DMT : सासाराम : (02 अप्रैल 2023) : –
बिहार के सासाराम और बिहार शरीफ़ में रामनवमी के जुलूस के बाद हुई हिंसा को लेकर बिहार के पुलिस प्रमुख आरएस भट्टी ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस करके कहा है कि इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हुई है और हालात नियंत्रण में है.
उन्होंने कहा कि हिंसा के आरोप में कुल 109 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है, उपद्रवियों की लगातार पहचान की जा रही है और किसी भी असामाजिक तत्व को बख़्शा नहीं जाएगा, क़ानून की पूरी ताक़त के साथ उनसे निपटा जाएगा.
डीजीपी ने कहा कि राज्य की अमन शांति को भंग करने का यह निश्चित तौर पर एक प्रयास था जिसको पुलिस और ज़िला प्रशासन ने विफल किया है और पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है.
वहीं राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हिंसा के बाद एक उच्च स्तरीय बैठक की है. उन्होंने उच्च अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अफ़वाह फैलाने वालों पर नज़र रखी जाए.
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने एक मृत व्यक्ति के परिजनों को 5 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है.
रामनवमी के मौक़े पर बिहार में दो जगहों पर हुई हिंसा के बाद पुलिस प्रशासन अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है.
नालंदा में हिंसा फैलाने के आरोप में शनिवार रात तक़रीबन 80 लोगों की गिरफ़्तारी भी हुई है. पुलिस का कहना है कि हालात तनवापूर्ण लेकिन नियंत्रण में हैं.
सासाराम में भी पुलिस ने 25 से अधिक लोगों को गिरफ़्तार किया है और सुरक्षाबलों ने फ्लैग मार्च किया है.
पटना में बीबीसी संवाददाता चंदन कुमार जजवाड़े के मुताबिक, शनिवार की रात नालंदा ज़िले के बिहार शरीफ़ में कई जगहों पर गोलीबारी और हिंसा हुई है.
बीबीसी संवाददाता के मुताबिक, नालंदा के पुलिस अधीक्षक अशोक मिश्रा ने कहा है कि अभी हालात नियंत्रण में हैं, रात में कई जगहों पर हिंसा की घटना हुई है. पुलिस ने उन जगहों पर पहुंचकर हालात को काब़ू किया है.
अशोक मिश्रा के मुताबिक़ अभी फिलहाल बिहार शरीफ़ में बीएसएफ़ की चार कंपनियां तैनात की गई हैं, जबकि पैरामिलिट्री की दो कंपनियां भी तैनात की गई हैं.
नालंदा के ज़िलाधिकारी शशांक शुभंकर के मुताबिक़ इस हिंसा में घायल एक व्यक्ति को इलाज के लिए पटना रेफ़र किया गया था जिसकी मौत हो गई है.
इस बीच ज़िला प्रशासन ने शहर के सभी 51 वार्ड की बैठक भी बुलाई है ताकि शांति व्यवस्था बहाल की जा सके. नालंदा डीएम के मुताबिक़ बिहार शरीफ़ में फ़िलहाल हालात नियंत्रण में हैं.
वहीं सासाराम में हिंसा के डर से लोगों के पलायन की ख़बर को पुलिस ने पूरी तरह से अफ़वाह बताया है.
पुलिस ने दावा किया है कि सासाराम में हालात पूरी तरह से काबू में हैं लोगों को अफ़वाह पर ध्यान नहीं देना चाहिए.
सासाराम में भी रामनवमी के मौक़े पर हिंसा और दो समुदायों के बीच पत्थरबाज़ी हुई थी.
यहां रविवार यानी 2 अप्रैल को गृह मंत्री अमित शाह की जनसभा होनी थी जिसे रद्द कर दिया गया.
बीजेपी ने आरोप लगाया है कि अमित शाह की रैली के डर से यहां धारा 144 लगाई गई है. वहीं, रोहतास के ज़िलाधिकारी ने बीबीसी को बताया था कि ज़िले में कहीं भी धारा 144 नहीं लगाई गई है.
बीजेपी के मंत्री नित्यानंद राय ने गिरिराज सिंह का ट्वीट साझा करते हुए कहा कि सासाराम में प्रशासनिक अधिकारी माइक पर ऐलान कर रहे हैं जबकि बिहार सरकार कह रही है कि ऐसा नहीं है.
सासाराम में हुई एक विस्फोट की घटना पर ज़िलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “रात 8-8:30 बजे सूचना मिली थी कि एक समुदाय के लोगों द्वारा एक समुदाय के धार्मिक स्थल पर विस्फोटक फेंका गया, जिसमें 6 लोग घायल हुए.”
“जांच में पता चला कि बगल के कमरे में रखे विस्फोटक को ग़लत तरह से रखा था. एफएसएल की टीम ने भी इसकी सत्यता की जांच की है. हमने फोर्स तैनात की है. लोग अफवाहों पर ध्यान न दें.”
रोहतास के एसपी विनीत कुमार ने बताया, “हमने अब तक करीब 32 लोगों को गिरफ़्तार किया है. हम टीम बनाकर छापेमारी कर रहे हैं.”
“हम वायरल वीडियो, सीसीटीवी फुटेज का सत्यापन करते हुए गिरफ़्तारियां कर रहे हैं. दंगाइयों के ख़िलाफ़ कठोर कार्रवाई करेंगे. संवेदनशील जगहों पर फोर्स तैनात की है. विश्वास बहाली के लिए फ्लैग मार्च किया जा रहा है.”
अमित शाह ने नवादा की रैली में क्या कहा?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार दोपहर नवादा रैली में नीतीश कुमार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ‘दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारण मैं सासाराम नहीं जा सका. वहां लोग मारे जा रहे हैं, गोलियां चल रही हैं. मैं अपने अगले दौरे में वहां ज़रूर जाऊंगा.’
उन्होंने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार शरीफ़ और सासाराम में आग लगी हुई है, “मैंने सुबह गवर्नर साहब को फोन किया तो लल्लन सिंह जी बुरा मान गए कि आप क्यों बिहार की चिंता करते हो?”
उन्होंने कहा कि ‘दंगा मुक्त बिहार बनाना है तो यहां की चालीस की चालीस सीटें मोदी को दीजिए हम दंगाइयों को सज़ा देंगे.’
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार सरकार के आग्रह के बाद अतिरिक्त अर्धसैनिक बल भेजे जाएंगे. माना जा रहा है कि गवर्नर ने अमित शाह को राज्य की स्थिति से अवगत कराया है.
सासाराम में ज़िला प्रशासन शुक्रवार दोपहर को हुई हिंसा के बाद निषेधाज्ञा लागू कर दी थी. गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को अपना सासाराम दौरा रद्द कर दिया था.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार सरकार को सासाराम का कार्यक्रम रद्द करने के लिए ज़िम्मेदार ठहराया.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, “जब कोई केंद्रीय मंत्री आता है तो राज्य सरकार उसकी सुरक्षा का बंदोबस्त करती है. वे क्यों आ रहे थे और अब क्यों नहीं आ रहे हैं, इस बारे में हमें कुछ नहीं पता.”
गिरिराज सिंह बोले- बंगाल की राह पर बिहार
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार अब बंगाल के रास्ते पर चल पड़ा है. उन्होंने कहा कि जैसे बंगाल में हिंदुओं में डर का माहौल है, पलायन हो रहा है, वैसा ही अब बिहार में हो रहा है.
गिरिराज सिंह ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री को ये नहीं पता था कि राम नवमी के जुलूस पर पथराव करने की तैयारी पहले से की जा रही है तो वो किस बात के मुख्यमंत्री हैं, उन्हें इस्तीफ़ा दे देना चाहिए.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मुख्यमंत्री जी आप कह दें कि आप सिर्फ़ मुसलमानों के मुख्यमंत्री हैं, आप कह दें कि हिंदू नालंदा छोड़ दें. वहां आपको वोट देने वाले हिंदू भी हैं. सासाराम में रात में भी ब्लास्ट हुआ है. आख़िर पुलिस क्या कर रही है.”
नालंदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जनपद है.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, गिरिराज सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार की प्रशासन पर पकड़ नहीं है, इसलिए अगर वे नालंदा नहीं बचा पाए, वहां के हिंदुओं को नहीं बचा पाए तो क्या नालंदा के हिंदू सब छोड़कर भाग जाएं? उन्होंने कहा कि अगर रामनवमी नालंदा में न मने तो क्या पाकिस्तान, बांग्लादेश, मलेशिया में मने?
हिंसा फैलाने वालों पर कार्रवाई की मांग
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हिंसा फैलाने वालों को जेल भेजने का आग्रह किया है. उन्होंने तेजस्वी यादव को टैग भी किया है.
इस वीडियो में नालंदा में हुए उपद्रव में घायल सुल्तान अंसारी का इंटरव्यू है जिसमें वो कह रहे हैं कि हिंसा कैसे फैली ये किसी को नहीं पता.
अंसारी के मुताबिक़, शहर की शांति कमेटी के वे वरिष्ठ सदस्य हैं और हिंसा को रोकने की भरसक कोशिश की गई लेकिन शांति कमेटी के सदस्यों की बुरी तरह पिटाई की गई और उनकी जान जाते जाते बची है.