जमीन में पानी, सब्जियां आसमान पर… टमाटर नकचढ़ा, अदरक पूरी ‘मरोड़’ में

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DMT : चंडीगढ़ : (02 जुलाई 2023) : –

बारिश की वजह से सब्जियों के भाव आसमान छू रहे हैं। दाल-सब्जियों को जायकेदार बनाने वाले ‘तड़के’ यानी टमाटर, अदरक और लहसुन की कीमतें काबू नहीं हो पा रही हैं। इनके साथ अब प्याज भी छलांग लगाकर रुलाने की तैयारी में है। बारिश की वजह से राजस्थान और महाराष्ट्र में प्याज की फसल भी खराब होने की सूचना है।

बरसात के दिनों में हर साल ही सब्जियों के रेट बढ़ते हैं, लेकिन टमाटर की कीमत पहले इतनी कभी नहीं बढ़ी। चंडीगढ़ के सेक्टर-26 स्थित सब्जी मंडी के प्रधान मोहम्मद इदरीश ‘देसराज’ कहते हैं कि अगले कुछ दिनों तक राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। नासिक और राजस्थान से टमाटर की सप्लाई शुरू होने के बाद भाव कुछ कंट्रोल हो सकते हैं। अदरक को लेकर उन्होंने कहा कि लोगों ने इसे स्टोर किया हुआ है। अभी यह असम, बेंगलुरु और कर्नाटक से आ रही है। वहीं, लहसुन की सप्लाई बिलासपुर, यूपी और जालंधर आदि से होती है। लोगों ने इसे भी गोदामों में स्टोर किया हुआ है। वे और रेट बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं।

पंचकूला के सेक्टर-14 की सब्जी मंडी के मांगेराम व रोशन का कहना है कि  टमाटर जल्दी खराब होने वाली फसल है। बारिश की वजह से उत्पादन पर असर पड़ा है। हरियाणा व पंजाब में टमाटर अब खत्म हो गया है। ऐसे में भाव आसमान छू रहे हैं। गृहणी मोनिका और सविता का कहना है कि सब्जियों की बढ़ी कीमतों ने किचन का बजट बिगाड़ दिया है, 12 से 15 रुपये का एक टमाटर बिक रहा है।

थोक में सब्जियों की सप्लाई करने वाले सुदर्शन का कहना है कि घीया, तोरी, कद्दू, शिमला मिर्च, बीन्स आदि के भाव इन दिनों आम लोगों की पहुंच में होते थे, लेकिन इस बार इनकी भी कीमत काफी बढ़ गई है। ट्राईसिटी– चंडीगढ़, पंचकूला व मोहाली की सब्जी मंडियों में इन दिनों टमाटर की सप्लाई मुख्य रूप से शिमला, सोलन व पहाड़ के दूसरे इलाकों से हो रही है। लोकल टमाटर खत्म होने की वजह से कीमतों में बढ़ोतरी हुई है।

सड़कों पर उतरेंगी महिलाएं :  जनवादी महिला समिति की प्रधान जगमति सांगवान ने कहा कि दिल्ली की तरह हरियाणा, पंजाब में भी राशन डिपो के माध्यम से कम कीमत में सब्जियां मिलनी चाहिए। समिति की राष्ट्रीय कमेटी ने महंगाई के खिलाफ सड़कों पर उतरने का निर्णय लिया है। रविवार को आंदोलन का ऐलान किया जा सकता है।

रिटेल माफिया का भी रोल  

कृषि विशेषज्ञ देविंदर शर्मा के अनुसार, यह मौसम क्रॉप के जाने का है। दूसरी फसल की तैयारी हो चुकी है। नयी फसल मार्केट में आने के बाद स्थिति सामान्य हो सकती है। टमाटर, अदरक आदि की शॉर्टेज तो है ही, साथ ही रिटेल माफिया का भी महंगाई बढ़ाने में बड़ा रोल है। टमाटर की कमी बारिश की वजह से भी है। उनका कहना है कि सेब भी 50 प्रतिशत कम होने की आशंका है। ऐसे में इसके भी दाम बढ़ सकते हैं।

आम लोगों की पहुंच से दूर हो रही सब्जियां 

सब्जी           थोक        परचून

अदरक           270         350-400

लहसुन           120         170-180

टमाटर           70-80      100-120

घीया              40              70-80

तोरी              50              100-120

भिंडी             50              70-80

मटर             60               90-100

शिमला मिर्च   50              70-80

बैंगन             40              50-60

नीबू              70             100-120

खीरा             40             60-70

कद्दू           25             40-50

बीन्स           50             70-80

मिर्च            50             80

प्याज           24             30-33

दाम प्रति किलो

दो हफ्ते बाद राहत की आस 

हमारे यहां के टमाटर जून के दूसरे सप्ताह तक खत्म हो जाते हैं। इसके बाद दक्षिण भारत के राज्यों से सप्लाई होती है। इस बार वहां अत्यधिक बारिश की वजह से फसलें खराब हुई हैं। ऐसे में सप्लाई नहीं हो रही। इसी वजह से टमाटर के रेट बढ़े हैं। बारिश का असर दूसरी सब्जियों पर भी पड़ा है। करीब दो सप्ताह बाद लोकल टमाटर फिर से मार्केट में आ जाएंगे। इसके बाद भाव नीचे आ सकते हैं, हालांकि बहुत कुछ बारिश पर निर्भर करेगा। बारिश की वजह से पके हुए टमाटर खराब हो जाते हैं।

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