इमरान ख़ान ने गेट पर लगाई हाज़िरी, कोर्ट ने रद्द किया वारंट, तोशाख़ाना मामले में अब तक क्या हुआ?

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DMT : पाकिस्तान  : (18 मार्च 2023) : –

तोशाख़ाना मामले में पेशी के लिए आए पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और तहरीक ए इंसाफ़ पाकिस्तान (पीटीआई) के प्रमुख इमरान ख़ान राजधानी इस्लामाबाद स्थित कोर्ट परिसर के गेट से ही वापस लौट गए.

इस्लामाबाद की सेशन्स कोर्ट ने शनिवार को पुलिस और इमरान ख़ान समर्थकों के बीच हुई झड़पों के बाद सुनवाई स्थगित कर दी. कोर्ट ने कहा, “इस स्थिति में सुनवाई नहीं हो सकती.”

कोर्ट ने इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ जारी गिरफ़्तारी वारंट रद्द कर दिया. इस मामले की अगली सुनवाई 30 मार्च को होगी और इमरान ख़ान को कोर्ट में हाज़िर होना होगा.

पुलिस ने इमरान ख़ान की पार्टी के कार्यकर्ताओं को उनके साथ अदालत परिसर में आने की इजाज़त नहीं दी. कोर्ट ने इमरान ख़ान को प्रवेश द्वार पर ही उपस्थिति दर्ज कराने की अनुमति दे दी.

इमरान ख़ान पर आरोप है कि प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने तोशाख़ाना के मंहगे तोहफे अपने फ़ायदे के लिए बेचे थे. इमरान ख़ान इन आरोपों को ‘ग़लत और राजनीति से प्रेरित’ बताते हैं.

लाहौर पुलिस ने कुछ दिन पहले इमरान ख़ान को गिरफ़्तार करने की कोशिश की थी. तब इमरान ख़ान के समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी.

शुक्रवार को लाहौर हाई कोर्ट ने इमरान ख़ान के इस आश्वासन पर उनकी गिरफ़्तारी पर रोक लगा दी थी कि वो शनिवार को संबंधित कोर्ट के सामने पेश होंगे.

शनिवार को इमरान ख़ान का काफिला स्थानीय समय के मुताबिक शाम चार बजे के करीब राजधानी इस्लामाबाद के ज़्यूडिशियल कॉम्पलेक्स के करीब पहुंचा. इमरान ख़ान के पहुंचने से पहले उनके समर्थकों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं.

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ़ के विशेष सहायक ने आरोप लगाया कि इमरान ख़ान कोर्ट के अंदर नहीं आए.

उन्होंने दावा किया, ” अदालत शुरू हो गई है, वकील मौजूद हैं, लेकिन इमरान खान गाड़ी अंदर नहीं ला रहे हैं.”

दूसरी तरफ़ इमरान ख़ान ने एक ऑडियो संदेश जारी किया और प्रशासन पर आरोप लगाया.

इमरान ख़ान ने ऑडियो संदेश में कहा, ” मैं 15 मिनट से गेट के बाहर खड़ा हूं.”

इमरान ख़ान जब कोर्ट परिसर के करीब पहुंचने लगे, उसके साथ ही उनके समर्थकों की संख्या बढ़ती गई. कोर्ट परिसर के करीब बड़ी संख्या में पुलिसबल तैनात था.

बड़े शिपिंग कंटेनर के जरिए रास्ते रोकने की कोशिश की गई थी. लेकिन इमरान ख़ान की पार्टी के समर्थक बैरियर हटाते हुए कोर्ट के करीब पहुंच गए.

उनका पुलिस से टकराव भी शुरू हो गया. पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे. वहीं, इमरान ख़ान के समर्थक पत्थर और ईंटें फेंक रहे थे. इमरान ख़ान की कार पहुंची तो समर्थकों ने उसके इर्द गिर्द घेरा बना लिया.

इमरान ख़ान की पार्टी पीटीआई ने लिखित आश्वासन दिया था कि कुछ नामित लोग ही उनके साथ ज्यूडिशियल कॉम्पलेक्स में जाएंगे लेकिन इमरान ख़ान के गिरफ़्तार होने की अफवाह के चलते बड़ी संख्या में समर्थक वहां पहुंच गए.

करीब एक घंटे तक इमरान ख़ान की गाड़ी कोर्ट के गेट के सामने खड़ी रही. समर्थकों ने पुलिस को कार तक आने नहीं दिया. उन्होंने इमरान ख़ान को भी कार से उतरने नहीं दिया. इसके बाद कोर्ट ने एक अधिकारी को इमरान ख़ान की उपस्थिति दर्ज करने के लिए कोर्ट के गेट पर भेजा. दस्तख्त करने के बाद इमरान ख़ान वहां से चले गए.

लेकिन पुलिस और उनके समर्थकों के बीच झड़प जारी रही. कोर्ट के आसपास का इलाका ‘जंग का मैदान’ बन गया.

इस्लामाबाद के पुलिस प्रमुख अकबर नासिर ख़ान ने बताया कि इमरान ख़ान के समर्थकों ने हिंसा की और पथराव किया.

उन्होंने कहा, “हमारी फ़ोर्स हालात का मुक़ाबला धैर्य के साथ कर रही.”

इमरान ख़ान स्थानीय समय के मुताबिक सुबह आठ बजे लाहौर से इस्लामाबाद के लिए रवाना हुए.

इस्लामाबाद पहुंचने के पहले इमरान ख़ान ने जानकारी दी थी कि रास्ते में उनके काफिले के साथ दुर्घटना हो गई.

उन्होंने एक मिनट 13 सेकंड का एक वीडियो सोशल मिडिया पर पोस्ट किया जिसमें उन्होंने दावा किया कि, “बदकिस्मती से एक्सीडेंट हुआ है और मैं लेट हो गया हूं.”

उन्होंने मौजूदा सरकार पर हमले का आरोप लगाया और कहा, “वो लोग मुझे गिरफ़्तार करना चाहते हैं. ये लोग लंदन प्लान पर काम कर रहे हैं जो नवाज़ शरीफ़ का प्लान है. ये लोग चाहते हैं कि मैं चुनावों में हिस्सा न ले सकूं.”

इमरान ख़ान ये दावा भी किया कि उन्हें पता है कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा लेकिन इसके बाद भी वो अदालत में पेश होने के लिए जा रहे हैं.

पीटीआई का आरोप

इमरान ख़ान की पार्टी तहरीक ए इंसाफ़ पाकिस्तान (पीटीआई) के सेक्रेटरी जनरल असद उमर ने कहा आरोप लगाया कि इमरान ख़ान को ‘कोर्ट तक पहुंचने से रोका जा रहा है.’

तहरीक ए इंसाफ़ पाकिस्तान (पीटीआई) ने देश के सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस को एक पत्र भी लिखा और दावा किया कि इमरान ख़ान को ज्यूडिशियल कॉम्पलेक्स तक पहुंचने से रोकने की कोशिश हो रही है.

पीटीआई के नेता असद उमर ने चीफ़ जस्टिस को लिखे पत्र की कॉपी ट्विटर पर जारी की है.

उन्होंने चीफ़ जस्टिस से अनुरोध किया है कि वो इमरान ख़ान को रोकने के लिए हो रही ‘अवैध कोशिशों’ पर ध्यान दें.

लाहौर में क्या हुआ?

उधर, शनिवार को लाहौर में पुलिस ने ज़मान पार्क स्थित इमरान ख़ान के घर पर कार्रवाई की और उनके कई समर्थकों को गिरफ़्तार किया.

आईजी डॉक्टर उस्मान अनवर ने बताया कि कार्रवाई के दौरान पुलिस पर हमला करने के मामले में 61 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.

वहां बड़ी संख्या में पुलिसबल मौजूद था और बुलडोज़र का भी इस्तेमाल किया गया.

दोपहर के करीब पुलिस ने इमरान ख़ान के घर का दरवाज़ा तोड़ दिया और अंदर घुस गई.

पुलिस अधिकारियों ने निजी चैनल जियो न्यूज़ को बताया कि इमरान ख़ान के घर के अंदर घुसने के दौरान अंदर से फायरिंग हुई और पुलिस को निशाना बनाया गया.

पुलिस अधिकारियों ने बताया, “घर के अंदर मौजूद कार्यकर्ताओं के पास हथियार हैं जिनका इस्तेमाल वे पुलिस पर कर रहे हैं.”

इमरान ख़ान की बहन ने उठाए सवाल

इमरान ख़ान की बहन डॉक्टर उज़मा ने लाहौर के ज़मान पार्क स्थित पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के घर पर कार्रवाई को लेकर सवाल उठाए.

उन्होंने सवाल किया है कि क्या क़ानून सिर्फ़ ख़ान साहब (इमरान ख़ान) के लिए है?

ज़मान पार्क में हुई कार्रवाई को लेकर उन्होंने कहा, “पुलिस ने धकेलना शुरू किया. धक्के देने शुरू किए. वहां एक दो रिपोर्टर भी थे. एकदम (से) ही हुआ. पता नहीं चला. फिर (सुरक्षा बलों ने) कोई परवाह नहीं की. ज़मान पार्क के अंदर घुस गए. घरों में औरतें थीं.”

इमरान ख़ान की बहन ने कहा, ” पता नहीं किस क़ानून के तहत कर रहे थे, कोई पूछने वाला नहीं था.”

उन्होंने कहा, ” किसी ने मुझे पूछा कि आप क़ानून के बारे में क्या कहती हैं तो मेरा ये सवाल है कि क्या क़ानून सिर्फ़ ख़ान साहब के लिए है? बाकी किसी के लिए कोई क़ानून नहीं है?”

डॉक्टर उज़मा ने कहा, “कार्रवाई को देखकर लग रहा था कि कोई इज़राइली फ़लस्तीनियों पर हमला कर रहे हैं या कश्मीर वाला मंजर था. मेरे पति यही समझा रहे थे कि देखो अपने लोग हैं उन्हें मत मारो लेकिन वो उन्हें गिरफ़्तार करके ले गए.”

क्या है मामला?

इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ 83 एफ़आईआर दर्ज हैं. तोशाखाना और महिला न्यायाधीश के अपमान के मामले में इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ गैर-जमानती वारंट जारी हुआ था.

न्यायाधीश ज़ेबा चौधरी के मामले में वारंट को गुरुवार दोपहर रद्द कर दिया गया.

तहरीक़-ए-इंसाफ़ पार्टी के प्रमुख इमरान ख़ान ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की थी. इसी का हवाला देते हुए उन्होंने कोर्ट में हाज़िर होने में असमर्थता जाहिर की थी. इसे देखते हुए सुनवाई की जगह बदल दी गई है.

ऐसे में सुनवाई ज्यूडिशियल कॉम्प्लेक्स में होना तय हुआ.

लाहौर हाई कोर्ट ने शुक्रवार को नौ मामलों में इमरान ख़ान को जमानत भी दे दी.

कोर्ट ने उन्हें 28 मार्च तक के लिए बेल दे दी है.

तोशाख़ाना मामले में क्या आरोप हैं?

बीते साल अक्टूबर में पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने तोशाखाना मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को अगले पांच साल के लिए चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य क़रार दिया था.

चुनाव आयोग ने कहा था कि इमरान ख़ान ने सत्ता में रहते हुए तोशाखाना से जो तोहफ़े लिए थे, उसके बारे में अधिकारियों को उन्होंने सही जानकारी नहीं दी. इमरान ख़ान आरोपों को ग़लत बताते हैं.

इमरान ख़ान पर आरोप है कि उन्होंने प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए क़ीमती तोहफ़े अपने फ़ायदे के लिए बेचे. इमरान ख़ान ने चुनाव आयोग को दी गई अपनी संपत्ति की घोषणा में उसका ब्योरा नहीं दिया था.

चुनाव आयोग ने बाद में ज़िला अदालत में शिकायत दर्ज की थी कि प्रधानमंत्री रहते हुए इमरान ख़ान को जो गिफ़्ट मिले उसे उन्होंने बेच दिया और इस मामले में उन्हें आपराधिक क़ानूनों के ज़रिए सज़ा दी जाए.

आरोप है कि इमरान ख़ान ने प्रधानमंत्री रहते हुए तोशाखाना के मंहगे गिफ़्ट, घड़िया अपने फ़ायदे के लिए बेची थीं.

1974 में पाकिस्तान में तोशाखाना स्थापित किया गया. ये कैबिनेट डिवीजन के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक विभाग है जहां देश के प्रमुखों, मंत्रियों, नौकरशाहों, सासंदों को विदेशी सरकार या अधिकारियो की ओर से मिले मंहगे गिफ़्ट रखे जाते हैं.

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