DMT : बेंगलुरू : (05 सितंबर 2023) : – चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर 23 अगस्त को उतरे चंद्रयान-3 के ‘विक्रम’ लैंडर ने एक बेहद अहम प्रयोग से गुजरते हुए चांद की सतह से छोटी-सी उड़ान भरी और कुछ दूरी पर दोबारा सॉफ्ट लैंडिंग की। इस सफलता के बाद यह स्लीप मोड (सुप्तावस्था) में चला गया है। इससे पहले रोवर ‘प्रज्ञान’ शनिवार को सुप्तावस्था या निष्िक्रय अवस्था में चला गया था। चंद्रमा पर रात गुजरने के बाद 22 सितंबर के आसपास इनके दोबारा सक्रिय होने की उम्मीद है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को बताया कि विक्रम की दोबारा सॉफ्ट लैंडिंग की प्रक्रिया से भविष्य के चंद्र मिशनों में मदद मिलेगी, जहां पृथ्वी पर नमूने भेजे जा सकते हैं। इससे भी ज्यादा, चंद्रमा पर मानव अभियान को लेकर आशाएं बढ़ गई हैं। इसरो ने सोशल मीडिया पर बताया, विक्रम लैंडर अपने उद्देश्यों को पूरा करने की दिशा में और आगे बढ़ा। यह उम्मीद भरे एक प्रयोग से सफलतापूर्वक गुजरा। कमांड मिलने पर विक्रम ने इंजनों को ‘फायर’ किया, अनुमान के मुताबिक करीब 40 सेंटीमीटर तक खुद को ऊपर उठाया और आगे 30-40 सेंटीमीटर की दूरी पर सुरक्षित लैंड किया। सॉफ्ट लैंडिंग के बाद इसने अपने रैम्प को दोबारा खोला और उपकरणों को चालू किया।
चांद पर रात
इसरो ने बताया कि विक्रम लैंडर भारतीय समयानुसार सोमवार सुबह करीब 8 बजे सुप्तावस्था में चला गया। इससे पहले जो आंकड़े संग्रहित किये गये थे, उन्हें पृथ्वी पर भेजा गया। पेलोड को बंद कर दिया गया, जबकि लैंडर के रिसीवर को चालू रखा गया है। इसरो ने पहले ही कहा था कि चंद्र मिशन के रोवर और लैंडर चंद्रमा पर रात के दौरान सौर ऊर्जा न मिलने के कारण निष्िक्रय अवस्था में चले जाएंगे।