DMT : मोहाली/चंडीगढ़ : (01 जून 2023) : –
पंजाब की भगवंत मान सरकार की कैबिनेट में बुधवार को दो नये मंत्री- गुरमीत खुडियां और बलकार सिंह शामिल किए गए। पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने यहां राजभवन में उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री भगवंत मान भी इस दौरान वहां मौजूद रहे। इसके साथ ही कुल पांच मंत्रियों के विभागों में फेरबदल किया गया।
खुडियां को कृषि एवं किसान कल्याण, पशुपालन, मत्स्य पालन, डेयरी विकास और खाद्य प्रसंस्करण विभागों का प्रभार और बलकार को स्थानीय सरकार एवं संसदीय मामलों का प्रभार सौंपा गया। पहले कृषि एवं किसान कल्याण विभाग कुलदीप सिंह धालीवाल के पास था। धालीवाल के पास एनआरआई मामलों का विभाग पहले से है। उन्हें प्रशासनिक सुधार विभाग भी दिया गया। गुरमीत सिंह मीत हेयर को भूमि संरक्षण एवं जल विभाग दिया गया है। हेयर के पास पहले से जल संसाधन, खान एवं भूविज्ञान, विज्ञान, प्रौद्योगिकी तथा पर्यावरण, खेल एवं युवा सेवा विभाग है। लालजीत सिंह भुल्लर को ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग दिया गया, जो पहले धालीवाल के पास था। भुल्लर परिवहन विभाग भी संभालते हैं। गुरमीत सिंह खुडियां (60) लंबी सीट से विधायक हैं। 2022 के चुनाव में उन्होंने प्रकाश सिंह बादल को उनके गढ़ में 11,396 मतों के अंतर से मात दी थी। पहली बार विधायक बने खुडियां 2021 में कांग्रेस छोड़कर ‘आप’ में शामिल हुए थे। बलकार सिंह (60) जालंधर में करतारपुर आरक्षित सीट से विधायक हैं। सिंह एक पूर्व पुलिस अधिकारी हैं। पंजाब में 14 महीने पुरानी मान के नेतृत्व वाली सरकार का यह तीसरा मंत्रिमंडल विस्तार है। भगवंत मान सरकार ने जुलाई 2022 में अपना पहला मंत्रिमंडल विस्तार किया था, जिसमें पार्टी के पांच विधायकों को मंत्री बनाया गया था। इस साल जनवरी में डॉ. बलबीर सिंह को फौजा सिंह सारारी के इस्तीफे के बाद मंत्री बनाया गया था।
डेढ़ साल में तीन मंत्रियों की छुट्टी
पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार में इंद्रबीर सिंह निज्जर तीसरे ऐसे मंत्री हैं जिन्हें अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी है। सरकार में सबसे पहले विजय सिंगला को भ्रष्टाचार के आरोपों में न केवल मंत्री पद छोड़ना पड़ा था, बल्कि उनके खिलाफ मामला भी दर्ज करवाया गया था। भ्रष्टाचार के ही एक मामले में फौजा सिंह सरारी की भी मंत्रिमंडल से छुट्टी हुई थी। इधर, निज्जर ने पार्टी लाइन से अलग जाकर सरकार द्वारा एक केस में करवाई जा रही विजिलेंस जांच का विरोध किया था। बताया जा रहा है कि निज्जर का यही बयान उनकी छुट्टी का कारण बना है।
माझा का कद घटा, दोआबा हुआ मजबूत
मंत्रिमंडल विस्तार के बाद पंजाब के माझा क्षेत्र का दबदबा कम होकर दोआबा क्षेत्र मजबूत हो गया है। विधानसभा चुनाव के दौरान माझा क्षेत्र में आम आदमी पार्टी को 25 में से 16 सीटें मिली थीं। सरकार में भी उसी के हिसाब से पांच मंत्रियों को जगह दी गई थी। मंत्री निज्जर के इस्तीफे के बाद मान सरकार ने माझा से तो कोई मंत्री नहीं बनाया, अलबत्ता दोआबा से एक और मंत्री बना दिया। माझा से अब 4 मंत्री रह गए हैं, जबकि 69 में से 66 सीटें देने वाले मालवा क्षेत्र में अब मुख्यमंत्री समेत मंत्रियों की संख्या 10 हो गई है। इसी तरह से आप को 18 में से 9 सीटें देने वाले दोआबा से दो मंत्री हो गए हैं।