DMT : कनाडा : (02 अक्टूबर 2023) : –
खालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर जारी भारत-कनाडा विवाद के बीच प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं.
घरेलू मोर्चे से लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सवालों का सामना कर रहे पीएम ट्रूडो एक बार फिर घिरते हुए नजर आ रहे हैं.
अब सोशल मीडिया कंपनी एक्स और टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर अभिव्यक्ति की आजादी को कुचलने का आरोप लगाया है.
एक्स पर उन्होंने लिखा, “कनाडा में ट्रूडो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचलने की कोशिश कर रहे हैं. शर्मनाक.”
‘कनाडाई- रेडियो टेलीविजन और दूरसंचार आयोग’ एक सार्वजनिक संगठन है, जो प्रसारण और कम्युनिकेशन की निगरानी और उसे रेगुलेट करने काम काम करता है.
सरकार का कहना है कि कनाडा में काम करने वालीं ऑनलाइन स्ट्रीमिंग सेवाएं, जो कंटेंट ब्रॉडकास्ट करती हैं और उनकी सालाना कमाई एक करोड़ डॉलर या इससे अधिक है, तो उन्हें 28 नवंबर, 2023 तक रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरना होगा.
इस रजिस्ट्रेशन फॉर्म में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जुड़ी जानकारियों का साझा करना होगा.
दूसरा यह कि कुछ ऑनलाइन स्ट्रीमिंग सेवाओं को अपने कमेंट और सब्सक्रिप्शन की जानकारी देनी होगी. यानी कि कोई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म क्या कंटेंट बनाता है और उससे कितने लोग जुड़े हैं.
आयोग का कहना है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को रजिस्ट्रेशन करना होगा. यह नियम प्लेटफॉर्म चलाने वाले यूजर्स पर लागू नहीं होगा.
इसके अलावा पॉडकास्ट बनाने वाले प्लेटफॉर्म के लिए भी रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है. इसके अलावा ऑनलाइन वीडियो गेम और ऑडियो बुक्स पर यह नियम लागू नहीं होगा.
रजिस्ट्रेशन के बाद प्लेटफार्म की एक सूची आयोग के प्लेटफार्म पर जारी की जाएगी.
क्या कह रहे हैं लोग
यह पहली बार नहीं है जब ट्रूडो सरकार पर अभिव्यक्ति की आज़ादी को दबाने का आरोप लगा है.
फरवरी 2022 में ट्रूडो ने ट्रक ड्राइवरों के विरोध को दबाने के लिए आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल किया था, जो अनिवार्य रूप से वैक्सीन लगवाने का विरोध कर रहे थे.
ट्रूडो ने क्यूबेक और दूसरे राज्यों में विरोध को दबाने के लिए सेना तक भेज दी थी. यह संकट कैबिनेट मंत्री की हत्या के बाद जाकर रुका था.
कनाडा के चर्चित यू-ट्यूबर जे.जे मैककुल्लौघ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि अब यू-ट्यूब को भी नवंबर खत्म होने से पहले कनाडा सरकार के साथ खुद को रजिस्टर कराना होगा. ये ऑनलाइन कंटेंट को रेगुलेट करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.
विवादों से नाता
हाल ही में ट्रूडो को कनाडा की संसद में नाज़ियों की तरफ़ से लड़ने वाले एक बुजुर्ग को सम्मानित करने और स्कूलों में लैंगिक विचारधारा को शामिल करने के लिए कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा है.
खालिस्तान समर्थक अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद भारत और कनाडा के कूटनीतिक संबंधों में तनाव पैदा हो गया है.
पीएम ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि निज्जर की हत्या में भारत के संभावित एजेंटों की भूमिका है. हालांकि भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है.
इसी विवाद के बीच कनाडा की संसद में नाज़ियों की तरफ से लड़ने वाले पूर्व सैनिक का सम्मान किए जाने के मामले में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को माफी मांगनी पड़ी.
ट्रूडो ने कहा, ”ये एक ग़लती थी, जिससे देश और संसद दोनों शर्मिंदा हुए. सदन में मौजूद हम सभी लोगों को खेद है कि हमने खड़े होकर ताली बजाई और सम्मान किया. हालांकि हमें संदर्भ नहीं पता था.”
ट्रूडो बोले, ”नाज़ियों के किए जनसंहार में मारे गए लाखों लोगों की यादों का ये भयानक अपमान है.”
इससे पहले वे कनाडा के द मुस्लिम असोसिएशन के निशाने पर थे. कनाडा के स्कूलों में लैंगिक विचारधारा को शामिल किया गया है. इसके तहत स्कूलों में सेक्शुअल ओरिएंटेशन एंड जेंडर आइडेंटिटी, बच्चों को पढ़ाया जाता है.
द मुस्लिम असोसिएशन ऑफ कनाडा इस फैसले का विरोध कर रहा है. उनका कहना है कि इस प्रोग्राम को चुनने का विकल्प नहीं दिया गया है और इसमें वयस्कों वाला कंटेंट बच्चों को पढ़ाया जा रहा है.
इसके खिलाफ 20 सितंबर को ‘वन मिलियन मार्च फॉर चिल्ड्रेन’ का आयोजन किया गया था. इसमें बड़ी संख्या में वहां के मुसलमान शामिल थे.
वहीं ट्रूडो का कहना था कि ट्रांस्फोबिया, होमोफोबिया और बाइफोबिया के लिए देश में कोई जगह नहीं हैं और वे सेक्शुअल माइनॉरिटी के पक्ष में खुलकर खड़े हैं.