अमित शाह अविश्वास प्रस्ताव पर बहस में मणिपुर, कश्मीर और पाकिस्तान पर क्या बोले

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DMT : नई दिल्ली : (09 अगस्त 2023) : –

लोकसभा में बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का दूसरा दिन है और इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी भाग लिया है.

संसद में दिन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुरू की थी.

राहुल गांधी ने मणिपुर का हवाला देते हुए कहा था कि ‘पीएम मोदी और बीजेपी ने हिंदुस्तान की हत्या की है.’

उनका भाषण ख़त्म होने के बाद इसका जवाब देने केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी आईं. उन्होंने सिख दंगों और कश्मीरी पंडितों के पलायन का मुद्दा उठाते हुए राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाए.

स्मृति इरानी ने राहुल गांधी पर आपत्तिजनक इशारा करने का भी आरोप लगाया. लोकसभा में शाम पांच बजे गृह मंत्री अमित शाह ने अपना भाषण शुरू किया उन्होंने मोदी सरकार के कामकाज को गिनाया.

अमित शाह ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव विपक्ष राजनीतिक उद्देश्य के कारण लाया है जबकि जनता को मोदी सरकार पर विश्वास है.

उन्होंने कहा कि ये अविश्वास प्रस्ताव ऐसा है जिसमें न सदन को अविश्वास है न जनता को अविश्वास है

“इसका उद्देश्य जनता में भ्रांति पैदा करने का उद्देश्य है. मैं उनसे सिर्फ़ इतना ही कहना चाहता हूं कि जो ये प्रस्ताव लेकर आए हो उसमें सरकार के विरोध में कुछ मुद्दे तो रख देते. मैं पूरे भाषण सुनने के बाद इस नतीजे पर पहुंचा हूं कि ये भ्रांति पैदा करने के लिए है क्योंकि अल्पमत का सवाल ही नहीं है.”

“जनता में विश्वास है कि देश के 60 करोड़ ग़रीबों को एक प्रधानमंत्री या सरकार ने किया है तो वो नरेंद्र मोदी की सरकार है. मैं भी देश भर में जाता हूं, जनता से संवाद करता हूं और मुझे देश में अविश्वास की झलक भी नहीं मिली.”

गृह मंत्री ने और क्या कुछ कहा

  • आज़ादी के बाद जनता में किसी सरकार में विश्वास है तो वो यह सरकार है. लगातार दो-दो बार दो तिहाई बहुमत से चुना गया. तीस साल के बाद पहली बार पूर्ण बहुमत की स्थिर सरकार देने का काम जनता ने दो बार किया.
  • ये प्रधानमंत्री ऐसे हैं जो आज़ादी के बाद सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री हैं. ये मैं नहीं कहता बल्कि ये सर्वे कहता है. आज़ादी के बाद कोई छुट्टी लिए बग़ैर कोई प्रधानमंत्री है तो वो नरेंद्र मोदी हैं. आज़ादी के बाद सबसे अधिक किलोमीटर और सबसे अधिक प्रवास करने वाले प्रधानमंत्री हैं तो वो नरेंद्र मोदी हैं.
  • कांग्रेस की सरकार 35 सालों तक चली और कोई सरकार एक या दो फ़ैसले के लिए याद की जाती है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने नौ सालों में 50 से अधिक ऐसे फ़ैसले किए थे जिन्हें याद रखा जाएगा.
  • नरेंद्र मोदी जी ने भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टीकरण को मिटाया, लेकिन परिवारवाद और तुष्टीकरण अभी भी दिखता है इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नारा दिया है, भ्रष्टाचार क्विट इंडिया, परिवारवाद क्विट इंडिया और तुष्टीकरण क्विट इंडिया.
  • अविश्वास का प्रस्ताव संवैधानिक प्रक्रिया है, उस पर मुझे कोई आपत्ति नहीं है. कई बार अविश्वास प्रस्ताव से गठबंधन के चरित्र उजागर होते हैं.
  • नरेंद्र मोदी जी ने ग़रीबी को लेकर कोई वादे नहीं किए क्योंकि उनके सीने में ग़रीब को लेकर दंश था. मोदी जी ने ग़रीब लोगों के घर में गैस का सिलेंडर भेजा और उनकी झोपड़ी को धुएं से मुक्त करने का काम किया.
  • लोगों के घरों में शौचालय नहीं था लेकिन ग़रीब का दर्द 55 सालों तक इन्होंने (विपक्ष) नहीं जाना लेकिन मोदी जी ने इस दर्द को समझा और 9 साल के अंदर घरों में शौचालय की व्यवस्था की.
  • 2004 से 2014 तक यूपीए ने 70 हज़ार करोड़ रुपये का किसानों का क़र्ज माफ़ किया. हम किसी को कर्ज़ लेने में विश्वास नहीं करते हैं, हमने किसानों के खाते में पैसे भेजे.
  • देश के किसी भी घर में बीमारी आती है तो 5 लाख रुपये तक का इलाज हर परिवार को दिया जा रहा है जिसमें 200 रुपये घर तक ले जाने के लिए भी हैं.
  • कोरोना के ख़िलाफ़ भारत सफलता से लड़ पाया क्योंकि मोदी जी ने 130 करोड़ जनता को कोरोना वैक्सीन दी.
  • लॉकडाउन लगा तो कहा गया कि ग़रीब का क्या होगा, मोदी जी ने प्रति व्यक्ति हर महीने पांच किलो अनाज दिया जो आज भी जारी है.
  • इस सदन में एक ऐसे नेता हैं जिनको आज तक 13 बार राजनीति में लॉन्च किया गया है और वो 13 बार फ़ेल हुए हैं. उनका एक लॉन्चिंग मैंने यहां देखा है, बुंदेलखंड की बहन कलावती के घर भोजन करने गए और ग़रीबी का वर्णन किया. बाद में इनकी सरकार छह साल चली, मैं उनसे पूछना चाहता हूं उस कलावती का क्या करा. उस कलावती को गैस, पानी, शौचालय, इलाज देने का काम मोदी जी ने किया.

पाकिस्तान पर क्या कहा

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के दौरान पाकिस्तान को ‘आतंक फ़ैलाने’ की कीमत चुकानी पड़ी है.

लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है, “यूपीए की सरकारों के दौरान जहां सरहाद पार से घुसपैठ आम बात थी, कोई भी कहीं से भी देश में घुस कर आतंक की कार्रवाई करता था.”

उन्होंने कहा, “सेना के जवानों के सिर काट कर ले जाते थे. लेकिन मोदी सरकार के आने के बाद वहां घर में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की गई.”

उन्होंने कहा, ‘मोदी सरकार के नेतृत्व में, हमारी ज़मीन पर आतंक फैलाने के लिए पाकिस्तान को कीमत चुकाने के लिए मजबूर किया गया. ये संभव सिर्फ मोदी सरकार में ही संभव हुआ.’

संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए गृहमंत्री ने कहा कि इस अविश्वास प्रस्ताव का मकसद जनता में भ्रम पैदा और भ्रांति खड़ा करना है. ये जनता की इच्छा तो कतई नहीं है.

‘जनता में भी विश्वास है क्योंकि देश के 60 करोड़ गरीबों के जीवन में आशा का संचार मोदी सरकार ने किया है.’

कश्मीर पर क्या बोले

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा है कि नरेंद्र मोदी की सरकार की नीतियों से जम्मू कश्मीर विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है. वहां बदलाव साफ़ नज़र आ रहा है.

लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कश्मीर पर अमित शाह ने कहा, ” हम न तो जमीयत से, न हुर्रियत से और न ही पाकिस्तान से बात करेंगे.”

उन्होंने कहा, “हम घाटी के युवाओं से बात करेंगे.”

अमित शाह ने कहा, “पहली बार हुआ है कि 33 साल बाद श्रीनगर में थिएटर खुला, नाइट शो शुरू हुए, अमन कायम हुआ है.”

अमित शाह ने कहा कि विपक्ष ने कहा था, “370 हटाने प खून की नदियां बह जाएंगी लेकिन किसी को एक कंकड़ फेंकने की भी हिम्मत नहीं हुई.”

मणिपुर पर अमित शाह ने क्या कहा

पीएम मोदी नौ साल में 50 से ज़्यादा बार नॉर्थ-ईस्ट गए. पीएम मोदी ने नॉर्थ-ईस्ट से दिल से दूरी कम करने का काम किया है. नॉर्थ-ईस्ट में शांति काग़ज़ी नहीं है बल्कि इसके पीछे रणनीति और मेहनत है.

आपके (यूपीए) समय में नॉर्थ ईस्ट के आठों राज्य आग की लपटों में रहते थे.

विपक्ष की बात से सहमत हूं कि मणिपुर में हिंसा का तांडव हुआ है लेकिन उनसे ज़्यादा दुखी हम हैं. शर्म की बात है कि वहां जिस तरह की घटनाएं हुई हैं लेकिन उन घटनाओं पर राजनीति करना उससे भी ज़्यादा शर्मनाक है.

ये भ्रांति देशभर में फैलाई गई है कि ये सरकार मणिपुर पर चर्चा करने के लिए तैयार नहीं है. सत्र शुरू नहीं हुआ था, मैंने उससे पहले स्पीकर को पत्र लिखकर कहा था कि इस पर चर्चा के लिए तैयार हैं.

हम पहले दिन से चर्चा के लिए तैयार हैं लेकिन वो (विपक्ष) चर्चा के लिए तैयार नहीं हैं. गृह मंत्री को मणिपुर जैसे मुद्दे पर सुनना नहीं चाहते हैं, आप (गृह मंत्री) मुझे चुप नहीं कर सकते हैं 130 करोड़ लोगों ने हमें चुनकर भेजा है.

मणिपुर में छह साल से बीजेपी की सरकार है लेकिन वहां कभी कर्फ़्यू नहीं लगा. 2021 में म्यांमार में सत्ता परिवर्तन हुआ और मिलिट्री शासन आया है. कुकी डेमोक्रेटिक फ़्रंट ने लोकतांत्रिक शासन का आंदोलन शुरू किया तो मिज़ोरम और मणिपुर में कुकी भाई शरणार्थी के तौर पर आए.

2022 में हमने भारत-म्यांमार बॉर्डर पर फेंसिंग शुरू की, हमने 10 किलोमीटर ट्रायल फेंसिंग हो चुकी है 60 किलोमीटर की फ़ेंसिंग चालू है ताकि काम पूरा हो.

जनसांख्यिकी के बदलाव का डर रहता है क्योंकि घाटी में मैतेई भाई और जंगल में कुकी और नागा भाई रहते हैं.

29 अप्रैल 2023 को अफ़वाह फैल गई कि जंगल गांव घोषित किया गया जिससे एक अनरेस्ट घोषित हो गया. आग में तेल डालने का काम हाई कोर्ट के फ़ैसले ने किया कि 29 अप्रैल से पहले मैतेई लोगों को ट्राइबल घोषित कर दिया जाए. इसके बाद दंगे शुरू हो गए.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को मणिपुर के वायरल वीडियो पर भी बात की.

अमित शाह ने कहा, “चार मई के दुर्भाग्य दिन की ये घटना थी. दुनिया में किसी भी महिला के साथ ऐसी घटना होना बहुत दुखद है.”

उन्होंने कहा, “चार मई का वीडियो संसद सत्र के एक दिन पहले ही क्यों आया, ये भी सवाल उठा. अगर किसी के पास वीडियो था तो उसे पुलिस को देना चाहिए था. सार्वजनिक करना चाहिए था. कम से कम उस महिला के सम्मान की तो सोचना चाहिए.”

“अगर ये वीडियो चार को ही मिलता तो पांच मई तक उस मामले में कार्रवाई हो जाती.”

शांति के लिए किये गए प्रयासों के बारे में उन्होंने कहा, “मैं मणिपुर में तीन दिन और तीन रात रहा. गृह राज्यमंत्री नित्यानंद 23 दिन तक वहां रहे. इस मामले की जांच के लिए आयोग बनाया गया.”

उन्होंने कहा कि 36,000 पैरा मिलिट्री सुरक्षाबल मैतेई और कुकी इलाकों के बीच बफर जोन में है. राज्य में यूनीफ़ाइड सुरक्षा कमांड बनाई गई है.

उन्होंने कहा, “हम घुसपैठ को रोकेंगे और म्यांमार से भी बात की है और इस ओर हर संभव कोशिश की जाएगी.”

अमित शाह ने कहा, “मैं विपक्ष की इस बात से सहमत हूं कि वहां हिंसा का तांडव हुआ है लेकिन हम मानते हैं कि जो हुआ है वो शर्मनाक है लेकिन उस पर राजनीति करना उससे भी शर्मनाक है.”

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