सुखपाल सिंह खैरा: कांग्रेस विधायक जिन्हें पंजाब पुलिस ने ड्रग्स के पुराने केस में किया गिरफ़्तार

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DMT : चंडीगढ़  : (28 सितंबर 2023) : –

पंजाब पुलिस ने आठ साल पुराने मामले में कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा को गुरुवार को गिरफ़्तार किया है. ये मामला ड्रग्स से जुड़ा है.

खैरा के ख़िलाफ़ साल 2015 में फाजिल्का ज़िले में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था.

जलालाबाद पुलिस डीएसपी अछरू राम के नेतृत्व में एक टीम ने खैरा को गुरुवार तड़के छह बजे चंडीगढ़ के सेक्टर-5 स्थित उनके आवास से गिरफ़्तार किया. जब पुलिस पहुंची तो सुखपाल सिंह खैरा के बेटे ने पूरी गिरफ़्तारी को फ़ेसबुक पर लाइव कर दिया.

खैरा को दूसरी बार गिरफ़्तार किया गया है. इससे पहले उन्हें 2021 में ड्रग्स से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने गिरफ़्तार किया था. इस मामले में उन्हें 2022 में उन्हें ज़मानत मिल गई.

खैरा के बेटे एडवोकेट महताब सिंह खैरा ने अपने पिता के फेसबुक अकाउंट से लाइव करते हुए एक पोस्ट डाला. इसमें उन्होंने लिखा कि “मेरे पिता सुखपाल सिंह खैरा को पंजाब के मुख्यमंत्री के आदेश पर आठ साल पुराने ड्रग्स मामले में पंजाब पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है. यह वही मामला है जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था.”

इस वीडियो में गिरफ्तारी के बारे में पूछे जाने पर डीएसपी अछरू राम ने खैरा को बताया कि ड्रग्स मामले में एक एसएसपी और दो एसपी समेत एक डीआइजी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में विशेष जांच टीम का गठन किया गया है.

मीडिया से बात करते हुए सुखपाल खैरा ने कहा, “सिर्फ़ एक कॉल के आधार पर साल 2015 में एनडीपीएस जैसे कड़े क़ानून के तहत मेरे ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया था. मैं आम आदमी पार्टी की ओर से विधानसभा में विपक्ष का नेता था. भगवंत मान मेरे साथ बैठता था. वो मेरा समर्थन करता था.”

“आम आदमी पार्टी के लोग कहते थे कि ये एफ़आईआर झूठी है. अब उसी एफ़आईआर में उन्हें मैं दोषी लग रहा हूँ. इस वक्त पंजाब में गुडों का राज है. मुझे इस बात का दुख है क्योंकि पंजाब पुलिस का काम ये नहीं है इन्हें संविधान के बल पर तनख़्वाह मिलती है. इनको किसी भगवंत मान का पक्षधर नहीं बनना चाहिए.”

“भगवंत सुन लें आप भी, राज हमेशा नहीं रहता. सत्ता परिवर्तन होगा.”

उन्होंने कहा, “यह पूरी तरह से बदला है. एक तरफ, केजरीवाल और मान ने दिल्ली में हमारे नेतृत्व पर इंडिया गठबंधन में शामिल होने के लिए दबाव डाला और यहां पंजाब में उन्होंने कांग्रेस को हाशिये पर डालने की चाल चली.”

उन्होंने कहा कि “जब मुझे इसी मामले में 2017 में तलब किया गया था, तो सुप्रीम कोर्ट और पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ ने मेरे पक्ष में फैसला सुनाया और फाजिल्का अदालत के समन पर रोक लगा दी.”

आम आदमी पार्टी ने क्या कहा

आम आदमी पार्टी के नेता और प्रवक्ता मलविंदर कंग ने कहा कि “पंजाब सरकार ड्रग्स के मामले में किसी के साथ ढिलाई नहीं बरतेगी.”

उन्होंने दावा किया कि “सीधे तौर पर सुखपाल खैरा का नाम आ रहा है. वो मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं और उनके सीमा पार संबंध हैं. उनके साथ के लोग पहले ही दोषी साबित हो चुके हैं.”

कंग ने कहा, “अगर राजनीतिक बदला लेना ही होता तो मान साब की सरकार डेढ़ साल से सत्ता में है, उन्होंने पहले ऐसा नहीं किया होता.”

उन्होंने दावा किया कि “साल 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बरी नहीं किया. बल्कि कहा कि ड्रग तस्करी के अभियुक्त सुखपाल सिंह खैरा के ख़िलाफ़ जांच और कार्रवाई जारी रह सकती है.”

कौन हैं सुखपाल खैरा

सुखपाल सिंह खैरा पहले कांग्रेस पार्टी का हिस्सा थे और 2007 में विधायक चुने गए.

फिर साल 2015 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए. वह आम आदमी पार्टी में विपक्ष के नेता भी रहे.

2019 में आम आदमी पार्टी को अलविदा कहने के बाद खैरा ने पंजाब एकता पार्टी नाम से अपनी राजनीतिक पार्टी बनाई.

खैरा ने 2019 में बठिंडा से हरसिमरत कौर बादल के ख़िलाफ़ लोकसभा चुनाव भी लड़ा था.

जून 2021 में खैरा फिर से कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए.

यह मामला ड्रग्स से जुड़ा है और इस संबंध में मार्च 2015 में जलालाबाद सदर थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी.

इस मामले में 31 अक्टूबर 2017 को फाजिल्का कोर्ट ने 9 लोगों को दोषी करार दिया था.

पुलिस ने अभियुक्तों के पास से दो किलो हेरोइन, 24 सोने के बिस्कुट, एक देशी पिस्तौल और दो पाकिस्तानी सिम कार्ड बरामद किए.

पंजाब पुलिस की विशेष जांच में कुछ अभियुक्तों से पूछताछ के दौरान कथित तौर पर सुखपाल सिंह खैरा का नाम सामने आया था.

इसी मामले में फाजिल्का कोर्ट ने 30 नवंबर 2017 को खैरा को अभियुक्त के तौर पर तलब किया था.

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने 2015 के ड्रग्स बरामदगी मामले में खैरा के ख़िलाफ़ समन जारी करने के फाजिल्का कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया था.

पुलिस इनमें से एक अभियुक्त के साथ खैरा के संबंधों की जांच कर रही है.

सुखपाल ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जहां उन्हें राहत नहीं मिली.

इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और कानून के एक बिंदु पर खंडपीठ ने मामले को संविधान पीठ के पास भेज दिया.

जहां संवैधानिक पीठ के आदेशों के अनुसार खैरा के ख़िलाफ़ जारी समन के आदेश रद्द कर दिए गए.

कांग्रेस का आरोप

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने ट्वीट किया, “पंजाब कांग्रेस विधायक सरदार सुखपाल सिंह खैरा की गिरफ्तारी सिर्फ राजनीतिक प्रतिशोध है.”

“यह विपक्ष को डराने की कोशिश है और आम आदमी पार्टी सरकार को उसके मूल मुद्दों से भटकाने की चाल है. हम सुखपाल खैरा के साथ मजबूती से खड़े हैं और इस लड़ाई को अंजाम तक ज़रूर पहुंचाएंगे.”

इस गिरफ्तारी पर पंजाब कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.

सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर उन्होंने लिखा, “वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुखपाल खैरा की गिरफ्तारी निंदनीय है. पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार बदले की राजनीति में अब तक के सबसे निचले स्तर पर है.”

उन्होंने कहा कि खैरा ने भगवंत मान सरकार के ग़लत कामों और अनियमितताओं के ख़िलाफ़ हमेशा खुलकर बोला है.

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