रूसी नागरिकों की वजह से दुबई में प्रॉपर्टी की क़ीमतें आसमान छू रही हैं?

Hindi International

DMT : दुबई  : (01 अप्रैल 2023) : –

एरेथा प्रिटोरियस के लिए फ़रवरी और मार्च के महीने तनावपूर्ण थे. हफ़्तों तक वह और उनके पति क्रिस एक नए घर की तलाश में दुबई में भटकते रहे.

वे 2019 से शहर के केंद्र में स्थित अपने तीन-बेडरूम के विला में रहते हैं.

लेकिन पिछले साल एरेथा के परिवार को मकान मालिक की ओर से घर छोड़ने का नोटिस मिला.

नोटिस में कहा गया कि मार्च में मकान के लीज़ एग्रीमेंट को रिन्यू नहीं किया जाएगा, क्योंकि मकान मालिक खु़द मकान में रहना चाहते हैं.

फ़िर एरेथा के परिवार ने उसी इलाके में घर की तलाश शुरू कर दी, लेकिन वो यह जानकर चौंक गए कि घर का सालाना किराया अब तक उनके द्वारा दिए जा रहे किराए $34,000 (£28,000) से क़रीब 75 फ़ीसद अधिक था.

उन्होंने शहर के अन्य इलाकों में भी किराए के घरों की तलाश की लेकिन अपने बजट के भीतर एक विला खोजने में असफल रहे.

अंत में उन्होंने एक ऐसे घर को चुना जो उनके मौजूदा घर से काफ़ी छोटा है और मुख्य शहर से दूर भी. उन्हें इस नए घर के लिए $45,000 किराया देना होगा, जो पहले के मुक़ाबले अब भी 32 फ़ीसदी अधिक है.

‘पागलों की तरह घर की तलाश में भटके’

एरेथा कहती हैं, “हफ़्तों तक हम पागलों की तरह घर की तलाश में इधर-उधर भटकते रहे. आख़िरकार, हमारे पास समझौता करने के अलावा कोई चारा नहीं था. अब हमें छोटे घर में रहना होगा और ज़्यादा किराया देना होगा.”

2011 में दक्षिण अफ़्रीका से दुबई आने के बाद से एरेथा और क्रिस का ये नया घर उनका पांचवां घर होगा. दुबई का रियल एस्टेट बाज़ार पिछले एक दशक में कई हालात से गुज़रा है, लेकिन एरेथा का कहना है कि उन्होंने पहले घर खोजने के लिए कभी इतना संघर्ष नहीं किया, जितना उन्हें इस बार करना पड़ा.

वो कहती हैं, “दस साल पहले भी किराया काफ़ी ज़्यादा था लेकिन फिर भी घर मिलना इतना मुश्किल नहीं था जितना इस बार था.”

रियल एस्टेट एजेंसी बेटर होम्स के मुताबिक़, पिछले साल दुबई के किराए में औसत 36 फ़ीसदी की वृद्धि हुई.

यह सिर्फ़ विला की तलाश करने वाले लोग नहीं हैं जो चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. अपार्टमेंट समेत सभी तरह के सेगमेंट के किराए बढ़ गए हैं.

आसमान छूती किराये की लागत उन प्रवासियों के लाइफ़स्टाइल पर प्रभाव डाल रही है जो इस देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं.

संयुक्त अरब अमीरात के लगभग एक करोड़ निवासियों में क़रीब 90 फीसदी विदेशी नागरिक हैं.

बाज़ार की मौजूदा मांग की वजह से वकार अंसारी जैसे किराएदारों की ज़ेब पर बोझ पड़ा है, जिसकी वजह से उन्हें दुबई के पड़ोस में अमीरात शारजाह में जाने के लिए मजबूर होना पड़ा, जहां किराए कम हैं.

मकानों के किराये 40 फ़ीसदी तक बढ़े

वकार और उनका परिवार दक्षिणी दुबई में एक बेडरूम के अपार्टमेंट में रह रहा था और किराए पर वो सालाना 9,500 डॉलर ख़र्च कर रहे थे.

पिछले महीने जब उनका लीज़ एग्रीमेंट ख़त्म होने वाला था, तो उनके मकान मालिक क़रीब 3,000 डॉलर किराया बढ़ाना चाहते थे. वकार ने शुरू में उसी इलाके में एक नए अपार्टमेंट तलाश करने की कोशिश की लेकिन वहां किराया 40 फीसदी तक बढ़ चुका था.

वकार कहते हैं, “मैं मौजूदा किराए से 10-15 फीसदी अधिक देने को तैयार था इसलिए मैंने दुबई में अन्य इलाकों में भी खोज की लेकिन उस बजट में कोई अच्छा अपार्टमेंट नहीं मिला. लिहाज़ा शारजाह जाना एकमात्र विकल्प था.”

दुबई स्थित बेटरहोम्स समूह के प्रबंध निदेशक रिचर्ड वैंड के मुताबिक़ मौजूदा बाज़ार की मांग आपूर्ति से ज़्यादा है.

वैंड कहते हैं, “जिन इलाकों में वे रहना चाहते हैं, वहां मौजूद प्रॉपर्टी की तुलना में दुबई में कहीं ज़्यादा लोग आ रहे हैं. बाज़ार की आपूर्ति की कमी की वजह से किराए में बढ़ोतरी हो रही है.”

दुबई में कीमत से छेड़छाड़ विरोधी क़ानून मालिकों को मौजूदा किराएदारों के लिए अधिकतम 20 फीसदी तक किराया बढ़ाने की छूट देता है. मकान मालिक भी बग़ैर किसी ठोस कारण के किराएदारों को बाहर नहीं कर सकते हैं.

हालांकि कई किराएदारों ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बीबीसी को बताया है कि उन्हें मकान मालिकों से घर छोड़ने का नोटिस मिला था, जिसमें मालिकों ने कहा था कि वे ख़ुद अपार्टमेंट में रहना चाहते हैं.

लेकिन सिर्फ़ घर के किराए ने ही रिकॉर्ड स्तर पर ऊंचाई को नहीं छुआ है, दुबई में प्रॉपर्टी के ख़रीद की कीमत भी काफ़ी हद तक बढ़ गई है.

रियल एस्टेट एजेंसी सेविल्स के मुताबिक़, 2020 की तुलना में 2022 में अपार्टमेंट की कीमतों में 35 फीसदी की वृद्धि हुई है, जबकि इसी अवधि के दौरान विला की कीमतों में 50 फीसदी से ज़्यादा की बढ़ोतरी हुई है.

दुबई में स्थित सैविल्स मिडिल ईस्ट के एसोसिएट डायरेक्टर केटी बर्नेल के मुताबिक़, पिछले साल यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से प्रॉपर्टी के ख़रीद और लीज एग्रीमेंट में रूसी नकदी रियल एस्टेट की मांग को बढ़ाने में सबसे बड़ा कारक रहा है.

क्या रूसियों की वजह से बढ़ रहा है किराया?

यह शहर रूसी ओलिगार्क यानी रूस के बड़े धनी लोगों के एक समूह, अरबपतियों और स्टार्ट-अप के मालिकों के लिए स्वर्ग के रूप में उभरा है. चमक दमक से भरे इस शहर में कई युवा रूसी भी रोज़गार के नए अवसरों की तलाश में पहुंच गए हैं.

कई मल्टीनेशनल कंपनियों ने भी अपने कर्मचारियों का रूस से दुबई तबादला कर दिया है.

कुल मिलाकर रूसी पिछले साल दुबई रियल एस्टेट में सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय निवेशक थे.

केटी बर्नेल कहते हैं, “रहने और संपत्ति ख़रीदने को लेकर रूसियों पर बहुत सारे प्रतिबंध हैं. उन्हें संयुक्त अरब अमीरात में ऐसी कोई समस्या नहीं है. यहां वे व्यवसाय करने और आर्थिक कामों को करने में सक्षम हैं.”

“इस सुविधा की वजह से रूसी वास्तव में प्रॉपर्टी बाज़ार की कीमतों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं और कीमत चुकाने को तैयार हैं.”

सटीक आंकड़े बताने वाली कोई रिपोर्ट नहीं है, लेकिन अनुमान है कि युद्ध शुरू होने के बाद से लाखों लोगों ने रूस छोड़ दिया है.

फोर्ब्स रूस की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, पिछले साल सितंबर में राष्ट्रपति पुतिन द्वारा आंशिक लामबंदी और सैन्य सेवा के लिए लोगों को बुलाने के आदेश के बाद से 700,000 रूसी नागरिक देश छोड़ चुके हैं. हालांकि क्रेमलिन ने रिपार्ट में बताए गए आंकड़ों का खंडन किया है.

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद से तटस्थ रुख़ अपनाया है. यूएई ने रूस पर प्रतिबंध नहीं लगाया या रूस के द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण की आलोचना नहीं की.

यूएई ग़ैर-स्वीकृत रूसियों को वीज़ा दे रहा है, जबकि कई पश्चिमी देशों ने उन्हें प्रतिबंधित कर दिया है.

यूएई के नए वीज़ा नियमों से आप्रवासियों की संख्या बढ़ी

पिछले महीने यूएई सेंट्रल बैंक ने भी रूस के एमटीएस बैंक को ऑपरेट करने के लिए लाइसेंस जारी किया था. पश्चिमी प्रतिबंध की वजह से रूसी नागरिकों को यूएई में बैंक खाता खुलवाने में और पैसे भेजने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था.

महामारी के बाद से यूएई ने कई नए दीर्घकालिक वीज़ा विकल्प पेश किए हैं, जिससे स्पॉन्सर की आवश्यकता ख़त्म हो गई है. जिसकी वजह से यूएई में निवेशक, श्रमिक और उद्यमी बड़ी संख्या में आकर्षित हुए, जिससे नौकरी के ज़्यादा अवसर पैदा हुए हैं.

इसने देश में महामारी से निपटने और अलग-अलग देशों के निवेशकों को लुभाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

महामारी के दौरान जब यूरोप के ज्यादातर देशों में लॉकडाउन था तब दुबई ने टूरिज़्म को खोल दिया और 2020 में प्रतिबंधों में ढील दी.

पिछले साल दुबई ने 86,000 से ज़्यादा आवासीय बिक्री लेनदेन को दर्ज किया है. ये आंकड़ा 2009 के 80,000 आवासीय बिक्री के पिछले रिकॉर्ड को पार कर गया है.

पिछले साल लगभग 56.6 बिलियन डॉलर मूल्य की संपत्ति बेची गई, जो 2021 की तुलना में लगभग 80 फ़ीसद अधिक है.

रिचर्ड वैंड का कहना है कि पिछले तीन वर्षों में महामारी और यूक्रेन युद्ध जैसी वैश्विक घटनाओं ने घरेलू रियल एस्टेट बाज़ार को आगे बढ़ाते हुए दुबई को एक वित्तीय केंद्र के रूप में अपील को बढ़ाया है.

वो कहते हैं, “दुबई सुरक्षा, सलामती, लाइफ़ स्टाइल और बिज़नेस करने में सहूलियत मुहैया कराती है. ये एक बड़ा कारण है कि क्यों इतने सारे देशों के लोग अवसरों की तलाश में यहां आ (पलायन कर) रहे हैं.”

पिछले एक साल में रियल एस्टेट डिवेलपर्स ने मकानों की मांग में हुई वृद्धि को भुनाने के लिए कई नई परियोजनाओं की घोषणा की है.

हालांकि रिचर्ड वैंड को उम्मीद है कि आपूर्ति पर दबाव कम करने के लिए बड़ी संख्या में नई आवासीय इकाइयों के बाज़ार में आने से पहले कम से कम अगले 18-24 महीनों तक के लिए किराए ज़्यादा रहेंगे.

ऐसी चिंताएँ हैं कि यदि किराए की बढ़ोतरी जारी रहती है तो कई किराएदारों के लिए कीमतें बढ़ जाएंगी, जिसकी वजह से कई लोग दुबई से बाहर संयुक्त अरब अमीरात के अन्य शहरों में चले जाएंगे.

रिचर्ड वैंड कहते हैं, “हाँ, इसकी बहुत संभावनाएं है, इसलिए ये ज़रूरी है कि किराए जितनी जल्दी हो सके कम हों.”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *