DMT : अलटालांटा : (09 अप्रैल 2023) : –
जॉर्जिया के अलटालांटा में वेस्टलेक हाई स्कूल की छात्रा डेया ब्राउन लाखों दूसरे छात्रों की तरह कोविड महामारी के दौरान घर से ही ऑनलाइन क्लास ले रही थीं.
लेकिन उसी दौरान उन्होंने ऐसे कॉलेजों की लिस्ट बनाने का फैसला किया जिसमें वो दाख़िला लेना चाह रही थीं.
ब्राउन ने बीबीसी को बताया, “मेरे लिए ये ध्यान बंटाने की कोशिश थी. मैंने खुद से कहा, चलो नेटफ़्लिक्स बंद करते हैं और योजना बनाना शुरू करते हैं कि हमें आगे क्या करने की ज़रूरत है.”
उनकी पत्रकारिता, कविता और वाद विवाद में गहरी दिलचस्पी थी. वो कहती हैं कि ये पाठ्यक्रम से इतर की गतिविधियां थीं जिनमें वो लगी हुई थीं और इसी की वजह से उन्हें पहले से योजना बनाने में मदद मिली.
वो कहती हैं, “इसने मुझे वास्तविक स्थितियों से जोड़े रखा और मैंने खुद से कहा, दुनिया रुक गई है लेकिन इसी दौरान तुम्हारे पास भविष्य की दिशा में बढ़ने का मौका है.”
डेया ब्राउन ने सिर्फ संभावित कॉलेजों की सूची ही नहीं बनाई बल्कि वो स्कॉलरशिप के लिए आवेदन करने के मौके भी तलाशने लगीं.
डेया ब्राउन ने कहा, “कॉलेज की फ़ीस भर पाने का विकल्प मेरे पास नहीं था.”
वो चाहती थीं कि आगे की पढ़ाई का भार उनके अभिभावकों पर न पड़े.
चार महीने बाद उन्हें आवेदन मंजूर होने संबधी पत्र मिलने लगे.
उन्होंने बताया, “मेरे पास 50 कॉलेजों के स्वीकृत पत्र आए और विभिन्न स्कॉलशिप प्रोग्राम में 13 लाख डॉलर (क़रीब 10.5 करोड़ रुपये) के ऑफ़र मिले.”
लेकिन जब उन्हें सबसे पसंदीदा विकल्प की ओर से पत्र मिले तो उन्होंने बाकी के कॉलेजों को मना कर दिया.
वो कहती हैं, “मैंने 70 कॉलेजों में आवेदन किया था, लेकिन ड्यूक यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने के बाद मैंने बाकी कॉलेजों से अपना नाम वापस ले लिया.”
18 साल की डेया ब्राउन बताती हैं कि उन्होंने ड्यूक यूनिवर्सिटी में एक साल की स्कॉलरशिप को स्वीकार कर लिया. यहां वो 2023 के शिक्षा सत्र में विज़ुअल एंड मीडिया स्टडीज़ में पहले साल की पढ़ाई शुरू करेंगी.
हालांकि, ‘द गेट्स स्कॉलरशिप’ के फ़ाइनलिस्ट में भी उनका नाम था जिसके तहत इस गर्मी में अमेरिका में हाईस्कूल के 300 प्रतिभावान अल्पसंख्यक छात्रों को दी जाएंगी.
वो कहती हैं, “ये व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए बहुत अहम है क्योंकि देश की ये शीर्ष स्कॉलरशिप में से एक है और यहां वे आपके ट्यूशन का भुगतान करते हैं.”
इतनी सारी स्कॉलरशिप के लिए आवेदन करने में सबसे कठिन बात क्या लगी, इस सवाल पर वो कहती हैं आश्यचर्यजनक रूप से ये कोई मुश्किल बात नहीं थी.
वो कहती हैं, “मुझे लगता कि ये एक वेटिंग गेम है और आवेदन का यही सबसे कठिन हिस्सा है. लेकिन अंत में इससे मुझे धैर्य रखने का सबक मिला.”
अब डेया ब्राउन ने फ़ैसला किया है कि वो अन्य छात्रों को उनके लक्ष्य हासिल करने में मदद करेंगी.
उन्होंने कहा, “मैं अन्य महिलाओं और अल्पसंख्यक छात्रों के लिए प्रेरणा बनने की आशा करती हूं. उनमें ये भरोसा आएगा कि अगर वो कर सकती है तो मैं भी कर सकता/सकती हूं.”
सफल होने के टिप्स
ब्राउन उन तीन बातों का सुझाव देती हैं, जिससे आवेदन के दौरान उन्हें काफ़ी मदद मिली.
- मदद लेने से न झिझकें
“कैरियर कोच और काउंसलर से बात करिए. काफ़ी समय तक स्टूडेंट्स अपने लिए उपलब्ध अवसरों के बारे में पूछने से डरते हैं. स्कूलों में बहुत से ऐसे लोग होते हैं जिनका काम ही आपकी मदद करना होता है. “
- व्यवस्थित बनें
“ये बहुत ही अस्तव्यस्त और चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया हो सकती है. एक ऐसा प्लेटफ़ार्म बनाएं जहां आप अपने सभी आवेदनों की सूची रख सकते हैं. अपने आवेदन आलेख को दोबारा इस्तेमाल कर सकते हैं, बस आपको कॉलेज के अनुसार थोड़ा बहुत फेरबदल करना पड़ सकता है.”
- खुद को प्रमोट करने के लिए अपने पाठ्यक्रम से इतर की गतिविधियों का इस्तेमाल करें
“पाठ्यक्रम से इतर की गतिविधियां आपके व्यक्तित्व को आकार देती हैं. इस पता चलता है कि कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद क्या करेंगे. वे आपको एक स्वतंत्र व्यक्ति के तौर पर देखना चाहते हैं. खुद क्या हैं और आप क्या करना चाहते हैं, इसे जानने के लिए अपनी गतिविधियों का इस्तेमाल करें.”
बनाई अपनी प्रोडक्शन कंपनी
चूंकि डेया ब्राउन पढ़ाई शुरू करने के लिए तैयार हैं लेकिन वो बैठी नहीं रहेंगी.
वो अभी अपने खुद की प्रोडक्शन कंपनी पर काम कर रही हैं, जिसे उन्होंने हाईस्कूल के दौरान बनाया था.
उनका कहना है कि उनकी कंपनी का लक्ष्य, किशोरों और युवाओं की कविता, संगीत, कला और फ़िल्म का प्रसार करने का है.
ब्राउन कहती हैं, “एक समय आप खुद से ये पूछते हुए पाते है, मैं ऐसा क्यों कर रहा हूं? लेकिन ये जवाब ध्यान रखना है, आप लोगों की ज़िंदगी बदलने की कोशिश कर रहे है और ये ठीक है. और आप लगातार इस ओर लगातार बढ़ते जाते हैं.”