समीर वानखेड़े पर आर्यन ख़ान केस में सीबीआई ने कैसे कसा शिकंजा

Hindi New Delhi

DMT : नई दिल्ली : (16 मई 2023) : –

भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी समीर वानखेड़े के ख़िलाफ़ सीबीआई ने मामला दर्ज किया है.

समीर वानखेड़े पर आरोप हैं कि उन्होंने ड्रग्स मामले में गिरफ़्तार अभिनेता शाहरुख ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान को छोड़ने के बदले में 25 करोड़ रुपए की रिश्वत वसूलने की साज़िश रची.

साथ ही वो महंगी घड़ियों की ख़रीद-बिक्री और अपनी विदेश यात्राओं का भी सही-सही हिसाब नहीं दे सके.

इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय के विजिलेंस डिपार्टमेंट के अधीक्षक ने 11 मई 2023 को शिकायत दर्ज कराई.

शिकायत में एक सरकार कर्मचारी होकर भी रिश्वत लेने, पद का फ़ायदा उठाने, बिना किसी को बताए क़ीमती सामान लेने के आरोप हैं.

सीबीआई की एफ़आईआर में आपराधिक साज़िश, रंगदारी वसूलना जैसे आरोप शामिल हैं.

एफ़आईआर में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की मुंबई यूनिट के पूर्व ज़ोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के अलावा पाँच अन्य लोगों के भी नाम हैं.

इनमें से तीन एनसीबी के वरिष्ठ अधिकारी हैं.

इसके अलावा इसमें केपी गोसावी का भी नाम है, जिनकी आर्यन ख़ान के साथ खींची एक सेल्फ़ी उस समय काफ़ी वायरल हुई थी.

आरोप ये भी है कि जाँच के दौरान समीर वानखेड़े ने ही केपी गोसावी और प्रभाकर सैल को अभियुक्त के ख़िलाफ़ कार्रवाई में गवाह बनने को कहा था.

सबसे पहले ये जान लेते हैं कि ये पूरा मामला शुरू कहाँ से हुआ.

कहानी की शुरुआत 2 अक्तूबर 2021 को हुई थी.

उस दिन मुंबई के कॉर्डेलिया क्रूज़ शिप पर एनसीबी ने छापेमारी की थी. एनसीबी को इस जहाज़ पर रेव पार्टी की सूचना मिली थी.

आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े उस समय एनसीबी में मुंबई यूनिट के ज़ोनल डायरेक्टर थे.

सूचना मिलने पर समीर वानखेड़े और अधीक्षक वीवी सिंह ने एक टीम बनाई और क्रूज़ पर छापा मारा.

उस समय आशीष रंजन को जाँच अधिकारी के रूप में शामिल किया गया था.

वहीं, किरण गोसावी और प्रभाकर सैल को स्वतंत्र गवाह के तौर पर साथ रखा गया. प्रभाकर सैल की अब मौत हो चुकी है.

ये पूरी छापेमारी समीर वानखेड़े, वीवी सिंह और आशीष रंजन की देखरेख में हुई.

छापेमारी के दौरान ही आर्यन ख़ान सहित क़रीब 20 लोग गिरफ़्तार हुए.

एनसीबी ने 3 अक्तूबर, 2021 को आर्यन ख़ान को गिरफ़्तार किया था.

25 दिन जेल में बिताने के बाद 28 अक्तूबर, 2021 को बॉम्बे हाई कोर्ट ने आर्यन को ज़मानत दे दी थी.

हालाँकि, इस छापेमारी और इसमें शामिल अधिकारियों पर सवाल खड़े हुए और 25 अक्तूबर 2021 को एनसीबी की ओर से एक विशेष जाँच दल (एसईटी) का गठन किया गया.

एसईटी ने जाँच के दौरान मुंबई और दिल्ली में एनसीबी अधिकारियों से पूछताछ की और स्वतंत्र गवाहों से भी सवाल-जवाब हुए.

इसी पड़ताल में समीर वानखेड़े और एनसीबी मुंबई यूनिट के अन्य अधिकारियों से जुड़ी कुछ गंभीर जानकारियाँ सामने आईं.

अब सीबीआई ने एफ़आईआर में समीर वानखेड़े, विश्व विजय सिंह, आशीष रंजन, केपी गोसावी, सैनविल डिसूज़ा और एक अज्ञात शख़्स के ख़िलाफ़ आरोप लगाए हैं.

आर्यन ख़ान के साथ किरण गोसावी की सेल्फ़ी लेते हुए एक तस्वीर वायरल हुई थी.

आर्यन ख़ान की गिरफ़्तारी के बाद की यह तस्वीर थी. इस सेल्फ़ी के बाद किरण का कुछ पता नहीं था.

हालाँकि, गोसावी को पुणे पुलिस ने 2018 के एक धोखाधड़ी केस में अक्तूबर 2021 में ही गिरफ़्तार किया.

बीबीसी मराठी को दो साल पहले दिए एक इंटरव्यू में केपी गोसावी ने आर्यन ख़ान के साथ सेल्फ़ी लेने को गलत बताया था.

सीबीआई की एफ़आईआर में अब ये सामने आया है कि गवाह केपी गोसावी और प्रभाकर सैल को वानखेड़े के निर्देश पर ही कॉर्डेलिया क्रूज़ पर दो अक्तूबर 2021 को मारे गए छापे में एनसीबी ने शामिल किया था.

प्रभाकर सैल की मौत हो चुकी है.

आरोप है कि गोसावी ने अपने सहयोगी सैनविल डिसूजा के साथ मिलकर आर्यन ख़ान के परिवार से 25 करोड़ रुपए ‘वसूलने’ की साज़िश रची थी.

एफ़आईआर में आरोप लगाया गया है कि आर्यन ख़ान को छोड़ने के लिए गोसावी और डिसूज़ा ने बाद में इस राशि को घटाकर 18 करोड़ कर दिया.

दोनों ने टोकन के तौर पर 50 लाख रुपए वसूल भी लिए थे और बाद में इसका कुछ हिस्सा लौटा दिया.

समीर वानखेड़े और विवाद कोई नई बात नहीं है.

समीर वानखेड़े पर ये आरोप लगाए जाते रहे हैं कि वे प्रचार पाने के लिए बॉलीवुड को निशाने पर लेते थे.

मुंबई एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग में रहते हुए उन्होंने कुछ बॉलीवुड सेलीब्रिटीज़ के ख़िलाफ़ कार्रवाई की थी, लेकिन उस समय उनकी छवि एक सख़्त अधिकारी की थी.

हालाँकि आर्यन ख़ान की गिरफ़्तारी उनके लिए नया मोड़ लेकर आई.

इस गिरफ़्तारी के बाद महाराष्ट्र की तत्कालीन महा विकास अघाड़ी सरकार में मंत्री रहे नवाब मलिक ने उनपर झूठे केस में बॉलीवुड के सितारों को फँसाने से लेकर बर्थ सर्टिफ़िकेट में ग़लत जानकारियाँ देने तक के आरोप लगाए.

बीबीसी मराठी के संवाददाता मयूरेश कोण्णूर कहते हैं कि इसके बाद शक की सूई समीर वानखेड़े की ओर घूमने लगी.

हालाँकि, एक मामले में नवाब मलिक को कुछ समय बाद ही जेल हुई.

लेकिन, एनसीबी ने 27 मई 2022 को आर्यन ख़ान को कॉर्डेलिया क्रूज़ ड्रग्से केस में क्लीन चिट दे दी.

एनसीबी ने 14 अभियुक्तों के ख़िलाफ़ छह हज़ार पन्नों का आरोप पत्र दाख़िल किया था.

यहीं से समीर वानखेड़े की जाँच पर सवाल खड़े होने लगे और वो ख़ुद जाँच के घेरे में आ गए.

बीते साल एक्सटेंशन न मिलने के बाद समीर वानखेड़े की एनसीबी से भी विदाई हो गई थी.

इसके बाद उन्हें फिर से डायरेक्टोरेट ऑफ़ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (डीआरआई) भेज दिया गया था.

राजस्व सेवा में आने से पहले वे साल 2006 में पहली बार केंद्रीय पुलिस संगठन (सीपीओ) में शामिल हुए थे.

इंटेलिजेंस ब्यूरो, सीबीआई, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी), नेशनल डिज़ास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (एनडीआरएफ), नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी जैसे कुछ और महकमे सीपीओ के तहत आते हैं.

समीर वानखेड़े के पिता भी एक्साइज़ विभाग में इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी रहे हैं.

भारतीय राजस्व सेवा में आने के बाद वानखेड़े को सीमा शुल्क विभाग में तैनात किया गया था.

उन्होंने कुछ सालों तक मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर असिस्टेंट कमिश्नर (कस्टम) के रूप में काम किया.

कहा जाता है कि इस दौरान उन्होंने कई मशहूर हस्तियों को कस्टम ड्यूटी न चुकाने को लेकर पकड़ा था.

उन्होंने राजस्व ख़ुफ़िया निदेशालय (डीआरआई) और राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) के साथ भी काम किया है.

एनआईए आतंकवादी गतिविधियों से संबंधित मामलों की जाँच करने वाली सरकारी एजेंसी है.

साल 2020 में समीर वानखेड़े को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में मुंबई ज़ोन के डायरेक्टर की ज़िम्मेदारी दी गई.

उन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय से उत्कृष्ट जाँच के लिए पुरस्कार भी मिल चुका है.

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