अजित पवार ने दी ‘रिटायर’ होने की सलाह, शरद पवार बोले- ‘उनके पास मेरी फोटो के सिवा कुछ नहीं’

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DMT : महाराष्ट्र  : (05 जुलाई 2023) : –

महाराष्ट्र की राजनीति में जारी ‘हाई प्रोफ़ाइल ड्रामा’ में बुधवार को एक नया अध्याय लिखा गया. एनसीपी पर कब्ज़े की लड़ाई में महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार और उनके चाचा शरद पवार ने अलग-अलग शक्ति प्रदर्शन किया.

अजित पवार ने राजधानी मुंबई के बांद्रा की भुजबल नॉलेज सिटी में मीटिंग की. इसमें प्रफुल्ल पटेल और छगन भुजबल समेत कई कद्दावर नेता शामिल हुए.

शरद पवार ने वाईबी चव्हाण सेंटर में समर्थकों के साथ बैठक की. इसमें सुप्रिया सुले, जयंत पाटिल और एकनाथ खड़से समेत कई नेता शामिल हुए.

दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर जमकर आरोप लगाए और अपने गुट को असल एनसीपी बताया.

पार्टी की कमान अपने हाथ में लेने की चाचा-भतीजे की लड़ाई अदालत भी पहुँचने वाली है. एनसीपी के कुल 53 विधायक हैं.

अजित पवार ने शरद पवार को रिटायर होने की सलाह दी तो शरद पवार ने कहा कि उनके (अजित के) पास ‘मेरी तस्वीर के अलावा कुछ नहीं है.’

अजित पवार ने जहां मीटिंग की थी, वहां शरद पवार की बड़ी तस्वीर लगाई गई थी.

अजित पवार खेमे को दल-बदल क़ानून के तहत अयोग्य होने से बचने के लिए 36 विधायकों का समर्थन ज़रूरी है. दोनों खेमों की कोशिश है कि ज़्यादा से ज़्यादा विधायकों को अपने पाले में लाया जा सके.

सोमवार को शरद पवार ने सांसद सुनील ततकरे और प्रफुल्ल पटेल को पार्टी से निकाल दिया था.

शरद पवार ने क्या कहा?

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने दावा किया कि पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक उनके साथ मजबूती से खड़े हैं.

शरद पवार ने कहा, “आज हम भले ही सत्ता में न हों लेकिन हम लोगों के दिलों में रहते हैं.”

उन्होंने आगे कहा, “पार्टी का प्रतीक हमारे पास है और ये कहीं नहीं जा रहा है. जो कार्यकर्ता हमें सत्ता में लाए थे, आज भी हमारे साथ हैं.”

शरद पवार ने अजित पवार पर समझौते के लिए सिद्धांत छोड़ने का आरोप लगाया.

शरद पवार ने कहा, “कुछ दिन पहले ही उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की आलोचना करते हुए कहा था कि उन्होंने एकनाथ शिंदे जैसा मुख्यमंत्री सालों में नहीं देखा है. लेकिन आज उन्होंने उनका ही हाथ थाम लिया.”

अजित पवार ने क्या कहा?

एनसीपी पर अपनी पकड़ दिखाने के लिए शक्ति प्रदर्शन कर रहे अजित पवार ने 83 साल के शरद पवार की उम्र पर सवाल उठाते हुए कहा, “आप कभी रुकने वाले हैं और हमें आशीर्वाद देने वाले हैं या नहीं?”

अजित पवार ने कहा, “अब तक के इतिहास पर नजर डालें तो लोग करिश्माई नेता चाहते हैं. लेकिन हर किसी का एक मौसम होता है. 25 से 75 साल की उम्र में हम अच्छा काम कर सकते हैं. हर 25 साल में एक नई पीढ़ी आती है.”

उन्होंने कहा कि बीजेपी में नेता 75 साल की उम्र में रिटायर हो जाते हैं

शरद पवार के कुछ दिन पहले इस्तीफ़ा देने के घटनाक्रम की ओर इशारा करते हुए अजित पवार ने कहा, “अगर आपको इस्तीफ़ा देना ही नहीं था तो दिया क्यों?”

अजित पवार ने ये भी दावा किया कि महाराष्ट्र का भला करने के लिए वो राज्य के मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं.

उन्होंने कहा, “मैं महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनना चाहता हूं ताकि मैं जनता की भलाई के लिए वो सब कर सकूं जो मेरे मन में है.”

उन्होंने आरोप लगाया कि शरद पवार के फ़ैसले की वजह से करीब दो दशक पहले एनसीपी के हाथ से मुख्यमंत्री पद चला गया था.

अजित पवार ने कहा, “साल 2004 में हमारे 71 विधायक आये, कांग्रेस के 69 विधायक आये. मैं तब एक छोटा कार्यकर्ता था. तब सोनिया गांधी ने विलासराव देशमुख से कहा था कि अब एनसीपी को मुख्यमंत्री का पद देना होगा. लेकिन हमने चार और मंत्री पद लेकर मुख्यमंत्री पद का मौका छोड़ दिया. अगर मौका दिया होता तो आज तक एनसीपी का मुख्यमंत्री देखने को मिलता.”

सुप्रिया सुले का जवाब

अजित पवार को सुप्रिया सुले ने जवाब दिया. उन्होंने कहा, “उम्र सिर्फ़ एक संख्या है.”

अजित पवार ने विकास के लिए सत्ता में शामिल होने को ज़रूरी बताया.

इस पर सुप्रिया सुले ने कहा, ‘सत्ता सुख नहीं लाती.’ उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ‘सबसे भ्रष्ट’ पार्टी है.

सुप्रिया सुले ने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वो बीजेपी के ख़िलाफ़ सड़कों पर उतरें.

सुप्रिया ने शरद पवार से कहा, ‘पार्टी में 8-9 पद खाली हैं. नए लोगों के लिए जगह बनेगी. मैं अनुरोध करती हूं कि पार्टी में महिलाओं को 33 प्रतिशत मौका दें.’

शरद पवार की बैठक में कौन कौन पहुंचा?

शरद पवार की बैठक में आए 14 विधायकों अनिल देशमुख, रोहित पवार, सुमन पाटिल राजेंद्र शिंगणे, अशोक पवार, किरण लहमाटे, प्राजक्ता तानपुरे, बालासाहेब पाटिल, जीतेंद्र अव्हाड, चेतन विट्ठल तुपे, जयंत पाटिल, राजेश टोपे, संदीप क्षीरसागर और देवेंद्र भुयार शामिल हैं.

सुप्रिया सुले के अलावा श्रीनिवास पाटिल, अमोल कोल्हे, राज्यसभा सांसद फौजिया ख़ान और वंदन चव्हाण शामिल हैं.

एनसीपी विधायकों के मुताबिक मीटिंग के पहले शरद पवार ने ख़ुद ही सभी विधायकों को फ़ोन किया. हिन्दुस्तान टाइम्स से एक विधायक ने बताया कि उन्हें शरद पवार ने फ़ोन करके कहा कि यह उचित फ़ैसला लेने का सही वक़्त है.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले और महाराष्ट्र एनसीपी प्रमुख जयंत पाटिल ने वीडियो संदेश जारी कर पार्टी के सभी नेताओ और पदाधिकारियों से बैठक में आने की अपील की थी.

दोनों खेमों ने लगाया पूरा ज़ोर

बैठक के पहले जारी 54 सेकेंड के वीडियो में सुप्रिया सुले ने कहा, ”मैं आप सबका इंतज़ार कर रही हूँ. 83 साल के बहादुर और हमारे प्रिय नेता शरद पवार हमें मार्गदर्शन देने के लिए मौजूद रहेंगे. वह भविष्य की योजना की जानकारी देंगे और हमारी ज़िम्मेदारी बताएंगे.”

शरद पवार ने जितेंद्र आव्हाड को विपक्ष का चीफ़ व्हीप बनाया है. जितेंद्र ने व्हिप जारी कर पार्टी के सभी विधायकों को शरद पवार की बुलाई बैठक में मौजूद रहने के लिए कहा.

दूसरी तरफ़ अजित पवार ने भी विधायकों को फ़ोन किया . ये भी दावा किया गया कि अजित पवार ने पहले ही विधायकों से हलफ़नामा भरवा लिया है.

इसके पहले मंगलवार को अजित पवार और शरद पवार खेमे की कड़वाहट सड़कों पर आ गई थी.

एनसीपी के नासिक दफ़्तर में अजित पवार और छगन भुजबल के समर्थक शरद पवार के वफ़ादारों से भिड़ गए थे. ऑफिस में घुसने को लेकर दोनों धड़े आपस में भिड़ गए तो पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा.

मंगलवार को अजित पवार ने दावा किया था कि पार्टी के अधिकतम विधायक उनके साथ हैं. दूसरी तरफ़ जयंत पाटिल का कहना है कि सभी विधायक शरद पवार के साथ हैं.

एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना के विधायक नाख़ुश

एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना अजित पवार समेत एनसीपी के आठ अन्य विधायकों के सरकार में शामिल होने से ख़ुश नहीं है.

सेना के एक मंत्री और कुछ विधायकों ने सार्वजनिक रूप से नाराज़गी ज़ाहिर की है. शिवसेना कोटे से मंत्री शंभुराज देसाई ने मंगलवार को कहा कि अगर शिवसेना उद्धव बाला ठाकरे प्रमुख किसी भी तरह का प्रस्ताव देते हैं तो शिंदे के नेतृत्व वाली शिव सेना विचार करेगी.

देसाई ने कहा था, ”ये सभी काल्पनिक सवाल हैं. लेकिन उद्धव जी की ओर से कोई कोशिश होती है तो सकारात्मक जवाब मिलेगा.”

विधायकों के बीच बढ़ती नाराज़गी को लेकर एकनाथ शिंदे ने भी बुधवार को पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई है.

इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि शिंदे के नेतृत्व वाली शिव सेना के कई विधायक अजित पवार के सरकार में शामिल होने से नाराज़ हैं.

मंगलवार को शिव सेना विधायक संजय शिरसत ने कहा कि अगर सब कुछ छोड़ ही देना है तो सत्ता में रहने का कोई मतलब नहीं है.

शरद पवार ने कहा है कि जिन्होंने उनकी विचारधारा को धोखा दिया है और जिनसे उनकी विचारधारा अलग है, वे उनकी तस्वीर का इस्तेमाल ना करें.

एनसीपी में फूट देगी कांग्रेस को मौक़ा?

वहीं महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं ने मंगलवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार के प्रति एकजुटता दिखाने का फ़ैसला किया. वहीं पार्टी मानकर चल रही है कि अब राज्य में फैलने का समय है.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि अजित पवार के बाग़ी रुख़ के बाद एक जगह ख़ाली हुई है जो कांग्रेस के लिए मौक़ा है.

उन्होंने कहा, “कांग्रेस के पास अब बढ़ने का मौक़ा है और उसके पास अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने का मौक़ा है.”

पार्टी महासचिव और स्टेट इंचार्ज एचके पाटिल ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भाग लिया था. उनका कहना है, “महाराष्ट्र में एक ग़ैर-संवैधानिक सरकार सत्ता में है और अयोग्य ठहराने की याचिकाएं लंबित हैं. कर्नाटक के लोगों ने ऑपरेशन लोटस को नकारा था. हम महाराष्ट्र के लोग यही करेंगे.”

महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख नाना पटोले ने मंगलवार को शरद पवार से मुलाक़ात की थी.

उन्होंने कहा था, “महाराष्ट्र का राजनीतिक ड्रामा दिल्ली में मोदी और शाह के आदेश पर हुआ है और इसकी स्क्रिप्ट उन्होंने लिखी है. हमने (कांग्रेस) फ़ैसला किया है कि एमवीए के साथ खड़े रहेंगे. मैंने शरद पवार जी से बात की है और उद्धव जी से भी बात करेंगे. हम सरकार की गंदी चालों को उजागर करने के लिए पूरे राज्य का दौरा करेंगे.”

साल 1999 में एनसीपी के गठन के बाद महाराष्ट्र ने राज्य में चार पार्टियों की राजनीति देखी है और मुख्य राजनीतिक ताक़तों के इर्द-गिर्द छोटी पार्टियां रही हैं.

एनसीपी का पश्चिमी महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में दबदबा है जबकि उत्तरी महाराष्ट्र में कांग्रेस को बढ़त है. विदर्भ और राज्य के दूसरे हिस्सों में कांग्रेस की पहुंच सीमित है.

बग़ावत और कमज़ोर होती एनसीपी इस क्षेत्र में मज़बूती के लिए कांग्रेस को और मौक़े दे सकती है.

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