अनंतनाग में एनकाउंटर क्यों नहीं ख़त्म हो पा रहा है ?

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DMT : अनंतनाग  : (17 सितंबर 2023) : – भारत प्रशासित कश्मीर के अनंतनाग में बीते पांच दिनों से भारतीय सेना और चरमपंथियों के बीच एनकाउंटर जारी है. इस एनकाउंटर में सेना के कर्नल, मेजर और पुलिस के डीएसपी समेत चार लोगों की मौत हो चुकी है.

नॉर्दर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शनिवार को ‘काउंटर टेरर’ ऑपरेशन की समीक्षा की.

स्थानीय कमांडरों ने इस ऑपरेशन के सभी पहलुओं से जनरल द्विवेदी को अवगत कराया.

सेना लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हुए बताये जा रहे चरमपंथियों को ख़त्म करने के लिए हाई टेक ड्रोन और अन्य सर्विलांस तकनीकों का भी इस्तेमाल कर रही है.

भारतीय सेना की नॉर्दर्न कमांड ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी ये जानकारी दी है. एनकाउंटर स्थल के पास लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी की अधिकारियों के साथ जायज़ा लेते हुए तस्वीरें पोस्ट की गई हैं.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने अख़बार से कहा है, “ऑपरेशन अंतिम स्टेज में है और जल्द ही सकारात्मक ख़बर मिलेगी.”

इलाक़े में भारी बारिश के बीच शनिवार को भी ये अभियान जारी रहा.

एंटी टेरर स्क्वॉड ने चरमपंथियों के छिपने के ठिकाने पर कई तरह के हथियारों से हमला किया. इनमें कार्ल-गुस्ताफ़ एम4 वेपन सिस्टम भी शामिल है. इसके अलावा अंडर बेरल-ग्रेनेड लांचर भी इस्तेमाल किए गए.

इस एनकाउंटर में घायल दो सैनिक अस्पताल में भर्ती हैं, एक की टांग में गोली लगी है जबकि दूसरा चढ़ाई करते हुए गिर गया था.

पुलिस को शक है कि घिरे हुए चरमपंथियों में से एक उज़ैर ख़ान है, जो इस इलाक़े से अच्छी तरह से वाक़िफ़ है. माना जाता है कि उज़ैर एक साल पहले ही लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हुआ है और बहुत जल्द ही कमांडर बन गया.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक़ इस ऑपरेशन में सेना के विशेषज्ञ जवानों को भी तैनात किया गया है. इनमें स्पेशल फ़ोर्सेज़, जम्मू-कश्मीर पुलिस की काउंट टेरर यूनिट के विशेषज्ञ भी शामिल हैं.

सेना और पुलिस ने चरमपंथियों के छिपे होने के बारे में जानकारी मिलने पर मंगलवार को साझा अभियान शुरू किया था.

भारतीय सेना के जवानों को मुश्किल चढ़ाई करके आगे बढ़ना पड़ रहा है. इसके एक तरफ़ घना जंगल है और दूसरी तरफ़ गहरी खाई.

लगातार हो रही बारिश की वजह से रास्ते पर फिसलन है और विज़िबिलिटी भी कम है. बारिश की वजह से सेना के ड्रोन भी सटीक जानकारी नहीं जुटा पा रहे हैं.

‘इसमें राष्ट्र के प्रति कर्तव्य, राजा के प्रति कर्तव्य, राजा का जनता के प्रति कर्तव्य, अपने परिजनों और गुरुओं के प्रति कर्तव्य, ग़रीबों की देखभाल जैसी चीज़ें भी शामिल हैं. क्या इन सभी कर्तव्यों को भी नष्ट कर देना चाहिए?’

शुक्रवार को मद्रास हाई कोर्ट के एक जज ने देश में सनातन धर्म पर चल रही बहस का संज्ञान लेते हुए ये टिप्पणी की है.

जस्टिस एन सेषसायी ने लिखा कि वह ‘सनातन धर्म के समर्थन और विरोधी पर बहुत मुखर और कभी-कभी शोर-शराबे वाली बहसों के प्रति सचेत थे. और इसलिए, जो कुछ भी हो रहा था उसके लिए वास्तविक चिंता के कारण एक न्यायिक आदेश में इस पर विचार करने के अलावा कुछ नहीं कर सके.’

उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में जिन कर्तव्यों का वर्णन है उन्हें किसी एक साहित्य से नहीं जोड़ा जा सकता क्योंकि ये हिंदू धर्म से जुड़े अलग-अलग स्रोतों से लिए गए हैं.

सनातन धर्म को नष्ट करने के विचार का समर्थन करने वालों से कई प्रश्न पूछते हुए जज ने कहा, “क्या एक नागरिक को अपने देश को प्रेम नहीं करना चाहिए? क्या राष्ट्र की सेवा करना उसका कर्तव्य नहीं है? क्या परिजनों की सेवा नहीं की जानी चाहिए?”

उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि ‘कहीं न कहीं इस विचार को बल मिला है कि सनातन धर्म सिर्फ़ और सिर्फ़ जातिवाद और अस्पृश्यता को बढ़ावा देने के बारे में ही है.’

जस्टिस सेषसायी ने कहा कि ‘बराबर नागरिक अधिकारों वाले देश में छुआछूत को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता, भले ही इसे सनातन धर्म के सिद्धांतों में कहीं मान्यता मिली हुई हो. फिर भी इसके लिए कोई जगह नहीं है क्योंकि भारत के संविधान के अनुच्छेद 17 के मुताबिक़ छुआछूत को समाप्त कर दिया गया है.’

उन्होंने ये भी कहा कि संविधान का अनुच्छेद 51ए(ए) भारत के हर नागरिक पर भारत के संविधान का पालन करने और उसके आदर्शों और संस्थानों का सम्मान करने का मौलिक कर्तव्य भी लागू करता है.

उन्होंने टिप्पणी की, “इसलिए, छुआछूत, सनतन धर्म के भीतर या बाहर, संवैधानिक नहीं हो सकती, हालांकि, दुख की बात है कि यह अभी भी मौजूद है.”

हाल ही में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सीएन अन्नादुराई के जन्मदिन के मौके पर तिरुवारूर के एक सरकारी कॉलेज के प्रिंसिपल ने छात्रों से सनातन धर्म के ख़िलाफ़ विचार प्रकट करने के लिए कहा था. इसके ख़िलाफ़ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जज ने ये टिप्पणी की है.

हिंदू मुन्नानी नाम के एक संगठन के प्रवक्ता टी इनलगोवान ने याचिका दायर कर प्रिसिंपल के इस आदेश को असंवैधानिक क़रार देने की मांग की थी.

भोपाल में होने वाली ‘इंडिया’ गठबंधन की रैली रद्द- कमलनाथ

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ के मुताबिक़ मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रस्तावित ‘इंडिया’ गठबंधन की रैली रद्द हो गई है.

राज्य में जनाक्रोश यात्राओं की घोषणा करते हुए कमलनाथ पत्रकारों से बात कर रहे थे.

वहीं कांग्रेस के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि अब ये रैली कहां और कब होगी, इसे लेकर निर्णय नहीं लिया गया है.

वहीं रैली के रद्द होने पर प्रतिक्रिया देते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि विपक्षी दलों ने ये फ़ैसला इसलिए लिया है क्योंकि लोग सनातन धर्म के अपमान को लेकर उनसे नाराज़ हैं.

शिवराज सिंह चौहान ने ये टिप्पणी डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म पर दिए बयान के संबंध में की है.

चौहान ने कहा, “लोगों में आक्रोश है, सनातन धर्म का अपमान किया गया है और उसे डेंगू मलेरिया कहा गया है. मध्य प्रदेश के लोग इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. इंडिया गठबंधन को ये समझना पड़ेगा कि उन्होंने हमारी भावनाओं को ठेस पहुंचाई है और इसे किसी भी क़ीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मध्य प्रदेश में लोग ग़ुस्से में हैं और वो (विपक्ष) डरे हुए हैं, इसलिए ही उन्होंने रैली को रद्द कर दिया है.”

वहीं कमलनाथ ने सनातन धर्म विवाद पर बोलते हुए कहा, “भारत सनातन धर्म का देश है. बीजेपी सनातन धर्म विवाद की बात करके लोगों का ध्यान मूल मुद्दों से भटकाने की कोशिश क्यों कर रही है. 2019 का चुनाव याद है, राष्ट्रवाद, सर्जिकल स्ट्राइक याद है. कैसे उन लोगों ने ध्यान बंटा दिया था और चुनाव का एजेंडा बदल दिया था. ऐसा लगता है जैसे उन्होंने धर्म का ठेका ले लिया हो.”

भारत सरकार ने 2 सितंबर को लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं, नगर निगमों और पंचायतों के लिए एक साथ चुनाव कराने की समीक्षा करने और प्रस्ताव देने के लिए एक आठ सदस्यीय समिति को अधिसूचित किया था.

शनिवार को पूर्व राष्ट्रपति कोविंद ने पत्रकारों से कहा, पहली बैठक 23 सितंबर को होगी.

ये बैठक दिल्ली में जोधपुर ऑफ़िसर्स हॉस्टल में होगी. इस पेनल में शामिल किए गए विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी पहले ही पेनल का हिस्सा होने से इनकार कर चुके हैं.

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