ट्रंप ने परमाणु हथियार के दस्तावेज़ रखे थे बाथरूम में, जानिए कोर्ट में क्या हुआ

Hindi New Delhi

DMT : नई दिल्ली : (14 जून 2023) : –

गोपनीय दस्तावेज़ों को ग़लत तरीक़े से रखने के मामले में मंगलवार को अमेरिका के मियामी की फ़ेडरल कोर्ट में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पेश हुए.

डोनाल्ड ट्रंप ने ख़ुद को बेगुनाह बताया. ट्रंप के पहले किसी भी पूर्व या पद पर रहने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस तरह के आपराधिक मामलों का सामना नहीं किया था.

इस साल दूसरी बार कोर्ट में पेश हुए ट्रंप गहरे काले रंग का सूट में थे और लाल टाई पहन रखी थी. वह कोर्ट में हाथ बांधे हुए चुपचाप बैठे रहे.

इसके बाद रिपब्लिकन नेता ट्रंप न्यू जर्सी के बेडमिंस्टर में अपने गोल्फ़ क्लब चले गए, जहां पर उन्होंने अपने समर्थकों को संबोधित किया.

अमेरिका के झंडे के आगे खड़े होकर उन्होंने भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि उनके पास हर गोपनीय दस्तावेज़ को रखने के ‘सभी अधिकार’ थे लेकिन उनके पास ‘हर बॉक्स को देखने का मौक़ा नहीं था.’

2024 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवारों की सूची में वो सबसे आगे हैं.

ट्रंप ने क्या किया दावा और क्या हैं आरोप

ट्रंप ने कहा कि उन्होंने क़ानूनों का पालन किया है. ट्रंप ने कथित निराधार आरोपों और शिकायतों की एक सूची गिनाई. ये वो आरोप थे जो राष्ट्रपति जो बाइडन से लेकर उनकी प्रतिद्वंद्वी हिलेरी क्लिंटन उन पर लगा चुके हैं.

इससे पहले दिन में मियामी के लिए निकलते हुए ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ट्रुथ सोशल पर अपने प्रशंसकों का शुक्रिया अदा किया.

उन्होंने लिखा, “हमारे देश के लिए ऐसे दुखभरे दिन, इस तरह गर्मजोशी से स्वागत.”

इसके कुछ घंटों के बाद ट्रंप मियामी शहर के फ़ेडरल कोर्ट की 13वीं मंज़िल के कमरे में पहुंचे. उन्होंने अपने वकील की ओर देखा, जिसके बाद उन्होंने ख़ुद को दोषी नहीं ठहराया.

अवैध तरीक़े से गोपनीय दस्तावेज़ रखने और सरकार के वापस लेने की कोशिशों को बाधित करने से संबंधित 37 आरोप उन पर लगाए गए हैं.

उनके वकील टॉड ब्लांच ने जज से कहा, “हम निश्चित रूप से दोषी न होने की दलील दर्ज करते हैं.”

इस मामले में सह-अभियुक्त और ट्रंप के क़रीबी सहयोगी वॉल्ट नॉटा भी उनके साथ कोर्ट में नज़र आए. वो उसी टेबल पर बैठे थे, जिस पर पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप बैठे थे.

कमरे में उनके दूसरी ओर पूरा अभियोजन दल था, जिसमें स्पेशल काउंसल जैक स्मिथ भी थे, जिन्होंने पिछले सप्ताह इस केस की शुरुआत की घोषणा की थी.

76 साल के पूर्व राष्ट्रपति को कोर्ट ने बिना किसी प्रतिबंधों के घरेलू या अंतरराष्ट्रीय यात्रा करने की अनुमति दे दी.

लेकिन ट्रंप को नॉटा के साथ इस मामले में कोई भी चर्चा करने की अनुमति नहीं होगी.

सुनवाई के बाद रिपब्लिकन नेता ट्रंप अपने समर्थकों का आभार जताते हुए अपने क़ाफ़िले के साथ कोर्ट हाउस से निकल गए.

हालांकि इस दौरान उनकी कार के क़ाफ़िले के आगे उनके विरोधी भी आ गए. सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें पीछे हटा दिया. शांति भरे पूरे दिन में पहली दफ़ा ऐसा कुछ अजीब हुआ था.

ट्रंप और उनकी पूरी सुरक्षा टीम मियामी के लिटिल हवाना के प्रसिद्ध क्यूबन रेस्टॉरेंट पहुंची. वहां पर उनके समर्थक इकट्ठा थे और पूर्व राष्ट्रपति के साथ तस्वीर लेना चाहते थे.

उन्होंने एक प्रार्थना सभा में भाग लिया, जहां पर उनके लिए ‘हैपी बर्थडे टू यू’ भी गाया गया क्योंकि आज उनका 77वां जन्मदिन है.

पूर्व राष्ट्रपति की पूर्व वकील एलीना हब्बा ने पूर्व राष्ट्रपति के दावों को दोहराते हुए कोर्ट के बाहर मीडिया से कहा कि ये आरोप राजनीति से प्रेरित हैं.

उन्होंने पत्रकारों से कहा, “हम अपने राष्ट्र के इतिहास में एक अहम मोड़ पर हैं, एक प्रमुख राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को अभियोजन पक्ष निशाना बना रहा है, ऐसी तानाशाही क्यूबा और वेनेज़ुएला में दिखती है.”

उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप के साथ जो कुछ हुआ है वो देश के सभी नागरिकों को डराएगा.”

ट्रंप के बंगले से क्या मिला था?

सुनवाई से पहले कोर्ट अधिकारियों ने कहा कि ट्रंप के मगशॉट (पुलिस रिकॉर्ड के लिए तस्वीर लेना) नहीं लिए गए लेकिन डिज़िटली फ़िंगरप्रिंट लिए गए है और डीएनए सैंपल जमा करने के लिए कहा गया है.

ट्रायल की तारीख़ अभी तक तय नहीं की गई है. हालांकि ये मामला अब भी एलीन कैनन के लिए निर्धारित किया गया है. दक्षिण फ़्लोरिडा में फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट जज कैनन को ट्रंप ने ही नियुक्त किया था.

ट्रंप पर ये केस शुक्रवार को दर्ज हुआ था. अगस्त में एफ़बीआई एजेंट्स को फ़्लोरिडा में ट्रंप के ‘मारा लागो’ बंगले में 100 से अधिक गोपनीय दस्तावेज़ मिले थे.

उन्होंने आरोप लगाया था कि इन दस्तावेज़ों में अमेरिका समेत कई देशों के रक्षा और हथियार क्षमताओं की जानकारियां थीं. इसके साथ ही विदेशी हमले की सूरत में क्या संभावित जवाब होगा उस योजना की भी जानकारी थी.

अभियोजन पक्ष ने ट्रंप पर फ़ाइलों को रोके रखने और कुछ को बॉलरूम और बाथरूम में रखने का आरोप लगाया. इसके साथ ही उन पर एक साथी के ज़रिए एफ़बीआई की जांच में बाधा डालने और साज़िश में शामिल होने का भी आरोप है.

ट्रंप को कितनी सज़ा हो सकती है?

हालांकि ट्रंप की इन क़ानूनी मुश्किलों से उनको लेकर रिपब्लिकन वोटरों में उनका समर्थन ख़त्म नहीं हो रहा है.

अमेरिका में बीबीसी के सहयोगी सीबीएस ने एक सर्वे में पाया है कि 76 फ़ीसदी रिपब्लिकन प्राइमरी वोटर्स इस मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा के ख़तरे की तुलना में इसे राजनीति से प्रेरित अधिक मानते हैं.

प्रोटोकॉल के तहत माना जाता है कि अमेरिका में क़ानून लागू करने वाले क़ानून मंत्रालय को व्हाइट हाउस से इतर स्वतंत्र तौर पर काम करना चाहिए. गोपनीय फ़ाइलों के मामले में राष्ट्रपति बाइडन भी एक अलग जांच का सामना कर रहे हैं.

उन्होंने बीते सप्ताह कहा, “मैंने आज तक कभी भी क़ानून मंत्रालय से नहीं कहा है कि उन्हें क्या करना चाहिए.”

क़ानूनी जानकारों का मानना है कि ट्रंप अगर दोषी पाए जाते हैं तो इस आपराधिक मामले में उन्हें पर्याप्त जेल हो सकती है.

उधर दूसरी ओर ट्रंप ने घोषणा कर दी है कि फ़ैसला चाहे जो भी हो वो अपना राष्ट्रपति पद के लिए अभियान जारी रखेंगे.

तीन महीनों से भी कम समय में ट्रंप दूसरी बार कोर्ट में पेश हुए हैं. अप्रैल में वो न्यूयॉर्क कोर्ट में पोर्न स्टार को पैसे देने के मामले में पेश हुए थे.

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