DMT : नयी दिल्ली : (14 अक्टूबर 2023) : – जी20 देशों की संसद के पीठासीन अधिकारियों ने आतंकवाद और हिंसक चरमपंथ का मुकाबला करने के लिए अपनी विधायिका, बजटीय और निरीक्षण कार्यों का उपयोग करने का शुक्रवार को संकल्प लिया। यहां पार्लियामेंट-20 (पी20) शिखर बैठक में स्वीकृत किये गये एक संयुक्त बयान में उन्होंने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की निंदा की। इसमें विदेशी लोगों को पसंद न करने की प्रवृत्ति (ज़ेनोफोबिया), नस्लवाद और असहिष्णुता के अन्य रूपों या धर्म अथवा आस्था के आधार पर आतंकवाद भी शामिल है। संयुक्त बयान में कहा गया कि आतकवाद अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
संयुक्त बयान के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘पी20 की संयुक्त घोषणा को सर्वसम्मति से अपनाना वसुधैव कुटुंबकम की भावना का उदाहरण है। सभी प्रतिनिधियों को समर्थन के लिए बहुत-बहुत बधाई।’ पी20 नेताओं का संयुक्त बयान यूक्रेन में लंबे समय से चल रहे युद्ध और हाल ही में इस्राइल और हमास के बीच शुरू हुए संघर्ष की पृष्ठभूमि में आया है। बयान में कहा गया, ‘आतंकवाद के सभी कृत्य आपराधिक और अनुचित हैं।’
टकराव और संघर्ष किसी के हित में नहीं : मोदी
आतंकवाद को मानवता के विरुद्ध करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि टकराव और संघर्ष से किसी का भी भला नहीं होने वाला। ऐसे टकरावों से मानवता के दुश्मन ही फायदा उठाते हैं। मोदी ने जोर दिया कि यह वक्त शांति और भाईचारे का है क्योंकि विभाजित विश्व बड़ी वैश्विक चुनौतियों का समाधान नहीं कर सकता। नौवें जी20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में मोदी ने कहा, ‘आतंकवाद को लेकर हम सभी को लगातार सख्ती बरतनी ही होगी।’ उन्होंने कहा कि आतंकवाद की परिभाषा को लेकर आम सहमति न बन पाना बहुत दुखद है। उन्होंने कहा, ‘मेरा हमेशा से ही मानना रहा है कि सरकारें बहुमत से बनती हैं, पर देश सहमति से चलता है।’ उन्होंने कहा, ‘आतंकवादियों ने भारत में हजारों निर्दोषों की जान ली है। करीब 20 साल पहले आतंकवादियों ने हमारी संसद को भी निशाना बनाया था। भारत ऐसी अनेक आतंकी वारदातों से निपटते हुए आज यहां पहुंचा है।’ मोदी ने पी-20 में आए सभी प्रतिनिधियों को अगले वर्ष होने वाले आम चुनाव देखने के लिए आमंत्रित किया।