डोनाल्ड ट्रंप ने क्यों कहा- मुझे गिरफ़्तार किया जा सकता है

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DMT : अमेरिका : (19 जुलाई 2023) : –

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उन्हें 2020 के चुनावों के नतीजों के बाद कैपिटल हिल पर हुई हिंसा की जांच के दौरान गिरफ़्तार किया जा सकता है.

पूर्व राष्ट्रपति ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में बताया है कि उन्हें स्पेशल काउंसल जैक स्मिथ ने रविवार रात बताया है कि वो एक जांच के केंद्र में हैं.

अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी अमेरिका की राजधानी में हुई हिंसा की जांच कर रही है.

ट्रंप ने कहा है कि उनसे ग्रैंड जूरी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है और ‘जिसका हमेशा यही मतलब होता है कि या तो गिरफ़्तारी होगी या अभियोग चलाया जाएगा.’

इस तरह का अभियोग कथित आपराधिक कृत्यों के लिए ट्रंप के ख़िलाफ़ तीसरा अभियोग होगा.

इनमें उन पर ‘गुप्त दस्तावेज़ों’ को ग़लत तरीक़े से संभालने के 37 आरोप भी शामिल हैं. जून में पूर्व राष्ट्रपति पर स्पेशल काउंसिल जैक स्मिथ की टीम ने ये आरोप लगाये थे.

ट्रंप पर न्यूयॉर्क सिटी में भी कारोबारी दस्तावेज़ों में झूठ बोलने के आरोप में मुक़दमा चल रहा है.

ये साल 2016 में वयस्क फ़िल्मों की अभिनेत्री स्टॉर्मी डेनियल्स को किए गए कथित भुगतान के संबंध में हैं.

इस मामले में अगले साल मार्च में उन्हें सुनवाई का सामना करना है. वहीं गुप्त दस्तावेज़ों के मामलों में तारीख़ को लेकर ट्रंप के वकीलों ने चुनौती दी है.

आयोवा प्रांत के सेडार रैपिड्स में बोलते हुए पूर्व राष्ट्रपति ने ताज़ा घटनाक्रम पर खीज ज़ाहिर की है.

उन्होंने कहा, “मैं व्यवहारिक रूप से नहीं जानता था कि कि ये ग्रैंड जूरी या हाज़िरी आदेश या ये सब जो चल रहा है क्या है. अब मैं इनका विशेषज्ञ बन रहा हूं, मेरे पास कोई और विकल्प भी नहीं है. ये शर्मनाक़ है.”

इससे पहले अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में ट्रंप ने दावा किया था कि उन्हें एक पत्र मिला है.

ट्रंप ने बताया, “छह जनवरी की घटना पर ग्रैंड जूरी की जांच में मैं भी एक टार्गेट हूं और मुझे ग्रैंड जूरी के सामने पेश होने के लिए सिर्फ़ चार दिन का समय दिया गया है, जिसका हमेशा और हरसंभव मतलब गिरफ़्तारी या अभियोग ही होता है.”

पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के पिछले साल आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए दावेदारी का ऐलान करने के कुछ समय बाद ही अमेरिका के महाधिवक्ता जनरल मेरिक गारलैंड ने जैक स्मिथ को स्पेशल काउंसल नियुक्त किया था.

उनकी टीम को पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने व्हाइट हाउस से जाने के बाद ‘गुप्त दस्तावेज़ों’ को किस तरह संभाला था इसकी जांच करने का काम दिया गया था.

इसके अलावा उन्हें अमेरिकी राजधानी पर हुए हमले और ‘ट्रंप और उनके सलाहकारों के 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के बाद सत्ता के हस्तांतरण में दख़ल देने के प्रयासों’ की व्यापक संघीय जांच की कमान संभालने के लिए भी कहा गया था.

स्पेशल काउंसल के दफ़्तर ने ये नहीं बताया है कि वो किस तरह के आपराधिक उल्लंघन पर विचार कर रहे हैं. अभी ये भी पता नहीं है कि क्या और लोगों को ये बताया गया है कि वो जांच के दायरे में है.

पिछले साल दिसंबर में, 6 जनवरी की घटनाओं की जांच कर रही एक संसदीय समिति ने पूर्व राष्ट्रपति और उनके सहयोगियों के ख़िलाफ़ चार अलग-अलग आपराधिक आरोप तय किए थे.

डेमोक्रेटिक नेतृत्व वाली इस समिति में रिपब्लिकन पार्टी के भी दो सदस्य हैं. हालांकि अभियोजक समिति की सिफ़ारिशें मानने के लिए बाध्य नहीं हैं.

स्पेशल काउंसल स्मिथ ने अपनी जांच के दौरान ट्रंप के दर्जनों पूर्व शीर्ष अधिकारियों और सलाहकारों के साक्षात्कार किए हैं. इनमें पूर्व उपराष्ट्रपति माइक पेंस और ट्रंप के अधिवक्ता रूडी ग्वीलियानी भी शामिल हैं.

ग्रैंड जूरी के सामने गवाही देने वाले कुछ लोगों की सार्वजनिक टिप्पणियों के अनुसार, जूरी के सवाल डोनाल्ड ट्रंप की टीम द्वारा “फर्जी मतदाताओं” की सूची को संगठित करने के प्रयासों पर केंद्रित हैं, इन्हें दावा करना था कि राष्ट्रपति ट्रंप ने बाइडन को सात प्रमुख राज्यों में हरा दिया है.

अटलांटा और जॉर्जिया में राज्य के अभियोजक भी ऐसे ही आरोपों के लिए पूर्व राष्ट्रपति की जांच कर रहे हैं. वो ये पता कर रहे हैं कि क्या राष्ट्रपति ट्रंप ने राज्य के अधिकारियों पर बाइडेन की जीत को ख़ारिज करने का दबाव बनाया था.

दिसंबर 2020 में जॉर्जिया के सेक्रेट्री ऑफ़ स्टेट ब्रेड रेफ़ेनस्पर्जर को किए एक फ़ोन कॉल में ट्रंप ने कहा था, ‘11780 वोट खोजो’ इससे राज्य ट्रंप के पक्ष में आ जाएगा.

ट्रंप पर मुक़दमा चलाना है या नहीं, इस पर जॉर्जिया का निर्णय अगले महीने तक आ जाएगा.

आगामी राष्ट्रपति चुनावों के लिए ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी में उम्मीदवारी की दौड़ में सबसे आगे हैं. अपने नज़दीकी प्रतिद्वंदी फ्लोरिडा के गवर्नर रोन डेसांटिस से वो काफ़ी आगे हैं.

सीएनएन से बात करते हुए मंगलवार को डेसांटिस ने कहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप राजधानी में हुए दंगे से और सख़्ती से निबट सकते थे. उन्होंने ये भी कहा कि वो उम्मीद करते हैं कि ट्रंप पर अभियोग तय नहीं होगा.

डेसांटिस ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि ये देश के लिए सही होगा. लेकिन इस समय मुझे आगे बढ़ने पर भी ध्यान देना है और हम यही करने जा रहे हैं.”

राष्ट्रपति ट्रंप ने पिछले चार महीनों के दौरान अपने प्रतिद्वंदी पर बढ़त हासिल की है. इस दौरान उन पर दो मुक़दमों की घोषणा भी हुई है.

ट्रंप कहते रहे हैं कि ये मुक़दमे उन्हें फिर व्हाइट हाउस ना लौटने देने की उनके राजनीतिक विरोधियों की साज़िश हैं.

ट्रंप की टीम का कहना है कि दोनों मुक़दमों के बाद ट्रंप के चुनाव अभियान को चंदा मिलने में बढ़ोतरी हुई है. अप्रैल से जून के बीच ट्रंप को अपने चुनाव अभियान के लिए 1.7 करोड़ डॉलर मिले हैं. कई लाख डॉलर उस अकाउंट में भी पहुंचाए गए हैं जिससे उनकी क़ानूनी लड़ाई पर पैसा ख़र्च किया जा सकता है.

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