वर्ल्ड स्टार्ट अप कन्वेंशन: भारत में स्टार्ट अप कंपनियों का वो समारोह जो बन गया स्कैंडल

Hindi New Delhi

DMT : नई दिल्ली : (11 अप्रैल 2023) : –

मार्च में सैकड़ों नए उद्यमी नोएडा में जमा हुए थे. वो यहां तीन दिनों के एक सम्मेलन में हिस्सा लेने आए थे, जिसे ‘स्टार्ट-अप कंपनियों के लिए दुनिया का सबसे बड़ा फंडिंग कार्यक्रम’ कहकर प्रचारित किया गया था.

इस सम्मेलन (वर्ल्ड स्टार्ट-अप कन्वेंशन) में आए नई स्टार्ट-अप कंपनियों के संस्थापक, बड़े कारोबारियों से मिलने की उम्मीद में बहुत उत्साहित थे. उन्हें लग रहा था कि जब इन कारोबारियों के सामने उन्हें 15 मिनट तक अपनी कंपनी के बारे में बताने का मौक़ा मिलेगा, तो इससे वो अपनी कारोबार के विस्तार के लिए पूंजी जुटा सकेंगे.

साल 2021 और 2022 के ज़्यादातर वक़्त में भारत के स्टार्ट-अप इकोसिस्टम में पैसों की भरमार थी.

इन कंपनियों ने अपने कारोबार के लिए रिकॉर्ड मात्रा में पूंजी जुटाई थी, जिससे कई कंपनियां यूनिकॉर्न (जिनका बाज़ार मूल्य एक अरब डॉलर हो) बन गईं, और उनकी शुरुआत करने वाले उद्यमी रातों-रात करोड़पति बन गए.

लेकिन, दुनिया की अर्थव्यवस्था में आ रही सुस्ती को देखते हुए इन कंपनियों में पैसे लगाने वाले निवेशक ज़्यादा चौकस हो गए, और स्टार्ट-अप कंपनियों के लिए पूंजी जुटाना मुश्किल हो गया.

यही वजह थी कि नोएडा में हो रहे वर्ल्ड स्टार्ट-अप कन्वेंशन (WSC) को लेकर कुछ ज़्यादा ही उम्मीदें लगाई जा रही थीं. लेकिन, 24 मार्च को कार्यक्रम शुरू होने के कुछ घंटों के भीतर ही ये सम्मेलन अराजकता के गर्त में डूब गया.

बहुत से भागीदारों और कुछ प्रायोजकों ने आरोप लगाया कि उन्हें झूठे वादों के झांसे में फंसाया गया, और धोखा दिया गया. सम्मेलन के आयोजक इससे इनकार करते हैं. वो इस कन्वेंशन में खलल डालने का इल्ज़ाम कुछ उद्यमियों पर लगाते हैं.

वर्ल्ड स्टार्ट-अप कन्वेंशन के पहले दिन, सचिन चौहान और उनकी टीम बड़े जोश में कार्यक्रम स्थल पर पहुंची थी. सचिन चौहान, हरियाणा के एक उद्यमी हैं. उन्होंने फरवरी में सोशल मीडिया पर इस कार्यक्रम के विज्ञापन देखने के बाद यहां आने का टिकट ख़रीदा था.

वर्ल्ड स्टार्ट-अप कन्वेंशन की वेबसाइट के मुताबिक़, इस सम्मेलन के मुख्य अतिथियों में देश के बड़े राजनेता जैसे कि केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया भी शामिल थे.

कार्यक्रम के दूसरे मेहमानों में राज्यों के मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों के नाम भी दिए गए थे. ये सारे लोग सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के नेता थे. नितिन गडकरी के ट्विटर और इंस्टाग्राम पेज पर इस कार्यक्रम में उनके भाषण के बारे में भी ब्यौरा दिया गया था.

इस सम्मेलन के प्रचार के लिए जारी छोटे छोटे वीडियो में लोकप्रिय इन्फ्लुएंसर जैसे कि अंकुर वारिकू, प्रफुल्ल बिल्लोरे, राज शमानी और बेस्ट सेलिंग लेखक चेतन भगत को जगह दी गई थी.

WSC की प्रचार सामग्री में दावा किया गया था कि इस सम्मेलन में 1500 वेंचर कैपिटलिस्ट (जोखिम लेने वाले निवेशक), 9 हज़ार एंजेल इन्वेस्टर (शेयर के बदले कंपनी में निवेश करने वाले) और 75 हज़ार स्टार्ट-अप कंपनियों के भाग लेने की उम्मीद है.

इस कार्यक्रम को संभावित ग्राहकों से मुलाक़ात करने, नेटवर्किंग और सीधे निवेशकों को आकर्षिक करने के मंच के तौर पर प्रचारित किया गया था.

बाइक सर्विस और मरम्मत के ऐप अपना मेकैनिक के सह-संस्थापक सचिन चौहान ने इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बीस हज़ार रुपए के टिकट ख़रीदे थे, जिससे वो और उनके चार साथी इस कन्वेंशन में शामिल हो सकें.

सचिन चौहान, संभावित निवेशकों के लिए एक प्रेज़ेंटेशन लेकर नोएडा पहुंचे थे. हालांकि, उनका उत्साह ज़्यादा देर तक नहीं टिक सका.

सचिन चौहान ने बीबीसी को बताया कि, ‘घंटों बीत गए, मगर हमें कोई निवेशक नज़र नहीं आ रहा था.’

एक और स्टार्ट-अप कंपनी रिप्रॉक (Reproc) के संस्थापक भैरव जैन तमिलनाडु से हज़ारों किलोमीटर का सफ़र तय करके वर्ल्ड स्टार्ट-अप कन्वेंशन में शामिल होने आए थे.

भैरव जैन ने बताया कि, ‘सम्मेलन में स्टार्ट-अप कंपनियों के संस्थापकों की भीड़ उमड़ पड़ी थी. मुझे नहीं लगता कि उनमें से एक भी ऐस शख़्स था, जो निवेशक था.’

दोपहर डेढ़ बजे तक मुख्य अतिथि नितिन गडकरी का तयशुदा वर्चुअल भाषण स्थगित किया जा चुका था, और सम्मेलन में भाग लेने आए लोगों के बीच नाराज़गी की चिंगारी भड़क उठी थी.

बहुत से लोग स्टेज के इर्द-गिर्द जमा हो गए और आयोजकों से सवाल करने लगे.

सचिन चौहान बताते हैं कि, ‘लोग ये पूछ रहे थे कि आख़िर निवेशक कहां हैं? और, जल्दी ही वहां पर अराजकता फैल गई, क्योंकि आयोजकों के पास इन सवालों का कोई जवाब नहीं था.’

शाम ढलते ढलते, सचिन चौहान और भैरव जैन समेत 19 उद्यमियों ने आयोजकों पर लोगों का भरोसा तोड़ने और धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी थी.

वर्ल्ड स्टार्ट-अप कन्वेंशन का आयोजन क्यूओफाउंडर (Qufounder) प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी ने किया था, जिसके संस्थापक ल्यूक तलवार और अर्जुन चौधरी हैं. दोनों ने इन आरोपों को ग़लत बताते हुए बीबीसी से कहा कि, ‘खलल डालने वालों के एक समूह’ ने अपने ‘बीजेपी विरोधी एजेंडे’ के चलते पूरे आयोजन के रंग में भंग डाल दिया, जिससे आयोजक, पुलिस को बुलाने पर मजबूर हो गए.

इस मामले में मंत्रियों और बीजेपी ने कोई बयान जारी नहीं किया है.

आयोजक अर्जुन चौधरी कहते हैं कि नितिन गडकरी का भाषण इसलिए रद्द किया गया, क्योंकि इन लोगों ने कार्यक्रम में हो-हल्ला मचा दिया था. अर्जुन चौधरी ने दावा किया कि बाक़ी का सम्मेलन पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक़ हुआ, जिसके लिए पुलिस ने सुरक्षा मुहैया कराई थी.

अर्जुन चौधरी ने दावा किया कि, ‘कार्यक्रम में कई निवेशक आए थे. हां, ये ज़रूर हो सकता है कि उनकी तादाद कम रही हो.’

अर्जुन चौधरी के मुताबिक़, WSC में आए निवेशकों में देश में प्राइवेट सेक्टर का सबसे बड़ा बैंक, ICICI बैंक, निवेशक कंपनी यूनिकॉर्न इंडिया वेंचर्स, वित्तीय सेवा कंपनी बजाज फिनसर्व और सॉफ्टवेयर क्षेत्र में भारत के बड़े उद्योगपति अजीम प्रेमजी की निजी पूंजी कंपनी प्रेमजी इन्वेस्ट शामिल थे.

लेकिन, सचिन चौहान कहते हैं कि इस कार्यक्रम में ज़्यादातर स्टार्ट-अप कंपनियों के मालिक ही थे, जो मंच पर उन लोगों के सामने अपनी कंपनी के बारे में प्रेज़ेंटेशन दे रहे थे, जो ख़ुद स्टार्ट-अप कंपनियों के संस्थापक थे, और वहां पूंजी जुटाने के इरादे से आए थे. वो पूछते हैं कि, ‘आख़िर इस तमाशे का क्या मतलब है?’

कार्यक्रम से नाराज़ भागीदारों ने इस कन्वेंशन में अपने कड़वे अनुभव के बारे में सोशल मीडिया पर बहुत तल्ख़ पोस्ट लिखी हैं. और, उन्होंने गूगल पर भी इस कार्यक्रम को नेगेटिव रेटिंग देने वाले रिव्यू लिखे.

कई कंपनियों ने ये भी कहा कि उन्हें इस कार्यक्रम का प्रायोजक बनने के लिए धोखा दिया गया. सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स वाले इन्फ्लुएंसर अंकुर वारिकू और राज शमानी ने आरोप लगाया कि वर्ल्ड स्टार्ट-अप कन्वेंशन ने बिना उनकी इजाज़त के अपने प्रचार के लिए उनके वीडियो इस्तेमाल किए. हालांकि, आयोजक इस आरोप से इनकार करते हैं.

पुलिस का कहना है कि वो मामले की जांच कर रहे हैं. अब तक न तो किसी को गिरफ़्तार किया गया है, और न ही हिरासत में लिया गया है.

बैंगलुरू स्थित टिकाऊ पैकेजिंग करने वाले ब्रांड, बैंब्र्यू (Bambrew) के लिए तो ये कार्यक्रम बहुत ही ज़्यादा निराशाजनक रहा. बैंब्र्यू के संस्थापक कहते हैं कि उन्होंने सम्मेलन के प्रायोजक के तौर पर 45 हज़ार डॉलर की रक़म ख़र्च की थी.

बैंब्र्यू के संस्थाप वैभव अनंत कहते हैं कि, ‘हम जाल में फंस गए, और हमने न केवल प्रायोजक के तौर पर भारी रक़म ख़र्च की, बल्कि कार्यक्रम का सेट-अप लगाने और लोगों में बांटने के लिए नमूने तैयार करने में भी पैसे लगाए.’

वर्ल्ड स्टार्ट-अप कन्वेंशन की एक और प्रायोजक, सॉफ्टवेयर डेवेलपमेंट कंपनी Builder.ai कहती है कि वो इस सम्मेलन में हुई घटनाओं से ‘बेहद निराश’ है.

कंपनी के एक प्रवक्ता ने बताया कि, ‘जब हमने आयोजकों से संपर्क करके इस विवाद पर सफाई मांगी. उनसे गुज़ारिश की कि हमारे पैसे लौटा दें और इस कार्यक्रम और अपने चैनल से हमारा नाम और ब्रांड भी हटा दें’ तो उन्हें कोई जवाब नहीं मिला.

वर्ल्ड स्टार्ट-अप कन्वेंशन की वेबसाइट पर अभी भी Builder.ai का नाम और लोगो प्रमुखता से लगा हुआ दिखता है.

दूसरे प्रायोजकों ने भी इसी तरह की बातें ट्वीट की हैं.

हालांकि, सम्मेलन के आयोजकों ने प्रायोजकों और इन्फ्लुएंसर्स की नाराज़गी के लिए विरोध करने वाले उद्यमियों को ज़िम्मेदार ठहराया है.

अर्जुन चौधरी कहते हैं कि, इस घटना की मीडिया में बड़े पैमाने पर हुई कवरेज से ‘हमारी ज़िंदगियां बर्बाद हो गई हैं.’

कुछ प्रायोजकों और भाग लेने वाले कारोबारियों ने कहा कि उन्हें ये लगा था कि इस स्टार्ट-अप सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई और ट्विटर के मालिक एलन मस्क जैसी बड़ी हस्तियां शिरकत करेंगी.

लेकिन, आयोजक कहते हैं कि इन लोगों की तस्वीरें जनवरी महीने में होने वाले एक और कार्यक्रम के लिए इस्तेमाल की गई थीं, जो किसी वजह से नहीं हो सका.

वकील रघुमन्यु तनेजा, लोगों से नेटवर्किंग बढ़ाने की उम्मीद में वर्ल्ड स्टार्ट-अप कन्वेंशन में शामिल हुए थे.

अब वो उन लोगों के वकील बन गए हैं, जिन्होंने पुलिस से शिकायत की है. रघुमन्यु कहते हैं कि इस कार्यक्रम में उनका भरोसा अंकुर वारिकू जैसे इन्फ्लुएंसर की तस्वीरें देखकर जगा था.

रघुमन्यु ने बीबीसी को बताया कि भारत में प्रचार के नियमों के तहत अब इन लोगों पर जुर्माना लग सकता है.

हालांकि, अंकुर वारिकू इस आरोप से इनकार करते हैं. उन्होंने हमें एक मैसेज भेजकर जवाब दिया कि, ‘जो लोग इस कार्यक्रम के बारे में लिख रहे हैं, मैं उनमें से हर एक को निजी तौर पर जवाब दे रहा हूं. और, मीडिया से भी मैं अपनी औपचारिक प्रतिक्रिया साझा कर रहा हूं.’

उद्यमियों की तरफ़ से पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत में आयोजकों पर 1.2 करोड़ डॉलर का घोटाला करने का आरोप लगाया गया है. शिकायत करने वालों ने इतनी बड़ी रक़म का अंदाज़ा, कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों और स्टार्ट-अप कंपनियों की संख्या देखकर लगाया है.

लेकिन, आयोजकों में से एक अर्जुन चौधरी कहते हैं कि, वर्ल्ड स्टार्ट-अप कन्वेंशन से हुई कुल आमदनी, इस रक़म का एक मामूली सा हिस्सा भर है.

अर्जुन चौधरी सवाल उठाते हैं कि, ‘अगर ये वाक़ई कोई घोटाला था, तो हम ऐसा कार्यक्रम करते ही क्यों, जिसमें कुछ घंटों के भीतर लोगों को इस घोटाले की ख़बर हो जानी थी? ऐसे में, मुझे ये सारी रक़म लेकर भाग नहीं जाना चाहिए था?’

ल्यूक तलवार के मुताबिक़, इस सम्मेलन में कुल मिलाकर लगभग चार हज़ार लोगों ने शिरकत की. वर्ल्ड स्टार्ट-अप कन्वेंशन ने अपनी वेबसाइट पर इस कार्यक्रम की तारीफ़ करने वालों की बातें साझा की हैं. उन्होंने इन लोगों की लिखी बातें बीबीसी को भी दिखाईं. हालांकि, इनमें से किसी ने भी ये नहीं बताया था कि वो इस सम्मेलन से आख़िर कितनी रक़म जुटाने में कामयाब रहे थे.

शिकायत करने वाले कहते हैं कि वो एक व्हाट्सऐप ग्रुप में अपने अगले क़दम की योजना बना रहे हैं. वहीं, वर्ल्ड स्टार्ट-अप कन्वेंशन के आयोजक कहते हैं कि वो इन लोगों के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रहे हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *