भारत में भारी बारिश से होती तबाही से पाकिस्तान कितना प्रभावित?

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DMT : पाकिस्तान  : (11 जुलाई 2023) : –

उत्तर और पश्चिम भारत में पिछले कुछ दिनों से जारी भारी बारिश की वजह से हालात बेहद चिंताजनक स्थिति में पहुंच गए हैं.

केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, और पंजाब में एनडीआरएफ़ की 38 टीमों को तैनात किया है.

इनमें से 15 टीमें पंजाब, 12 टीमें उत्तराखंड और 11 टीमों को हिमाचल प्रदेश में बचाव अभियान में लगाया गया है.

दिल्ली और चंडीगढ़ में पिछले दो दिनों में रिकॉर्ड बारिश हुई है. दिल्ली और आसपास के इलाक़ों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, दिल्ली से होकर गुज़रने वाली यमुना नदी में पानी ख़तरे के निशान से ऊपर बह रहा है.

उत्तराखंड में भारी बारिश से कम से कम छह लोगों की मौत की सूचना है. यहां के सभी ज़िलों के लिए 13 जुलाई तक रेड अलर्ट जारी किया गया है.

हिमाचल प्रदेश के कई ज़िलों में बारिश से भारी तबाही हुई है. वहां नदियों में उफान की वजह से पुल और मकान बह गए हैं.

गुजरात, महाराष्ट्र और गोवा में भी भारी बारिश का अनुमान है. उत्तर भारत की अधिकतर नदियों में बाढ़ की स्थिति है.

दिल्ली, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश जम्मू और कश्मीर में शनिवार और रविवार को मूसलाधार बारिश होती रही और पश्चिमी राजस्थान और गुजरात से भी तेज़ और लगातार बारिश की सूचना आ रही है.

मौसम विभाग ने इन राज्यों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है.

मौसम विभाग रेड अलर्ट उस स्थिति में जारी करता है जब मौसम के बहुत ख़राब होने के संकेत होते हैं.

इससे प्रशासन को तत्काल सक्रिय होने का इशारा मिलता है.

वहीं, ऑरेंज अलर्ट जारी करने का आशय प्रशासन को तैयार रहने का संकेत देने से है. और येलो अलर्ट प्रशासन को सचेत रहने को कहता है.

लेकिन भारत में उफ़नती नदियों और लगातार होती तेज बारिश का असर अब पाकिस्तान में भी दिखाई देने लगा है.

भारत में भारी बारिश के बाद नदियों में उफान के कारण पाकिस्तान की तरफ़ पानी छोड़े जाने के बाद पाकिस्तान में रावी और चिनाब नदियों में बाढ़ की स्थिति बन गई है.

भारत की ओर से आने वाला बाढ़ का रेला इस समय पाकिस्तान के इलाक़े शकरगढ़ के सीमावर्ती गांव से गुज़र रहा है जिसके कारण वहां आबादी और फ़सलें डूब गईं हैं.

पाकिस्तान में प्राकृतिक आपदा से निपटने की राष्ट्रीय संस्था एनडीएमए का कहना है कि पाकिस्तान कमीशन इंडस वॉटर ट्रीटी के अनुसार भारत की ओर से लगभग 185000 क्यूसेक पानी का रेला रावी नदी से छोड़ा जा चुका है.

बाढ़ की तेज़ धारा नैनान कोट से होती हुई करतारपुर जसर पहुंचना शुरू हो गयी है.

एनडीएमए के बयान के अनुसार पिछले साल भारत ने 173 हज़ार क्यूसेक पानी छोड़ा था जबकि छोड़े गए पानी का लगभग एक तिहाई यानी साठ हज़ार क्यूसेक जसर तक पहुंचा था जिसके कारण रावी नदी पर गेजिंग पॉइंट पर पानी का बहाव तेज़ हो गया था.

एनडीएमए का कहना है कि पिछले रिकॉर्ड को ध्यान में रखते हुए लगभग 65 हज़ार क्यूसेक पानी अगले 20-24 घंटों के अंदर पहुंचने की संभावना है.

इसके कारण जसर के स्थान पर रावी नदी में छोटे स्तर की बाढ़ का अनुमान लगाया जा रहा है.

एनडीएमए के निर्देश पर संबंधित प्रशासन की ओर से 20 जुलाई तक संवेदनशील क्षेत्रों, विशेष तौर पर चिनाब नदी पर मराला हेडवर्क्स और रावी नदी में जसर के स्थान पर मॉनिटरिंग जारी रहेगी.

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के प्राकृतिक आपदा से निपटने की संस्था पीडीएमए के अनुसार बाढ़ की तेज धार में फंसे लगभग 300 लोगों को बचा लिया गया है.

अधिकारियों के अनुसार यह बाढ़ की धार अगले 48 घंटों में शाहदरा लाहौर पहुंचेगी. रावी नदी और दूसरी सहायक नदियों में भी बाढ़ की स्थिति है.

रावी नदी और चिनाब नदी से सटे ज़िलों में प्रशासन अलर्ट पर है. बाढ़ को देखते हुए विभिन्न ज़िलों में रिलीफ़ कैंप बना दिए गए हैं.

पीडीएमए के अनुसार चिनाब नदी में हेड मराला के स्थान पर मध्यम दर्जे की बाढ़ आई हुई है. चिनाब नदी में ख़ानकी के स्थान पर भी छोटे स्तर की बाढ़ है.

लेकिन पीडीएमए का कहना है कि रावी समेत दूसरी नदियों में पानी का बहाव सामान्य है.

उनके अनुसार सभी नदियों, बराजों, डैम और नालों में पानी के बहाव की लगातार निगरानी की जा रही है.

राज्य के कंट्रोल रूम से पंजाब में हर स्थिति की मॉनिटरिंग जारी है.

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के प्रभारी मुख्यमंत्री मोहसिन नक़वी का कहना है कि पंजाब में किसी जगह बाढ़ नहीं आ रही है.

उन्होंने कहा है कि डेरा ग़ाज़ी में बाढ़ के मद्देनज़र प्रशासन ने पूरी व्यवस्था कर ली है.

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नदी के बीच बस्तियां नहीं बननी चाहिए थीं, सरकारी ज़मीन पर बसे लोगों को ज़रूर हटाया जाएगा.

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