DMT : संगरूर/बठिंडा : (17 अक्टूबर 2023) : – पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज मानसा के गांव कोटली कलां के अग्निवीर अमृतपाल सिंह और संगरूर जिले के गांव छाजली के अग्निवीर परविंदर सिंह के परिवारों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने अग्निवीरों के परिवारों से अपना दुख साझा किया और एक-एक करोड़ रुपये के चेक सौंपे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार अमृतपाल सिंह को शहीद का दर्जा देगी और अमृतपाल को शहीद का दर्जा देने का मामला रक्षा मंत्री और गृह मंत्रालय के समक्ष उठाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह अग्निवीर योजना का विरोध करते हैं। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान पहले गांव छाजली में शहीद अग्निवीर परविंदर सिंह के घर पहुंचे। उन्होंने शहीद जवान परविंदर के परिवार से मुलाकात कर दुख सांझा किया। उन्होंने परिवार को एक करोड़ की राशि का चेक सौंपा और ऐलान किया कि शहीद परविंदर की पत्नी को सरकारी नौकरी दी जायेगी के अलावा गांव छाजली में परविंदर सिंह का बुत स्थापित किया जाएगा। बता दें कि पिछले दिनों परविंदर सिंह ट्रेनिंग हादसे में शहीद हो गये थे। जानकारी के अनुसार शहीद परविंदर की पत्नी बीएड पास है।
सेना का बयान जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आगे कहा कि सेना का बयान जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है। सेना में भर्ती होने वाला कभी आत्महत्या नहीं करता और अग्निवीर अमृतपाल को शहीद कहा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अमृतपाल के पिता को यह भी नहीं पता था कि अग्निवीर क्या होता है, उनका बेटा उनके साथ ही सेना में भर्ती हुआ था। सेना ने उन्हें वही वर्दी और वही हथियार दिए हैं जो दूसरे जवानों को दिए जाते हैं, फिर शहादत के वक्त उन्हें फर्क क्यों पड़ता है। मुख्यमंत्री मान ने कहा कि पंजाब सरकार ने पुलिस को अमृतपाल सिंह को गार्ड ऑफ ऑनर देने का आदेश दिया था और पुलिस ने सलामी भी दी है। मुख्यमंत्री मान ने कहा कि परिवार की ओर से मांग की गई थी कि उनके बेटे परविंदर सिंह का बुत गांव में लगाया जाए ताकि उसकी यादगार सदा बनी रहे। उन्होंने कहा कि अगर फौज नौकरी देती है तो ठीक है, नहीं तो सरकार शहीद की पत्नी को नौकरी देगी। मुख्यमंत्री मान ने संगरूर डी.सी. को आदेश दिया है कि अगर परिवार को कोई जरूरत है तो उन्हें कोई परेशानी नहीं आनी चाहिए।
भगवंत मान ने कहा कि अमृतपाल सिंह को देश के लिए दिए योगदान का सम्मान करते हुए राज्य सरकार उन्हें शहीद का दर्जा देगी। सीएम ने परिवार से मुलाकात के बाद केंद्र सरकार व आर्मी को इस घटना को आत्महत्या कहने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि ऐसा कह कर अग्निवीर व युवाओं का हौसला न तोड़ें।