सम्राट चार्ल्स का राज्याभिषेक कब है और उस दिन क्या-क्या होगा?

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DMT : ब्रिटेन  : (04 मई 2023) : –

ब्रिटेन के सम्राट चार्ल्स का राजतिलक छह मई 2023 यानी शनिवार को होगा. ये आयोजन लंदन के ऐतिहासिक शाही गिरजाघर वेस्टमिंस्टर एबे में होगा.

समारोह के दौरान सम्राट चार्ल्स और उनकी पत्नी महारानी कैमिला की ताजपोशी की जाएगी.

इस कार्यक्रम ख़ुफ़िया नाम ‘ऑपरेशन गोल्डेन ऑर्ब’ रखा गया है.

इसके बारे में अब तक हमारे पास ये जानकारियां हैं.

किस समय होगा राज्याभिषेक?

राजतिलक का समारोह, लंदन के स्थानीय समय के मुताबिक़ सुबह 11 बजे शुरू होगा. सम्राट का शाही जुलूस इससे थोड़ी देर पहले वेस्टमिंस्टर एबे पहुंच जाएगा.

राज्याभिषेक आख़िर होता क्या है?

ब्रिटेन के सम्राट का राज्याभिषेक एक प्रतीकात्मक धार्मिक समारोह है, जब सम्राट की ताजपोशी होती है. इस प्रतीकात्मक आयोजन के वक़्त सम्राट के सिर पर वास्तव में ताज रखा जाता है.

इस ताजपोशी के साथ ही सम्राट, औपचारिक रूप से चर्च ऑफ़ इंग्लैंड के मुखिया बन जाते हैं और उन्हें इससे जुड़ी उपाधि के अलावा अधिकार प्राप्त हो जाते हैं.

हालांकि, ये ज़रूरी नहीं है कि किसी अधिपति की ताजपोशी हो, तभी वो राजा बनता है.

एडवर्ड सप्तम ने ताजपोशी के बग़ैर ही राज-पाट चलाया था. महारानी एलिज़ाबेथ के देहांत के बाद चार्ल्स स्वत: ही राजा बन गए थे.

राज्याभिषेक के मौक़े पर बैंक की छुट्टी कब है?

आठ मई यानी सोमवार को पूरे ब्रिटेन में एक अतिरिक्त छुट्टी रहेगी.

बकिंघम पैलेस ने सप्ताहांत के लिए कई कार्यक्रमों के आयोजन का एलान किया है. इनमें रविवार सात मई को, विंडसर कैसल में एक कॉन्सर्ट भी होगा. इसमें केटी पेरी, टेक दैट और लायोनेल रिची जैसे कलाकार शामिल होंगे.

राज्याभिषेक के सप्ताहांत के मौक़े पर, शुक्रवार और शनिवार को पूरे इंग्लैंड और वेल्श में पब, क्लब और बार दो घंटे ज़्यादा देर तक खुले रह सकेंगे.

ब्रिटेन में राजतिलक एक सरकारी आयोजन होता है. इसका मतलब है कि कार्यक्रम में शामिल होने वाले मेहमानों की फ़ेहरिस्त सरकार तय करती है.

शाही परिवार के अलावा, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री, संसद के दोनों सदनों के सदस्यों, राज्याध्यक्षों और दुनिया भर के अन्य शाही परिवारों के सदस्यों को इस कार्यक्रम में शामिल होने का न्यौता दिया गया है.

सम्राट चार्ल्स के छोटे बेटे, ड्यूक ऑफ़ ससेक्स ने बताया है कि वो अपने पिता की ताजपोशी के मौक़े पर अमेरिका से ब्रिटेन पहुंचेंगे. लेकिन, उनकी पत्नी डचेस ऑफ़ ससेक्स इस समारोह में शामिल नहीं होंगी.

जनवरी में अपनी विवादित किताब स्पेयर के प्रकाशन के बाद ये पहला मौक़ा होगा, जब प्रिंस हैरी सार्वजनिक रूप से शाही परिवार के साथ दिखाई देंगे.

इत्तिफ़ाक़ से जिस दिन सम्राट चार्ल्स की ताजपोशी होगी, उसी दिन प्रिंस हैरी और मेगन मार्कल के बेटे प्रिंस आर्ची की चौथी सालगिरह भी होगी. हालांकि, इस मौक़े पर प्रिंस आर्ची अपनी मां के साथ अमेरिका में होंगे.

डचेज़ ऑफ़ यॉर्क भी सम्राट चार्ल्स की ताजपोशी के समारोह में शामिल नहीं होंगी. सूत्रों ने इस बात की तस्दीक़ की है कि उन्हें इस समारोह में शामिल होने का न्यौता नहीं भेजा गया है.

डचेज़ ऑफ़ यॉर्क, सम्राट चार्ल्स के भाई ड्यूक ऑफ़ यॉर्क प्रिंस एंड्र्यू के साथ ब्याही हुई थीं. हालांकि, 1996 में दोनों का तलाक़ हो गया था.

सम्राट चार्ल्स की ताजपोशी का समारोह देखने के लिए वेस्टमिंस्टर एबे में उनके पोते और प्रिंस विलियम के बेटे प्रिंस जॉर्ज के साथ साथ, महारानी कैमिला के नाती-पोते भी मौजूद होंगे.

ताजपोशी के समारोह में अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडन तो नहीं आएंगे. उनकी पत्नी जिल बाइडेन ज़रूर इस कार्यक्रम में उनकी नुमाइंदगी करेंगी.

इसके अलावा, राज्याभिषेक के कार्यक्रम में 850 सामुदायिक प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया है. ये न्यौता दान में उनके योगदान के सम्मान के तौर पर दिया गया है.

राज्याभिषेक के समारोह में क्या-क्या होता है?

ब्रिटेन में सम्राट की ताजपोशी की प्रक्रिया पिछले लगभग एक हज़ार साल से कम-ओ-बेश एक जैसी ही रही है. ब्रिटेन के सम्राट का राज्याभिषेक, यूरोप में अब ऐसा इकलौता समारोह है, जो अभी तक जारी है.

हालांकि, 1953 में महारानी एलिज़ाबेथ की ताजपोशी की तुलना में सम्राट चार्ल्स के राज्याभिषेक का कार्यक्रम छोटा और कम समय में संपन्न होने वाला होगा. महारानी एलिज़ाबेथ की तुलना में इस ताजपोशी में अन्य धार्मिक प्रतिनिधियों की नुमाइंदगी भी अधिक होगी.

राज्याभिषेक के जुलूस के बारे में भी यही अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि वो पिछली बार की तुलना में कम तड़क-भड़क वाला होगा. महारानी एलिज़ाबेथ की ताजपोशी के जुलूस में 16 हज़ार लोग शामिल हुए थे. क़रीब सात किलोमीटर (4.3 मील) लंबे रास्ते को तय करने में 45 मिनट लगे थे.

इस बार सम्राट चार्ल्स और महारानी कैमिला, घोड़े से चलने वाली एक आधुनिक बग्घी में बैठकर वेस्टमिंस्टर एबे जाएंगे. इस बग्घी में बिजली से चलने वाली खिड़कियां और एयर कंडीशन की सुविधा होगी.

वो डायमंड जुबली स्टेट कोच में बैठकर जाएंगे. इस बग्घी का सबसे पहले इस्तेमाल 2014 में किया गया था. ताजपोशी के बाद सम्राट चार्ल्स और महारानी कैमिला, गोल्ड स्टेट कोच में बैठकर राजमहल वापस आएंगे. ये बग्घी 1830 के बाद से हर राज्याभिषेक में इस्तेमाल होती रही है.

राज्याभिषेक के कार्यक्रम में सैन्य बलों के छह हज़ार से ज़्यादा सैनिक हिस्सा लेंगे, जो पिछले 70 बरस में होने वाला सबसे बड़ा सैन्य समारोह का अभियान होगा.

लंदन में निकलने वाले शाही जुलूस में ब्रिटेन और कॉमनवेल्थ के सदस्यों के फौज़ी शामिल होंगे.

सम्राट चार्ल्स के राजतिलक को देखने का न्यौता हज़ारों पूर्व सैनिकों को भी दिया गया है. इन पूर्व सैनिकों के लिए एक विशेष मंच भी बनाया गया है. ये लोग बकिंघम पैलेस के सामने बनाए गए एक मंच पर बिठाए जाएंगे, जहां ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस के सदस्य भी मौजूद होंगे.

वेस्टमिंस्टर एबे में होने वाले राज्याभिषेक के दौरान क्या क्या होता है?

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ताजपोशी की इस प्रक्रिया के कई चरण होते हैं:

मान्यता देना: सम्राट ताजपोशी में इस्तेमाल होने वाली 700 साल पुरानी कुर्सी के बगल में खड़े होते हैं. कैंटरबरी के आर्कबिशप उन्हें वेस्टमिंस्टर एबे में मौजूद लोगों के सामने प्रस्तुत करते हैं. वहां जमा भीड़ बुलंद आवाज़ में नारा लगाती है, ‘ईश्वर सम्राट की रक्षा करें’ इसके बाद तुरही बजाई जाती है.

शपथ लेना: इसके बाद सम्राट क़ानून और चर्च ऑफ़ इंग्लैंड को क़ायम रखने की शपथ लेते हैं.

राजतिलक: सम्राट के अनुष्ठान वाले औपचारिक वस्त्र हटा दिए जाते हैं और वो राजतिलक वाली कुर्सी में बैठ जाते हैं. फिर कुर्सी के चारों तरफ़ सुनहरे कपड़े का घेरा बनाया जाता है, जिससे सम्राट लोगों को दिखाई न दे सकें. तब कैंटरबरी के आर्कबिशप, सम्राट के हाथों, सीने और सिर पर पवित्र तेल से अभिषेक करते हैं.

ये तेल एक ख़ुफ़िया नुस्खे से बनाया जाता है. हालांकि ये बात पता है कि इसे ग़ुलाब, संतरे के फूलों चमेली और दालचीनी के तेल के अलावा व्हेल के पेट में मिलने वाला सुगंधित मोम को मिलाकर तैयार किया जाता है. लेकिन, सम्राट चार्ल्स के राजतिलक के लिए तैयार किए गए पवित्र तेल में जानवरों से निकाला गया कोई तत्व शामिल नहीं किया जाएगा.

अभिषेक का संस्कार: इसके बाद सम्राट को शाही गोला प्रस्तुत किया जाता है, जो धार्मिक और नैतिक अधिकारों का प्रतीक होता है; सम्राट को एक राजदंड भी दिया जाता है, जो उनकी शक्ति का प्रतीक होता है; और उन्हें सोने का बना अधिपति का राजदंड भी दिया जाता है, जिसके ऊपर सफ़ेद रंग की फ़ाख़्ता बनी होती है. ये फ़ाख़्ता न्याय और दया की प्रतीक होती है. आख़िर में कैंटरबरी के आर्कबिशप, सम्राट के सिर पर संत एडवर्ड का ताज रखते हैं.

सिंहासन पर विराजना और निष्ठा प्रकट करना: इसके बाद सम्राट ताजपोशी की कुर्सी से उठकर सिंहासन पर बैठते हैं. समकक्ष लोग उनके सामने झुककर कोर्निश बजाते हुए सम्राट के प्रति अपनी निष्ठा प्रकट करते हैं.: सम्राट ताजपोशी में इस्तेमाल होने वाली 700 साल पुरानी कुर्सी के बगल में खड़े होते हैं. कैंटरबरी के आर्कबिशप उन्हें वेस्टमिंस्टर एबे में मौजूद लोगों के सामने प्रस्तुत करते हैं. वहां जमा भीड़ बुलंद आवाज़ में नारा लगाती है, ‘ईश्वर सम्राट की रक्षा करें’ इसके बाद तुरही बजाई जाती है.

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इसके बाद, महारानी के राजतिलक में भी यही प्रक्रिया अपनाई जाती है, और उनके सिर पर ताज रखा जाता है.

राज्याभिषेक का ये कार्यक्रम कैसे देखा जा सकता है?

इस कार्यक्रम को बीबीसी टू पर भी दिखाया जाएगा, जबकि नेत्रहीन या आंखों की कम रौशनी वाले लोगों के लिए इस कार्यक्रम का प्रसारण रेड बटन पर भी उपलब्ध होगा.

राज्याभिषेक के बाद रविवार की रात होने वाले कॉन्सर्ट का भी सीधा प्रसारण किया जाएगा.

बीबीसी के कई कार्यक्रमों के दौरान ख़ास एपिसोड प्रसारित किए जाएंगे. इनमें कंट्रीफाइल, सॉन्ग्स ऑफ़ प्रेज़, बारगेन हंट, द वन शो, ईस्टएंडर्स, एंटीक्स रोडशो और कॉरोनेशन किचेन शामिल हैं.

राज्याभिषेक के दौरान कौन से मुकुट पहने जाएंगे?

ताजपोशी के वक़्त सम्राट को सत्रहवीं सदी का ठोस सोने से बना संत एडवर्ड का मुकुट पहनाया जाएगा. ये बहुत भारी है और इसका इस्तेमाल केवल राजतिलक के वक़्त होता है.

महारानी की मृत्यु के बाद ब्रिटेन के शाही घराने के पास मौजूद हीरे-जवाहरात को लेकर दोबारा बहस छिड़ गई थी. शाही ख़ानदान के पास मौजूद इन हीरे जवाहरात को लेकर ये आरोप लगते रहे हैं कि उन्हें उपनिवेशों से ज़ोर-ज़बरदस्ती या छल से हासिल किया गया था.

ज़्यादातर विवाद के केंद्र में वो मशहूर हीरे हैं, जो दो अन्य मुकुटों में लगे हुए हैं.

इनमें से एक ताज, इंपीरियल स्टेट क्राउन है, जो सम्राट राज्याभिषेक कार्यक्रम के समापन के वक़्त धारण करेंगे. इस मुकुट को सम्राट उस वक़्त भी पहना करेंगे, जब वो बकिंघम पैलेस की बाल्कनी में खड़े होकर जनता को दर्शन देंगे.

इस मुकुट में कलिनन द्वितीय हीरा लगा हुआ है, जिसे कभी कभी सेकेंड स्टार ऑफ़ अफ्रीका कहा जाता है. ये हीरा, ट्रांसवाल की सरकार ने एडवर्ड सप्तम को उनके 66वें जन्मदिन पर तोहफ़े में दिया था. ट्रांसवाल उस वक़्त ब्रिटिश राजपरिवार का उपनिवेश था. और अब, वो दक्षिण अफ्रीका का हिस्सा है.

दूसरा विवादास्पद हीरा कोहिनूर है, जो महारानी की मां की ताजपोशी वाले मुकुट में लगा है. ये दुनिया के सबसे बड़े हीरों में से एक है. भारत के अलावा, पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और ईरान भी इस पर अपना हक़ जता चुके हैं.

बकिंघम पैलेस ने इस बात की तस्दीक़ की है कि राज्याभिषेक कार्यक्रम में कोहिनूर शामिल नहीं होगा.

इसके बजाय महारानी कैमिला, को महारानी मैरी का मुकुट पहनाया जाएगा. इस मुकुट को इस ख़ास मौक़े पर इस्तेमाल करने के लिए टावर ऑफ़ लंदन से निकालकर महारानी कैमिला के सिर के हिसाब से ढाला जा रहा है.

ताजपोशी का ख़र्च कितना आएगा?

चूंकि राज्याभिषेक का ये कार्यक्रम सरकारी होगा, तो इसका ख़र्च ब्रिटेन की सरकार उठाएगी.

हो सकता है कि ब्रिटेन की सरकार की इस बात के लिए आलोचना हो कि आज जब लोगों के ऊपर रहन-सहन के ख़र्च का भारी बोझ पड़ रहा है, तो सरकार को संवेदनशीलता दिखाते हुए इस ताम-झाम में कटौती करनी चाहिए थी.

लेकिन उम्मीद की जा रही है कि ब्रिटेन की सरकार, सम्राट चार्ल्स की ताजपोशी के इस कार्यक्रम को एक अहम कूटनीतिक अवसर की तरह इस्तेमाल करेगी, ताकि दुनिया के सामने ब्रिटेन की चमक-दमक भरी छवि पेश की जा सके.

राज्याभिषेक का आधिकारिक व्यंजन क्या है?

मुख्य शाही शेफ मार्क फ्लैगनैन की बनाई एक ख़ास तरह की पेस्ट्री या क्वीश को राजतिलक की आधिकारिक पार्टी डिश घोषित किया गया है. इसे बनाने में पालक, सेम और सौंफ़ जैसी ताज़ा जड़ी टेरागन का इस्तेमाल किया गया है. शाही परिवार के सोशल मीडिया पर राज्याभिषेक के इस आधिकारिक व्यंजन को शेयर किया गया है.

ये पेस्ट्री, शाही व्यंजनों की लंबी फ़ेहरिस्त में जुड़ी नई डिश है. 1953 में महारानी एलिज़ाबेथ के राजतिलक के वक़्त एक ख़ास डिश कॉरोनेशन चिकन को तैयार किया गया था. उनके शासनकाल की प्लेटिनम जुबिली के वक़्त नींबू और बादाम की पुडिंग को ऑफ़िशियल डिश का दर्जा दिया गया था.

ताजपोशी के संगीत के बारे में क्या जानकारी है?

सम्राट ने अपनी ताजपोशी के लिए ख़ास तौर से संगीत को चुना है. इसमें 12 नई तैयार की गई धुनें शामिल हैं. इनमें कैट्स के कंपोज़र एंड्र्यू लॉयड वेबर का बनाया राजगीत भी शामिल है.

राज्याभिषेक समारोह के दौरान वेल्श की बोली में भी कुछ गीत गाए जाएंगे. समारोह के एकल गायकों में मशहूर वेल्श ओपेरा गायक सर ब्रिन टर्फेल शामिल होंगे.

इसके अलावा सम्राट के पिता, दिवंगत प्रिंस फिलिप की याद में पारंपरिक यूनानी संगीत भी बजाया जाएगा. प्रिंस फिलिप, यूनान में ही पैदा हुए थे.

राज्याभिषेक के समय एक गॉस्पेल कॉइर (ईसाई धार्मिक समूह गान) भी अपनी प्रस्तुति देगा. इसमें शामिल सारे गायक वेस्टमिंस्टर स्कूल के होंगे.

इसके अलावा, सम्राट चार्ल्स की ताजपोशी के वक़्त घंटियां बजाने के लिए हज़ारों लोगों की भर्ती का एक विशेष अभियान भी चलाया जा रहा है. ये सब लोग ‘रिंग फॉर द किंग’ योजना के तहत, राज्याभिषेक के वक़्त घंटी बजाएंगे.

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