DMT : जालंधर : (08 जून 2023) : –
डीसी और पुलिस कमिश्नर की तमाम सख्ती के बावजूद शहर में अवैध रूप से ट्रैवल एजैंट और फर्जी इमीग्रेशन कंपनियों का धंधा फलफूल रहा है। इन फर्जी इमीग्रेशन के दफ्तर बंद करवाने को लेकर शिकायतें पहुंच रही हैं। ताजा मामला पुलिस डिवीजन-7 के तहत आते गढ़ा और अर्बन एस्टेट फेज-1 में खुले ट्रैवल एजैंटों के दफ्तर का है।
जालंधर में बिना लाइसैंस के 1000 से ऊपर ट्रैवल एजैंट और इमीग्रेशन कंपनियां फर्जी तरीके से छात्रों को विदेश भेजने का झांसा देकर रोज लाखों रुपए ठग रहे हैं। पुलिस की नाक के नीचे फर्जी इमीग्रेशन कंपनियों के ट्रैवल एजैंट रोजाना लाखों रुपए ठग रहे हैं। स्थिति यह है कि शिकाय़त के बाद पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
हाल ही में जालंधर में कई ट्रैवल एजैंटों के खिलाफ नारेबाजी और धरना भी हुए, लेकिन पुलिस अधिकारियों और कुछ नेताओं की सांठगांठ से फर्जी इमीग्रेशन कंपनियां दफ्तर खोलकर लोगों को लूटने में जुटी हुई हैं। इन फर्जी इमीग्रेशन कंपनियों के ठग ट्रैवल एजैंटों से बचाने के लिए समाज सेवक अभिषेक बख्शी लगातार सक्रिय हैं।
इसी क्रम में अभिषेक बख्शी ने आज थाना-7 के एसएचओ परमिंदर सिंह थिंद से मिलकर तीन इमीग्रेशन कंपनियों के खिलाफ शिकायत की है। शिकायत में कहा गया है कि इन इमीग्रेशन कंपनियों के पास कोई लाइसेंस नहीं है। इसमें क्राउन इमीग्रेशन (CROWN IMMIGRATION), फास्ट इमीग्रेशन सर्विसेज (Fast Immigration Serveces) और वीजा वैन्यू (VISA VENUE) के खिलाफ थाने में शिकायत हुई है।
शिकायतकर्ता ने कहा है कि क्राउन इमीग्रेशन (CROWN IMMIGRATION), फास्ट इमीग्रेशन सर्विसेज (Fast Immigration Serveces) और वीजा वैन्यू (VISA VENUE) के पास कोई वैध लाइसेंस नहीं है। आपको बता दें कि डीसी ने आदेश जारी किया हुआ है कि बिना लाइसेंस के किसी भी तरह का ट्रैवल एजैंटी और इमीग्रेशन का काम नहीं किया जा सकता है। बावजूद छोटी बारादरी और अर्बन एस्टेट में कई फर्जी ट्रैवल एजैंटों ने फर्जी इमीग्रेशन के दफ्तर खोल दिए हैं।
इस संबंध में पुलिस डिवीजन -7 के SHO परमिंदर सिंह थिंद ने कहा है कि उन्होंने कुछ दिन पहले थाने का चार्ज संभाला है। उन्होंने थाने के अंर्तगत आते सभी इमीग्रेशन कंपनियों और ट्रैवल एजैंटों से लाइसेंस मंगवाए हैं। जिस किसी के लाइसेंस नहीं है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बगैर लाइसेंस के कोई भी दफ्तर उनके क्षेत्र में नहीं चलेंगे।