UK के साथ ‘फ्री ट्रेड एग्रीमेंट’ पर बातचीत रोकने को भारत ने बताया ‘बेबुनियाद’

Hindi New Delhi
  • द टाइम्स अखबार ने यह खबर प्रकाशित की है कि भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच जारी मुक्त व्यापार समझौता की  बात अब खटाई में पड़ गई है.

DMT : नयी दिल्ली : (10 अप्रैल 2023) : – ब्रिटेन के अखबार ने रिपोर्ट छापी है कि भारत ने यूनाइडेट किंगडम के साथ जारी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर बातचीत को रोक दिया है. भारत की ओर से कथित तौर पर यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब लंदन में भारतीय दूतावास पर खालिस्तान समर्थक सिखों द्वारा प्रदर्शन किया गया था और इस प्रदर्शन के दौरान भारतीय तिरंगे का अपमान किया गया था. द टाइम्स के हवाले से मीडिया में चल रही खबरों के बीच भारत सरकार के सूत्रों का कहना है कि ये सब बेबुनियाद बात है. द टाइम्स अखबार ने यह खबर प्रकाशित की है कि भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच जारी मुक्त व्यापार समझौता की  बात अब खटाई में पड़ गई है. 

जानकारी के लिए बता दें कि खालिस्तानी समर्थकों द्वारा लंदन में  भारतीय दूतावास पर किए गए उग्र प्रदर्शन के तुरंत बाद भारत की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई थी. भारत की ओर से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस संबंध में कड़ा बयान तक जारी किया था और विदेश मंत्रालाय द्वारा भारत में ब्रिटेन के राजदूत को बुलाकर इस बारे में ताकीद भी कर दी गई थी. अखबार का कहना है कि इस सबके बावजूद ऐसा लग रहा था, लंदन की ओर से माकूल कदम न उठाए जाने से नाराज भारत ने यह बड़ा कदम उठाया है. 

आज द टाइम्स अखबार  ने UK सरकार के सूत्रों के हवाले से इस आशय की रिपोर्ट प्रकाशित की है. अखबार ने लिखा है कि लंदन में भारतीय हाई कमीशन पर 19 मार्च को खालिस्तान का समर्थन करने वाले सिख संगठन के हमले से भारत नाराज़  था और बातचीत रोकने का फैसला लिया गया है. अखबार ने लिखा है कि भारत चाहता है कि यूके की सरकार खालिस्तानी उग्रवाद की सार्वजनिक तौर पर भर्त्सना करे.

उल्लेखनीय है कि भारत-यूके के बीच “फ्री ट्रेड एग्रीमेंट” को लेकर 7 दौर की बातचीत हो चुकी है और यह भी माना जा रहा था कि 2023 में यह एग्रीमेंट साइन कर लिया जाएगा. 

पिछले नवंबर में दोनों देशों के बीच वार्ता लगभग पूरी हो गई थी और यह भी माना जा रहा था कि मार्च 2023 में दोनों देश फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (मुक्त व्यापार समझौता) पर दस्तखत कर लेंगे. यह बातचीत करीब 24 महीनों से जारी है. इस समझौते से दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश बढ़ने की पूरी संभावना है. भारत सरकार के सूत्रों का कहना है कि 26 में 14 चैप्टर पर बातचीत पूर हो चुकी थी. ब्रिटेन के भारतीय मूल के पीएम ऋषि सुनक पहले ही इस संबंध में उम्मीद जता चुके हैं कि जल्द ही इस व्यापार समझौते पर दस्तखत कर लिया जाएगा.

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