वरुण गांधी का पीलीभीत से कटा टिकट, अब निर्दलीय लड़ेंगे या किसी दल का दामन थामेंगे?

Hindi New Delhi

DMT : नई दिल्ली : (25 मार्च 2024) : –

रविवार को भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की पांचवीं सूची जारी की. इसमें पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी का नाम नहीं है. हालांकि उनकी मां मेनका गांधी को सुल्तानपुर से टिकट दिया गया है.

आज अख़बारों में वरुण गांधी का टिकट काटा जाना सुर्खियों में है. हिंदी अख़बार हिंदुस्तान ने शीर्षक में सवाल पूछा है- वरुण गांधी का टिकट काटा, अब क्या करेंगे, निर्दलीय लड़ेंगे या साइकिल पर सवार होंगे.

वरुण गांधी के निची सचिव ने 20 मार्च को नामांकन पत्र के चार सेट ख़रीदे थे. अख़बार लिखता है कि इसी के बाद से उनके निर्दलीय चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही थीं.

वरुण गांधी पीलीभीत से मौजूदा सांसद हैं. लेकिन अब बीजेपी ने उनकी जगह राज्य सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद को टिकट दिया है.

ऐसे में ये सवाल उठ रहा है कि वरुण गांधी आगे क्या करेंगे. उनकी मां मेनका गांधी को बीजेपी ने टिकट दिया है, इससे वरुण गांधी के लिए परिस्थिति और जटिल हो गई है.

वरुण गांधी ने बेरोज़गारी से लेकर किसानों के मुद्दों तक पर अपनी ही पार्टी की सरकार को घेरा था.

हालांकि, हिंदुस्तान अख़बार की रिपोर्ट के मुताबिक़ बीते दिनों पीलीभीत स्टेशन पर आयोजित एक कार्यक्रम में वरुण गांधी ने बीजेपी नेताओं के साथ मंच साझा किया था और इसके बाद से ही उनके और पार्टी के बीच चीज़ें ठीक होने के कयास लगाये जा रहे थे.

वरुण गांधी ने इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ़ भी की थी. हालांकि रविवार को वरुण गांधी का टिकट काट दिया गया. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि पार्टी उन्हें बाहर का रास्ता दिखा रही है.

वरुण गांधी के निजी सचिव ने 20 मार्च को नामांकन पत्र के चार सेट ख़रीदे थे. अख़बार के मुताबिक़ पर्चे ख़रीदने के बाद वरुण गांधी के निजी सचिव ने बताया था कि उन्होंने वरुण के कहने पर ही चार सेट ख़रीदे हैं.

ऐसे में अब ये क़यास लगाया जाने लगा है कि वरुण गांधी निर्दलीय भी चुनाव लड़ सकते हैं.

हालांकि, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कुछ दिन पहले कहा था कि उनके दिल में वरुण के लिए सॉफ़्ट कॉर्नर है.

अखिलेश यादव ने कहा था कि अगर दूसरे दलों से नेता हमारे साथ आते हैं उस पर विचार किया जाएगा.

समाजवादी पार्टी पीलीभीत से पहले ही भगवतशरण गंगवार को टिकट दे चुकी है, हालांकि वो स्वयं वरुण गांधी के लिए सीट छोड़ने का प्रस्ताव दे चुके हैं.

हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक़, गंगवार ने कहा था, “अगर वरुण गांधी सपा में शामिल होते हैं तो मैं उनके लिए अपनी सीट छोड़ने को तैयार हूं. हाई कमान ने मुझे टिकट दिया है, अगर वरुण आते हैं तो मैं ख़ुशी-ख़ुशी सीट छोड़ दूंगा.”

विनोद कुमार ने रविवार को अपनी बाइक में आग लगा दी और ख़ुद आत्मदाह कर लेने की धमकी दी.

हालांकि बदायूं पुलिस का कहना है कि विनोद कुमार बच्चों की मौत के बाद से गंभीर अवसाद में हैं और उन्होंने ख़ुद को जलाने का प्रयास नहीं किया है.

विनोद कुमार ने कहा, “मुझे अभियुक्त के एनकाउंटर या दूसरे संदिग्ध की गिरफ़्तारी से कोई मतलब नहीं है. मैं सिर्फ़ ये जानना चाहता हूं कि मेरे बच्चों की हत्या क्यों की गई.”

पुलिस अभी तक की जांच में दो नाबालिग बच्चों की हत्या का मक़सद पता नहीं कर सकी है.

बदायूं में पिछले मंगलवार को अपनी दुकान के सामने रहने वाले साजिद ने अपने पड़ोसी परिवार के दो नाबालिग लड़कों की गला रेतकर हत्या कर दी थी. पुलिस ने उसी दिन हत्या के एक अभियुक्त साजिद का कथित एनकाउंटर कर दिया था.

बीजेपी की नूंह में रैली, मुसलमानों को आकर्षित करने का प्रयास

मुख्यमंत्री ने मुस्लिम बहुल नूंह में राज्य की पहली ‘विजय संकल्प’ रैली की. इसे चुनावों से पहले बीजेपी के अल्पसंख्यक मुसलमानों तक पहुंचने के प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है.

पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी 9 मार्च को राजा हसन ख़ां मेवाती के शहीदी दिवस के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. ये पहला मौका था जब ऐसे कार्यक्रम में 44 उलेमाओं ने मनोहर लाल खट्टर के साथ मंच साझा किया.

नूंह ज़िले की तीनों विधानसभा सीटों- नूंह, पुनहाना और फ़िरोज़पुर झिरका कांग्रेस के पास हैं.

मुख्यमंत्री के मीडिया संयोजक मुकेश वशिष्ठ ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्र सबका साथ सबका विकास के तहत ही बीजेपी राज्य में अल्पसंख्यक मुसलमानों के क़रीब जा रही है.

रैली को संबोधित करते हुए सैनी ने कहा, “पुरानी सरकारों के दौरान मेवात को पिछड़ा इलाक़ा कहा जाता था लेकिन डबल इंजन की सरकार में पिछड़े इलाक़ों पर ख़ास ध्यान दिया जा रहा है.”

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बताया है कि आईआईटी गुवाहाटी के दो छात्रों के इस्लामिक स्टेट के साथ संबंधों का पता चला है. ये छात्र इस संगठन के साथ जुड़ना चाहते थे. इनमें से एक को अभी तक खोजा नहीं जा सका है.

इन दोनों में से एक, तौसीफ़ अली फ़ारूक़ी को शनिवार को हिरासत में लिया गया था. फ़ारूक़ी बायोसाइंस विभाग में बीटेक के छात्र हैं और चौथे वर्ष में है.

असम पुलिस की स्पेशल टास्क फ़ोर्स के आईजी ने बताया है कि पुलिस को फ़ारूक़ी के पास से पुख़्ता सबूत मिले हैं जिनके बाद उसे रविवार को गिरफ़्तार कर लिया गया.

फ़ारूक़ी को अदालत के समक्ष पेश किया गया था जहां से उसे दस दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.

आईआईटी गुवाहाटी के कैंपस स्थित छात्र के हॉस्टल में भी पुलिस ने तलाशी ली है.

दिल्ली के रहने वाले फ़ारूक़ी को भारतीय दंड संहिता और यूएपीए की धाराओं के तहत गिरफ़्तार किया गया है.

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