”सुप्रीम कोर्ट को सीधे-सीधे चुनौती दी” : केंद्र के अध्यादेश पर भड़के सीएम अरविंद केजरीवाल

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  • बीजेपी का केजरीवाल को जवाब- चाहें तो सोमवार को सुप्रीम कोर्ट जाएं और साबित कर दें कि यह अध्यादेश असंवैधानिक है.

DMT : नई दिल्ली : (20 मई 2023) : – दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज केंद्र सरकार पर जमकर हमला किया. उन्होंने दिल्ली के अधिकारियों-कर्मचारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार की ओर से अध्यादेश लाए जाने पर मोदी सरकार को निशाना बनाया. उन्होंने कहा कि केंद्र ने अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट को खुली चुनौती दी है. इस पर बीजेपी की ओर से जवाब दिया गया कि, ”केंद्र ने दिल्ली की अहमियत को ध्यान में रखकर ही अध्यादेश लाया गया है. चाहें तो सोमवार को सुप्रीम कोर्ट जाएं और साबित कर दें कि यह अध्यादेश असंवैधानिक है.”

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, ”कल सुप्रीम कोर्ट छुट्टियों के लिए बंद हुआ तो केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर फैसला पलट दिया. एक हफ्ते पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसफर पोस्टिंग का हक दिल्ली सरकार को दिया था. जिस दिन आदेश आया था उसी दिन इन लोगों ने सोच लिया था कि अध्यादेश लाकर इसे पलटना है.” 

क्या अध्यादेश डेढ़ महीने के लिए लाया गया है?
उन्होंने कहा, ”एक जुलाई को कोर्ट खुलेगा, तो सवाल यह है कि क्या यह अध्यादेश डेढ़ महीने के लिए लाया गया है? दूसरी तरफ रिव्यू पिटीशन जजमेंट के खिलाफ दायर की है तो यह अध्यादेश लाया ही क्यों गया है? यह केंद्र सरकार सीधे-सीधे सुप्रीम कोर्ट को चुनौती कर रही है कि उनकी ताकत को चैलेंज किया जा रहा है.”  

दिल्ली के सीएम ने कहा कि, ”दिल्ली के लोगों ने तीन बार विधानसभा और एक बार निगम में प्रचंड बहुमत दिया है. यह खुली चुनौती है कि हमारी सरकार नहीं बनेगी तो हम काम नहीं करने देंगे. वह आम आदमी पार्टी के कामों को रोकना चाहती है. इस अध्यादेश से कामों की गति तो धीमी होगी लेकिन मैं काम रोकने नही दूंगा. यह दिल्ली के दो करोड़ लोगो को तमाचा है कि आप जिसे चुनोगे हम उसे काम नहीं करने देंगे. हम इस अध्यादेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.”

केजरीवाल ने कहा कि, ”दिल्ली में एक महारैली की जाएगी और मैं एक-एक पार्टी के नेता से मिलूंगा कि राज्यसभा में यह बिल जब आए तो पास ना हो सके. इसके लिए मैं विपक्ष के एक-एक नेता से मिलूंगा.”

अध्यादेश लाकर कोर्ट के जजमेंट को पलट दिया
अरविंद केजरीवाल ने कहा, ”कल केंद्र ने जैसे ही सुप्रीम कोर्ट की छुट्टी हुई, उसके कुछ घंटों के बाद अध्यादेश लाकर कोर्ट के जजमेंट को पलट दिया. कोर्ट का आदेश था कि अधिकारियों पर कंट्रोल चुनी हुई सरकार का होगा. कोर्ट ने यहां तक कहा था कि अगर अधिकारी को पता हो कि सरकार उसका कुछ नहीं कर सकती तो वो बात क्यों मानेगा?”

उन्होंने कहा, ”जिस दिन आदेश आया था, उसके अगले दिन ही उन्होंने सोच लिया था कि आदेश को पलटना है. पहले दिन ही सर्विस सेक्रेटरी गायब हो गया, तीन दिन बाद वो आया तो सीएस गायब हो गए. सिविल सर्विस बोर्ड की बैठक हुई फिर एलजी फाइल लेकर बैठ गए. इन सबने आठ दिन लगाए क्योंकि कोर्ट बंद करने का इंतजार कर रहे थे.”

उन्होंने कहा कि, ”यह जानते हैं कि अध्यादेश गैरकानूनी है. अगर कोर्ट के खुले होने पर अध्यादेश लाते और हम चुनौती देते तो वहां यह पांच मिनट भी नहीं टिकता. क्या सिर्फ सवा महीने इस अध्यादेश की लाइफ है. हम इसे कोर्ट में चैलेंज करेंगे. इन्होंने रिव्यू पिटीशन फाइल की है. इसका क्या यह मतलब है कि जैसे ही कोर्ट खुलेगा इस अध्यादेश को वापस लिया जाएगा. ऐसा लगता है कि यह भद्दा मजाक है संविधान और दिल्ली वालों के खिलाफ.” 

AAP को तीन बार दिल्ली वालों ने प्रचंड बहुमत दिया
आम आदमी पार्टी के संयोजक ने कहा, ”सीधे-सीधे केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट को चुनौती दे रही है कि चाहे जो मर्ज़ी ऑर्डर करो, हम अध्यादेश लाकर खत्म कर देंगे.”

उन्होंने कहा, ”AAP को तीन बार दिल्ली वालों ने प्रचंड बहुमत दिया है. लेकिन बार-बार इन लोगों ने हमें रोका है. ऐसे कैसे देश चलेगा. पहले 2015 में नोटिफ़िकेशन लेकर आए फिर संविधान में संशोधन किया, फिर झूठे केस में हमारे मंत्रियों को फंसाया. क्योंकि जैसा काम हम कर रहे हैं वैसी इनकी कैपेसिटी नहीं है. लेकिन हमारी स्पीड भले स्लो हो, हम काम को रोकने नहीं देंगे.”

केजरीवाल ने कहा, ”दिल्ली के दो करोड़ लोगों को भाजपा ने तमाचा मारा है. दिल्ली वालों को तो अधिकार है अपनी सरकार चुनने का. AAP छोटी है, देश बड़ा है. ऐसे सरेआम जनतंत्र को कुचलना ठीक नहीं है. हम अध्यादेश के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. देशभर से हमें समर्थन मिल रहा है. भाजपा के समर्थक भी इस अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं. मैं दिल्ली वालों के बीच जाऊंगा, महारैली करेंगे, दिल्ली वाले इन्हें सात में से एक भी सीट नहीं देने वाले हैं.”

राज्यसभा में अध्यादेश का विरोध करने की अपील
उन्होंने कहा कि, ”विपक्षी दलों से अपील है कि राज्यसभा में इसका विरोध करें. मैं खुद सभी विपक्षी नेताओं से इसे लेकर बात करूंगा. ऐसा कानून नहीं आ सकता जो जनतंत्र खत्म कर दे, ऐसा कोई कानून नहीं आ सकता है जिससे संविधान के बेसिक स्ट्रक्चर पर हमला हो. यह अब सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के बीच की लड़ाई का मामला है. मैं दिल्ली के एक-एक घर में जाऊंगा इसे लेकर.”

भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से दो हजार के नोट वापस लेने पर केजरीवाल ने कहा कि, ”मैं बार-बार कहता था कि सरकार को पढ़ा लिखा होना चाहिए. देश को हमेशा लाइन में खड़ा रखते हैं. जनता को परिवार के पालन के काम में होना चाहिए न कि ऐसी लाइन में.”

दिल्ली एक यूनियन टेरिटेरी है, ना कि केजरीवाल टेरिटरी
अरविंद केजरीवाल के आरोपों पर बीजेपी ने कड़ा जवाब दिया है. पार्टी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा, ”केंद्र दिल्ली की अहमियत को ध्यान में रखकर ही अध्यादेश लाया है. अरविंद केजरीवाल कट्टर बेईमान हैं. दिल्ली एक यूनियन टेरिटेरी है, ना कि केजरीवाल टेरिटरी. चाहें तो सोमवार को सुप्रीम कोर्ट जाएं और साबित कर दें कि यह अध्यादेश असंवैधानिक है.” अध्यादेश डेढ़ महीने के लिए लाया गया है?
उन्होंने कहा, ”एक जुलाई को कोर्ट खुलेगा, तो सवाल यह है कि क्या यह अध्यादेश डेढ़ महीने के लिए लाया गया है? दूसरी तरफ रिव्यू पिटीशन जजमेंट के खिलाफ दायर की है तो यह अध्यादेश लाया ही क्यों गया है? यह केंद्र सरकार सीधे-सीधे सुप्रीम कोर्ट को चुनौती कर रही है कि उनकी ताकत को चैलेंज किया जा रहा है.”  

दिल्ली के सीएम ने कहा कि, ”दिल्ली के लोगों ने तीन बार विधानसभा और एक बार निगम में प्रचंड बहुमत दिया है. यह खुली चुनौती है कि हमारी सरकार नहीं बनेगी तो हम काम नहीं करने देंगे. वह आम आदमी पार्टी के कामों को रोकना चाहती है. इस अध्यादेश से कामों की गति तो धीमी होगी लेकिन मैं काम रोकने नही दूंगा. यह दिल्ली के दो करोड़ लोगो को तमाचा है कि आप जिसे चुनोगे हम उसे काम नहीं करने देंगे. हम इस अध्यादेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.”

केजरीवाल ने कहा कि, ”दिल्ली में एक महारैली की जाएगी और मैं एक-एक पार्टी के नेता से मिलूंगा कि राज्यसभा में यह बिल जब आए तो पास ना हो सके. इसके लिए मैं विपक्ष के एक-एक नेता से मिलूंगा.”

अध्यादेश लाकर कोर्ट के जजमेंट को पलट दिया
अरविंद केजरीवाल ने कहा, ”कल केंद्र ने जैसे ही सुप्रीम कोर्ट की छुट्टी हुई, उसके कुछ घंटों के बाद अध्यादेश लाकर कोर्ट के जजमेंट को पलट दिया. कोर्ट का आदेश था कि अधिकारियों पर कंट्रोल चुनी हुई सरकार का होगा. कोर्ट ने यहां तक कहा था कि अगर अधिकारी को पता हो कि सरकार उसका कुछ नहीं कर सकती तो वो बात क्यों मानेगा?”

उन्होंने कहा, ”जिस दिन आदेश आया था, उसके अगले दिन ही उन्होंने सोच लिया था कि आदेश को पलटना है. पहले दिन ही सर्विस सेक्रेटरी गायब हो गया, तीन दिन बाद वो आया तो सीएस गायब हो गए. सिविल सर्विस बोर्ड की बैठक हुई फिर एलजी फाइल लेकर बैठ गए. इन सबने आठ दिन लगाए क्योंकि कोर्ट बंद करने का इंतजार कर रहे थे.”

उन्होंने कहा कि, ”यह जानते हैं कि अध्यादेश गैरकानूनी है. अगर कोर्ट के खुले होने पर अध्यादेश लाते और हम चुनौती देते तो वहां यह पांच मिनट भी नहीं टिकता. क्या सिर्फ सवा महीने इस अध्यादेश की लाइफ है. हम इसे कोर्ट में चैलेंज करेंगे. इन्होंने रिव्यू पिटीशन फाइल की है. इसका क्या यह मतलब है कि जैसे ही कोर्ट खुलेगा इस अध्यादेश को वापस लिया जाएगा. ऐसा लगता है कि यह भद्दा मजाक है संविधान और दिल्ली वालों के खिलाफ.” 

AAP को तीन बार दिल्ली वालों ने प्रचंड बहुमत दिया
आम आदमी पार्टी के संयोजक ने कहा, ”सीधे-सीधे केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट को चुनौती दे रही है कि चाहे जो मर्ज़ी ऑर्डर करो, हम अध्यादेश लाकर खत्म कर देंगे.”

उन्होंने कहा, ”AAP को तीन बार दिल्ली वालों ने प्रचंड बहुमत दिया है. लेकिन बार-बार इन लोगों ने हमें रोका है. ऐसे कैसे देश चलेगा. पहले 2015 में नोटिफ़िकेशन लेकर आए फिर संविधान में संशोधन किया, फिर झूठे केस में हमारे मंत्रियों को फंसाया. क्योंकि जैसा काम हम कर रहे हैं वैसी इनकी कैपेसिटी नहीं है. लेकिन हमारी स्पीड भले स्लो हो, हम काम को रोकने नहीं देंगे.”

केजरीवाल ने कहा, ”दिल्ली के दो करोड़ लोगों को भाजपा ने तमाचा मारा है. दिल्ली वालों को तो अधिकार है अपनी सरकार चुनने का. AAP छोटी है, देश बड़ा है. ऐसे सरेआम जनतंत्र को कुचलना ठीक नहीं है. हम अध्यादेश के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. देशभर से हमें समर्थन मिल रहा है. भाजपा के समर्थक भी इस अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं. मैं दिल्ली वालों के बीच जाऊंगा, महारैली करेंगे, दिल्ली वाले इन्हें सात में से एक भी सीट नहीं देने वाले हैं.”

राज्यसभा में अध्यादेश का विरोध करने की अपील
उन्होंने कहा कि, ”विपक्षी दलों से अपील है कि राज्यसभा में इसका विरोध करें. मैं खुद सभी विपक्षी नेताओं से इसे लेकर बात करूंगा. ऐसा कानून नहीं आ सकता जो जनतंत्र खत्म कर दे, ऐसा कोई कानून नहीं आ सकता है जिससे संविधान के बेसिक स्ट्रक्चर पर हमला हो. यह अब सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के बीच की लड़ाई का मामला है. मैं दिल्ली के एक-एक घर में जाऊंगा इसे लेकर.”

भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से दो हजार के नोट वापस लेने पर केजरीवाल ने कहा कि, ”मैं बार-बार कहता था कि सरकार को पढ़ा लिखा होना चाहिए. देश को हमेशा लाइन में खड़ा रखते हैं. जनता को परिवार के पालन के काम में होना चाहिए न कि ऐसी लाइन में.”

दिल्ली एक यूनियन टेरिटेरी है, ना कि केजरीवाल टेरिटरी
अरविंद केजरीवाल के आरोपों पर बीजेपी ने कड़ा जवाब दिया है. पार्टी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा, ”केंद्र दिल्ली की अहमियत को ध्यान में रखकर ही अध्यादेश लाया है. अरविंद केजरीवाल कट्टर बेईमान हैं. दिल्ली एक यूनियन टेरिटेरी है, ना कि केजरीवाल टेरिटरी. चाहें तो सोमवार को सुप्रीम कोर्ट जाएं और साबित कर दें कि यह अध्यादेश असंवैधानिक है.’

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