DMT : कराची : (07 जुलाई 2023) : – कराची…पाकिस्तान का सबसे बड़ा शहर. वो शहर जहां हर दिन मोहब्बतों के रिश्ते बनते और टूटते हैं. शहर की दो करोड़ आबादी में युवाओं की तादाद ज्यादा है.
ये वो लोग हैं जिनका काफी वक्त सोशल मीडिया और ऑनलाइन गेमिंग खेलते गुजरता है.
सीमा रिंद की मुलाकात पबजी खेलते हुए भारत के एक लड़के से हुई और उसके बाद वो उसकी मोहब्बत में सीमा पार कर भारत चली गईं.
भारत के मीडिया में ये कहानी आजकल छाई हुई है. लेकिन पाकिस्तानी मीडिया में इस पर चुप्पी है.
पाकिस्तान में प्रेम कहानियां या प्रेम विवाहों को आमतौर पर तवज्ज़ो नहीं दी जाती है. शायद इसलिए कि यहां समाज का बड़ा हिस्सा थोड़े पुराने ख्यालों का है.
यहां की सामाजिक मान्यताएं ऐसे संबंधों और शादियों को बढ़ावा नहीं देती.
कराची के मलीर कैंट थाने में जो रिपोर्ट दर्ज कराई गई है, उसमें सीमा रिंद और उनके चार बच्चे को लापता बताया गया है. लेकिन पुलिस ने इस मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है.
मैंने मलीर के एसएसपी को कई फोन और टेक्स्ट मैसेज किए और पूछा कि ये कैसे हुआ. लेकिन उधर से कोई जवाब नहीं मिला.
सीमा रिंद और उनका परिवार कराची में कहां और किस हालात में रहता था, ये जानने के लिए मैं उस पते पर पहुंची, जो उनके पति गुलाम हैदर ने मुझे दिया था.
मैं उनके बताया पता ढूंढते हुए शहर के गुलिस्तां-ए-जौहर इलाके में पहुंची. ये बेहद घना बसा इलाका है. ये वो इलाका है,जहां शहर की सबसे बड़ी इमारतें और फ्लैट हैं. बीच में कुछ गांव भी हैं. इनमें से एक गांव है धानी बख्श गोठ.
यहां लोगों को सीमा रिंद की प्रेम कहानी और फिर उनकी गिरफ़्तारी के बारे में पता नहीं है. मैंने यहां लोगों को सीमा रिंद और उनकी बच्चों की तस्वीरें दिखाई तो एक दुकानदार ने उनके एक बच्चे को पहचान लिया. उसने कहा कि ये बच्चा यहीं से सामान खरीदता था.
संकरी और धूल भरी गलियों में काफी ढूंढने के बाद मैं सीमा के घर पहुंची.वो यहां पिछले तीन साल से किराये पर रहती थीं. उनका घर तीसरी मंजिल पर था. जबकि मकान मालिक का परिवार ग्राउंड फ्लोर पर रहता था.
जब मैं वहां पहुंची तो दो कम उम्र की लड़कियां मकान मालिक के घर से झांक रही थीं. उन्होंने मुझे अंदर आने को कहा.
दो छोटे कमरों वाले इस मकान के एक कमरे में बच्चे भरे हुए थे. वे यहां ट्यूशन पढ़ रहे थे. हम दूसरे कमरे में बैठे. मकान मालिक की पत्नी भी वहां थीं.
जब मैंने उनसे सीमा के बारे में पूछा तो उन्होंने तुरंत एक भूरे लिफाफे में रखा फोटो मेरे सामने कर दिया. उन्होंने कहा कि ये तस्वीर परिवार के समारोह में खींची गई थी. इसमें सीमा को भी बुलाया गया था.
उनके मुताबिक सीमा लोगों से बहुत मिलने-जुलने वाली महिला नहीं थी. लेकिन बच्चे उनके घर में काफी समय बिताते थे.
शुरू में सीमा के साथ उनके पिता, भाई और बहन भी उसी घर में रहते थे.
आधा किराया पिता देते थे और आधा सीमा. लेकिन किराये देने को लेकर अक्सर उनमें झगड़ा भी होता था.
बहन की शादी होने और भाई के सेना में भर्ती होने के बाद सिर्फ सीमा के पिता ही उनके साथ रह गए थे. पिछले साल उनके पिता की मौत हो गई.
सीमा के मकान मालिक के परिवार वालों ने मुझे उनकी भारत की गिरफ़्तारी का वीडियो दिखाने को कहा. मैंने उन्हें उनकी गिरफ़्तारी और उनके बयान से जुड़े वीडियो दिखाए.
इसे देखने के बाद वे अचरज जताने लगे कि आखिर सीमा ऐसा कर सकती हैं.
सीमा के मकान मालिक मंज़ूर हुसैन सीमा को अपनी बेटी मानते थे.
मुझसे बात करते हुए वो कई बार भावुक हो गए और उनकी आंखें डबडबा गईं. उन्होंने कहा कि सीमा और उनका परिवार उनके घर में तीन साल तक रहा था.
शुरू में सिर्फ सीमा और उनके पिता मंजू़र हुसैन के घर में रहने आए थे. सीमा के पति सऊदी अरब में रहते हैं. वो पिछले तीन साल से इस मकान में नहीं आए थे.
मंजूर हुसैन बताते हैं कि सीमा वक़्त पर किराया दे देती थीं. उनके पति सऊदी अरब से साठ से सत्तर हजार रुपये भेजा करते थे. इस पैसे से वो किराया देती थीं और घर चलाती थीं.
मंज़ूर हुसैन बताते हैं, ‘’एक दिन सीमा ने कहा कि मैं अपने गांव जा रही हूं. मेरे सामान का ध्यान रखिएगा. वो मुझे अब्बू कहती थी और मैं उसे बेटी. इसके बाद वो चली गई और फिर मुझे दिखाई नहीं दी. उसके भाई-बहन उसकी तलाश में यहां आए थे. मैंने उनसे कहा कि वो अपने गांव गई है. लेकिन उन्होंने कहा कि सीमा तो गांव नहीं पहुंची है.’’
मंज़ूर हुसैन ने बताया कि सीमा के पति ने उन्हें सऊदी अरब से फोन करके एक महीने तक सामान रखने के लिए कहा था. बाद में उन्होंने किराया दे दिया था. इसके बाद उन्होंने किसी को सामान ले जाने के लिए भेजा था.
मेरे रहते ही ये ख़बर आस-पड़ोस में फैल गई मीडिया के लोग आए हुए हैं.
इसके बाद तरह-तरह की चर्चा होने लगी. मैं कैमरामैन से थोड़ा अलग होकर खड़ी थी, तभी 30 साल के लगभग एक शख्स ने आकर मुझसे पूछा कि क्या येे बात सच है कि सीमा ने एक हिंदू से शादी कर ली है.
मैंने अनजान बनने की कोशिश की और सवाल को टाल दिया. मैंने देखा कि किशोर उम्र के बच्चों तक को सीमा की जिंदगी और उसे रहन-सहन के अंदाज के बारे में कई किस्से थे.
सीमा रिंद सिंध के खैरपुर जिले के रहने वाली थी. ये इलाका खजूर की खेती के लिए जाना जाता है. ये आखिरी आजाद रियासत थी जो बाद में पाकिस्तान में शामिल हो गई.
सीमा के पति गुलाम हैदर जकोबाबाद के रहने वाले हैं. इसे ब्रिटिश मिलिट्री के कमांडर जॉन जैकब ने बसाया था.
सीमा और गुलाम हैदर दोनों बलोच हैं. दोनों उस इलाके से आते हैं, जहां लड़कियां अपने प्रेम को अक्सर जाहिर नहीं करती. हर साल अपने प्यार का खुलेआम इजहार करने के आरोप में यहां दर्जनों लड़कियों को मार दिया जाता है.
गुलाम हैदर मिस्ड कॉल का जवाब देने के क्रम में सीमा रिंद के संपर्क में आए थे. दोनों में बातचीत शुरू हुई और फिर उन्होंने मोहब्बत का इजहार किया.
शादी में आने वाली मुश्किलों को देखते हुए सीमा ने अपना घर छोड़ दिया था. घर छोड़ने के बाद सीमा ने गुलाम हैदर से कोर्ट में शादी कर ली.
मामला पंचायत में गया और गुलाम हैदर के परिवार वालों को जुर्माना देना पड़ा.
बीवी के इसरार पर गुलाम हैदर कराची चले आए. यहां वो ऑटो रिक्शा चला कर और मजदूरी करके खर्च चला रहे थे.
इसी इलाके में सीमा की बड़ी बहन भी अपने सास-ससुर के साथ रहती है. उन्होंने कहा कि उन्हें बहन की चिंता हो रही है लेकिन वो लाचार हैं.
उन्होंने कहा, “मेरे मां-बाप तो अब इस दुनिया में रहे नहीं और छोटा भाई सेना में काम करता है. ऐसे में मैं ये सोच नहीं पा रही हूं कि क्या किया जाए.’’
मेन गेट पर पर्दे से अपना चेहरा निकालते हुए उनकी बहन ने कहा क्या उनकी आवाज भारत में सुनी जाएगी.
इस पर जब मैंने कहा कि हां सुनी जाएगी. तो उन्होंने मुझसे लगभग खुशामद के अंदाज में कहा कि मेरी बहन ने भारत जाकर कुछ बेहद बेवकूफी भरा काम किया है . मैं अधिकारियों से दरख्वास्त करती हूं कि मेरी बहन को छोड़ दें.
गुलाम हैदर जख़रानी ने बीबीसी हिंदी से बातचीत में कहा कि उनकी पत्नी को भारत के किसी सचिन नाम के शख्स ने फंसा लिया है. वो पबजी खेलने दौरान उनसे बात करता था. सीमा ने अपना घेर बेच दिया और यहां से चली गईं.
गुलाम हैदर ने कहा, “मैं यहां साढ़े तीन साल से नौकरी कर रहा हूं ताकि अपने बच्चों का पेट भर सकूं. अब वे ये झूठ बोल रहे हैं कि हैदर ने 2018 में अपनी पत्नी को तलाक दे दिया था. ये पूरी तरह झूठ है. कोई उसे ब्लैकमेल कर रहा है.”
”मैंने अपना नेशनल आइडेंटिटी कार्ड 2023 में ऑनलाइन अपडेट करा लिया है. मेरे बच्चे सऊदी अरब आना चाहते थे ताकि मेरे साथ बकरीद मना सकें.अगर मैंने अपने बच्चों को 2019 में छोड़ दिया था तो उनका नेशनल आइ़डेंटिटी कार्ड कैसे बना?”
गुलाम हैदर ने बताया कि उन्होंने सऊदी अरब में बच्चों के लिए पूरी तैयार कर रखी थी.
उन्होंने कहा, ”मैं भारतीय मीडिया के जरिये अपील करता हूं कि मेरे बच्चों को मुझे सौंप दें.”
उन्होंने कहा, “मैं बहुत चिंतित हूं. प्लीज मेरी बात सुनें. मैं दोनों सरकार हाथ जोड़ कर अपील करता हूं. मैं बहुत गरीब आदमी हूं. मैं दो महीनों से अपने बच्चों को नहीं देखा हूं.’’