि कोई रियलिटी शो कितना ज़्यादा मनोरंजक होगा और इसे कैसे हासिल करना है?

लेकिन रियलिटी शो होते क्या हैं? टीवी के दर्शक इस सवाल का जवाब देंगे- बिग बॉस, कौन बनेगा करोड़पति, डांस इंडिया डांस, नच बलिए, इंडियन आइ़डल… यानी वो शो जहाँ सब कुछ असली हो.

टीवी चैनलों की क्रिएटिव टीम हेड कर चुके लोगों से पूछेंगे तो जवाब होगा- रियलिटी शो जैसा कुछ नहीं होता है, ये सब जो आप इनमें देखते हैं ये अनस्क्रिपेटेड कंटेंट कहलाते हैं. जो जैसा है, उसे कैमरे में क़ैद किया और बाद में एडिट करके दिखा दिया.

अनस्क्रिप्टेड में दो चीजें आती हैं. पहली डॉक्यूमेंट्री. दूसरे- रियलिटी शो.

रियलिटी शो भी कई तरह के होते हैं-

  • गेम शो: कौन बनेगा करोड़पति, दस का दम
  • सेलेब्रिटी रियलिटी शो: नच बलिए, झलक दिखला जा
  • टैलेंट रियलिटी शो: इंडियन आइडल, डांस इंडिया डांस
  • एडवेंचर रियलिटी शो: ख़तरों के खिलाड़ी, फ़ियर फ़ैक्टर
  • कैप्टिव रियलिटी शो: बिग बॉस
  • डेटिंग रियलिटी शो: टू हॉट टू हैंडल, स्पिट्सविला

दुनिया का पहला टीवी रियलिटी शो ‘कैंडिड कैमरा’ माना जाता है.

1948 में आए इस शो में हिस्सा लेने वाले लोगों को किसी अकल्पनीय या अजब-गजब स्थिति में छोड़ा जाता था और फिर प्रतिक्रियाएँ कैमरे में क़ैद करके प्रसारित करते थे.

जैसे- किसी बच्चे के सामने अचानक मोहम्मद अली को लाकर खड़ा करना और प्रतिक्रियाएँ दिखाना.

दुनिया में सबसे लंबे वक़्त तक चलने वाले रियलिटी शो का नाम ‘कॉप्स’ है. 1989 में शुरू इस शो का अभी 35वाँ सीजन चल रहा है.

बीबीसी हिंदी

भारत के शुरुआती रियलिटी शो में कुछ का ज़िक्र ज़रूरी है.

  • 1972 में रेडियो पर शुरू हुआ क्विज़ कॉन्टेस्ट. बाद में टीवी वर्ज़न के होस्ट– डेरेक ओ ब्रायन.
  • 1995 में शुरू हुआ सिंगिंग शो सा रे गा मा पा. होस्ट- सोनू निगम.

भारत में रियलिटी शो का बूम

भारत में रियलिटी शो की दुनिया साल 2000 के बाद तब तेज़ी से बदली, जब अमिताभ बच्चन ने ‘कौन बनेगा करोड़पति’ शो से छोटे पर्दे पर एंट्री ली.

एक विदेशी शो के इस शुद्ध हिंदी परिवारिक वर्जन ने टीवी के रास्ते जल्द लोगों के दिल में जगह बना ली.

किसी के सपनों को पूरा होते देख अक्सर दूसरों के सपनों की भी कोपलें फूटती हैं.

‘कौन बनेगा करोड़पति’ शो की बढ़ती लोकप्रियता और इनाम में मिलती रकम से आई ख़ुशियाँ इसका उदाहरण थीं. शो में जाकर या देखकर, लोग किसी न किसी तरह केबीसी से जुड़े रहते.

फिर 2004 में ‘अमेरिकन आइडल’ की तर्ज पर ‘इंडियन आइडल’ की शुरुआत हुई.

देश के अलग-अलग हिस्सों से काबिल सिंगर चुने जाने लगे.

लेकिन रियलिटी शो की दुनिया में जिस एक शो ने सबसे अलग जाकर अपना नाम लिखा, वो था- ‘बिग ब्रदर’ की तर्ज़ पर भारत में आया ‘बिग बॉस’.

ये वही ‘बिग ब्रदर’ शो था, जिसमें रेसिस्ट टिप्पणी झेलने के बाद चर्चा में आईं शिल्पा शेट्टी विनर बनी थीं और एक तरह से शो बिज़ में कमबैक किया था.

इस वक़्त जब आप इस लाइन को पढ़ रहे हैं, तब भी भारत में कोई न कोई रियलिटी शो शायद शूट हो रहा होगा.

भारतीय टीवी, ओटीटी, यू-ट्यूब के बड़े बाज़ार में अब हर तरह के रियलिटी शो उपलब्ध हैं.

बच्चों और बड़ों के डांस, खाना पकाने, ख़तरों से जूझते, सेलेब्रिटी जोड़ियों को साथ दिखाते, मोहब्बत तलाशते, घर में महीनों बिताते, सवालों के जवाब देते और यहाँ तक कि स्वयंवर शो, जिसमें किसी हस्ती की विधिवत मंत्रों के साथ तो नहीं, लेकिन लाइट, कैमरा, एक्शन के साथ ‘अरेंज मैरिज’ दिखाई गई.

अब रियलिटी शो कई भारतीय भाषाओं में भी बनने लगे हैं. ‘ज़ी’ पर ऐसा ही एक मराठी रियलिटी शो ‘चला हवा येऊ द्या’ है.

ये शो लगभग हज़ार एपिसोड पूरा करने के क़रीब है.

कुछ रियलिटी शो ने भारत को कई बड़े सितारे भी दिए. जैसे- ‘एमटीवी रोडीज़’ से निकले आयुष्मान ख़ुराना या फिर डीडी नेशनल में ‘मेरी आवाज़ सुनो’ शो जीतने वालीं सुनिधि चौहान.

रियलिटी शो: मौलिकता पर भावुकता हावी?

ये कितनी ही बार देखा गया कि रियलिटी शो में भावुकता का एंगल काफ़ी दिखाया जाता है.

ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या भावुकता दिखाने के चक्कर में मौलिकता ख़त्म हो जाती है?

भारत में रियलिटी शो की दुनिया को खड़ा करने वालों में आशीष गोलवलकर एक बड़ा नाम हैं.

सोनी, ज़ी, स्टार टीवी समेत कई चैनलों में वो नॉन फ़िक्शन यानी रियलिटी शो के हेड रह चुके हैं.

डांस इंडिया डांस, सुपर डांसर, शाबाश इंडिया, सलमान ख़ान की होस्टिंग वाले शो दस का दम, कौन बनेगा करोड़पति के कई सीज़न, सारेगामापा का नया वर्जन, अमिताभ बच्चन का ‘आज की रात है ज़िंदगी’ शो, मास्टर शेफ़, नच बलिए, द कपिल शर्मा शो, शार्क टैंक, इंडिया गॉट टैलेंट समेत कई शो शुरू करने या चलाने वाली टीम का आशीष गोलवलकर प्रमुख हिस्सा रहे हैं.

आशीष गोलवलकर कहते हैं, ”टैलेंट हंट शो एक प्लेटफ़ॉर्म होता है न कि रोज़गार की गारंटी. शो का काम है- टैलेंट दिखाना. टैलेंट और कंटेंट दोनों चीज़ें होती हैं. लेकिन सबसे पहला फ़िल्टर टैलेंट होता है. दूसरा फ़िल्टर है कि कौन कहाँ से आ रहा है. फ़र्श से अर्श तक जाने वाली कहानियाँ लोगों को प्रेरणा देती हैं. माइक और कैमरा रिश्वत नहीं लेते. मेरी कहानी भयंकर वाली है, लेकिन मेरी आवाज़ ख़राब है तो क्या मैं रियलिटी शो में जाकर गाना गा सकता हूँ?”

रियलिटी शो का सोशल मीडिया पर मज़ाक भी उड़ाया जाता है कि अगर कोई प्रतियोगी ग़रीब या संघर्ष भरी कहानी वाला नहीं है, तो वो ज़्यादा दिन टिक नहीं पाएगा.

कई रियलिटी शो में जज रह चुके संगीतकार अनु मलिक कहते हैं, ”12 साल की प्यारी सिंगर बच्ची ज्ञानेश्वरी, जिसके पिता ऑटो चलाते हैं या पंजाब के गाँव से आया अनाथ लड़का. ये कहानियाँ मनगढ़ंत नहीं, असली हैं. ये सामने लाई जाती हैं क्योंकि इससे जनता की आँखों में आँसू भी आते हैं और प्रेरणा भी मिलती है. मैसेज जाता है कि इंसान के पास कला हो तो वो किसी भी हालात में कैसे भी आगे बढ़ सकता है.”

ज़्यादा ज़रूरी क्या- काबिलियत या संघर्ष भरी कहानी?

”मिट्टी को इतना कसकर पकड़ना कि ज़मीन नहीं खिसकनी चाहिए. भले ही कितना बाढ़, तूफ़ान आ जाए.”

”माँ, मैं घर से भागा था रात के अंधेरे में… लेकिन जब आऊँगा, तो अपने साथ रौशनी लेकर आऊँगा.

खाना डिलिवर करने वाले प्रतियोगी दिबॉय दास ‘इंडियाज़ बेस्ट डांसर’ रियलिटी शो शूट होने से पहले अपनी पहचान बताए जाने को लेकर सहज नहीं थे.

लेकिन शो में दिबॉय की कहानी भी दिखाई गई और ऊपर लिखी लाइनें भी दिबॉय ने बोलीं.

हमने पता किया कि क्या ये लाइनें क्रिएटिव टीम ने लिखी थीं? शो से जुड़े लोगों ने इससे इनकार किया और कहा कि कई बार शो में शामिल होने वाले लोग ख़ुद इतना अच्छा सोचते या लिखते हैं कि कुछ लाइन देने की ज़रूरत ही नहीं पड़ती.

कई डांस वाले रियलिटी शो में जज रहे टेरेंस लुईस बोले, ”क्रिएटिव टीम का ये रहता है कि अगर किसी बंदे की इमोशनल यात्रा है तो उसका कैरेक्टर स्कैच बनता है. लेकिन किसी का चुनाव डांस के आधार पर होता है न कि कहानी के आधार पर. चुने हुए लोगों की कहानी क्रिएटिव टीम खोजती है. कई बार इमोशनल नहीं, मज़ाकिया कहानी भी होती है. अगर कोई ग़रीब नहीं है या किसी के माँ-बाप नहीं मरे हैं, तो झूठ नहीं बोला जाएगा क्योंकि ऐसा करेंगे तो आप पकड़े जाएँगे. कहानी का सच्चा होना ज़रूरी है. लेकिन इस तरह से पूछा जाता है ताकि कहानी ढंग से बाहर निकले, उस हद तक ये स्क्रिप्टेड होती है. ”

जिनका संघर्ष नहीं पर काबिलियत ख़ूब, क्या ऐसे लोगों की कहानियाँ नहीं होतीं या वो रियलिटी शो में ज़्यादा दिखाए जाने के काबिल नहीं?

अनु मलिक बोले, ”वो बच्चे भी आगे बढ़ते हैं. अब अगर कोई अच्छे घर में पैदा हो गया तो हम मना थोड़ी कर देंगे. या ऐसा भी हुआ है कि किसी की कहानी बहुत रुला देने वाली थी पर वो काबिलियत ना होने से आगे नहीं बढ़ पाया. अंत में कला ही आपको आगे ले जाएगी.”

टेरेंस लुईस कहते हैं, ”मुझे एक जज की कुर्सी दी गई है. मैं इंसानी तौर पर जुड़ सकता हूँ, जज के तौर पर नहीं. क्योंकि ये ज़रूरी है उन लोगों के लिए, जो काबिल हैं लेकिन कहानी इमोशनल नहीं है.”

दिबॉय दास ‘इंडियाज़ बेस्ट डांसर’ शो में जीत नहीं पाए थे. लेकिन उनके संघर्ष की कहानी वाला वीडियो यू-ट्यूब पर लाखों व्यूज़ जीत रहा है.

आँसू तो ठीक. लेकिन रियलिटी शो में जो मज़ाक उड़ाया जाता है, वो हँसी पहले से तय होती है?

टेरेंस ने बताया, ”हम पर जो चुटकुले बोले जाते हैं, वो लिखे जाते हैं. हमें बताया नहीं जाता कि क्या मज़ाक होगा पर हमें हिस्सा लेना होता है. कुछ हद तक कॉमेडी स्क्रिप्टेड होती है.”

कई बार रियलिटी शो में ये भी देखा जाता है कि अचानक उमड़ी भावुक प्रतिक्रियाओं को दर्ज करने के लिए कैमरा मौजूद रहता है. कुछ वक़्त पहले ऑटो चलाने वाले की सिंगर बेटी ज्ञानेश्वरी के घर अनु मलिक गए थे, साथ ही चैनल के कैमरे भी गए थे.

अनु मलिक बोले, ”रियलिटी शो में जो जैसा घट रहा होता है, वो सब कैमरे में दर्ज किया जाता है. अगर मैं शो में कहता हूँ कि मैं ज्ञानेश्वरी के घर जाऊँगा, तो ये (क्रिएटिव टीम) कहते हैं कि कैमरा आपको फ़ॉलो करेगा. ताकि ये साबित हो कि आपने कहा था और आप घर गए भी. जनता को ये दिखाया जाए. ऐसे में कैमरा फ़ॉलो करेगा ही. क्रिएटिव टीम की ओर से कुछ नहीं कहा जाता.”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *